अयोध्या में कैंसर पीड़ित छात्रा ने फंदा लगाकर जान दी:सुसाइड नोट में लिखा- मां-पापा माफ करना, परिवार बोला- गांठ को कैंसर समझ बैठी

अयोध्या में बुधवार को बीए की छात्रा ने फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को जैसे ही जानकारी हुई अस्पताल लेकर भागे लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस को मौके से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें छात्रा ने खुद को कैंसर पीड़ित बताया है और माता-पिता व भाई से आत्महत्या करने के लिए क्षमा मांगी है। पूरा मामला बलारमऊ पूरे पंडित गांव का है। बुधवार रात युवती ने किया सुसाइड बुधवार शाम वह अपने कमरे में अकेली थी, जबकि परिवार के सदस्य खेत खलिहान में गए हुए थे और बड़ा भाई अंकित बाजार गया हुआ था। इसी दौरान अंजू ने दुपट्टे के सहारे पंखे की हुक से लटककर आत्महत्या कर ली। परिवार के लोग जब लौटे, तो उन्होंने उसे फंदे से उतारकर सौ शैय्या संयुक्त चिकित्सालय, कुमारगंज पहुंचाया। वहां डॉ. तनुज कुमार चौधरी और फार्मासिस्ट शिवाजी ने जांच के बाद छात्रा को मृत घोषित कर दिया। सुसाइड नोट मिला
अस्पताल प्रशासन की सूचना पर कुमारगंज पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पंचनामा भरा और पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में मौत का कारण ‘हैंगिंग’ बताया गया है। इसकी पुष्टि थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने की है। पुलिस ने जांच-पड़ताल के बाद काफी प्रयास करके सुसाइड नोट बरामद किया। चौकी प्रभारी एनडीए के अनुसार, अंजू ने नोट में लिखा था कि वह कैंसर से पीड़ित थी और यह बात किसी को बता नहीं पा रही थी। उसने अपने माता-पिता और भाई से इस कदम के लिए क्षमा भी मांगी। कैंसर की आशंका से बढ़ा तनाव
ग्रामीणों में चर्चा है कि अंजू ने भवानीगढ़ बाजार के एक डॉक्टर को दिखाया था, जिसने उसके शरीर में मौजूद गांठ (गिल्टी) को कैंसर बताया था। इसके बाद से वह काफी परेशान रहती थी। परिजनों के अनुसार, अंजू सोचने लगी थी कि अगर उसे कैंसर की बीमारी है तो पूरा परिवार इलाज में बर्बाद हो जाएगा। इसी वजह से उसने यह कदम उठा लिया। थानाध्यक्ष ओमप्रकाश ने बताया कि परिजनों की ओर से अभी तक कोई लिखित तहरीर नहीं दी गई है। यदि तहरीर मिलती है तो मामले की आगे की जांच कर उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

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