अयोध्या में ‘नित्य रामकोट’ परिक्रमा का एक माह पूरा:संतों के साथ श्रद्धालुओं का समूह शामिल हो रहा,आस्था का प्रमुख केंद्र बनीं
अयोध्या धाम में धर्म अनुरागियों के प्रयास से शुरू ‘नित्य रामकोट’ परिक्रमा ने आज एक माह का सफर पूरा कर लिया है।
परिक्रमा की विशेषता यह रही कि स्थानीय भक्त जनों के साथ ही राम मन्दिर दर्शन के लिये प्रतीक्षारत श्रद्धालुओं ने भी हर्षोल्लास के साथ भाग लिया। देश भर के जो संत अयोध्या आए उन्होंने न केवल इस प्रयास की सराहना की बल्कि परिक्रमा में शामिल हुए और उसको जमकर सराहा भी। कामदगिरि और गोवर्द्धन की तरह आकार देने की कोशिश परिक्रमा समिति के वरिष्ठ पदाधिकारी डाक्टर चंद्र गोपाल पांडेय के अनुसार वास्तव में इसका उद्देश्य भी यही है कि यह कामदगिरि (चित्रकूट) और गोवर्द्धन (मथुरा) जैसी परिक्रमा का स्वरूप प्राप्त करें। उल्लेखनीय है कि इन दोनों तीर्थ स्थलों को जाने वाले श्रद्धालु मंदिर दर्शन से पहले या बाद में परिक्रमा अवश्य करते हैं। उन्होंने बताया कि श्री अयोध्या धाम का रामकोट क्षेत्र मंदिर संकुल है। यहां प्रमुख मंदिरों में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर,हनुमान गढी, कनक भवन ,दशरथ महल ,सुग्रीव किला व मत गजेंद्र मंदिर हैं। अनादिकाल से रामकोट की प्रदक्षिणा जनश्रुतियों में है।यहां निवासी कुछ साधु-संत और गृहस्थ प्रतिदिन अपनी सुविधा अनुसार पौराणिक तीर्थस्थलों की परिक्रमा करते रहे हैं। इस परिक्रमा का इतिहास ऋग्वेद और अथर्ववेद जितने पुराने ग्रंथों से जुड़ा है, जहाँ पवित्र स्थलों का उल्लेख मिलता है। यह परंपरा वैदिक काल के बाद और अधिक लोकप्रिय हुई, जब लोगों ने चार धाम (बद्रीनाथ, द्वारका, रामेश्वरम, जगन्नाथपुरी अयोध्या मथुरा काशी) जैसी जगहों की परिक्रमा शुरू की, जिससे भारतीय संस्कृति की एकता बनी रही। परिक्रमा करने के पीछे धार्मिक मान्यताएं, जैसे देवताओं को प्रसन्न करना, मन्नतें मांगना और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करना शामिल हैं। पौराणिक मान्यताओं के अनुसार त्रिलोक के स्वामी प्रभु श्री राम का बाल जन्म स्थान जो अब विश्व प्रसिद्ध मंदिर सुंदर छवि भव्यता वाला,लोगों को लुभा रहा हो ऐसे में पौराणिक रामकोट की परिक्रमा का फल कलयुग में अमृत की तरह अनंत फल दाई है।
13वें दिन की परिक्रमा में शामिल वेदपाठी बटुक और 1 9 वें दिन भारी संख्या में संत और समाज के लोगों ने परिक्रमा में शामिल होकर अपनी आस्था निवेदित की।
परिक्रमा के 20 वां दिन है ।भारी संख्या में संत और समाज के लोगों ने परिक्रमा में शामिल होकर अपनी आस्था निवेदित की। आज सुदूर हाजीपुर बरसेड़ी से दर्जनों श्रद्धालुओं के साथ आये कृष्ण कुमार पांडेय खुन्नू पाण्डेय परिक्रमा में शामिल हुए । अयोध्या के संतों में हनुमानगढ़ी के सरपंच महंत राम दास,हनुमानगढ़ी के पुजारी रमेश दास,कनक आश्रम के महंत जयराम दास,वामन मंदिर के महंत वैदेही वल्लभ शरण,बधाई भवन के महंत राजीव लोचन शरण और महंत धनुषधारी शुक्ल आदि शामिल होकर श्रद्धालुओं का उत्साह वर्द्धन करते रहे हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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