अयोध्या की रामलीला का 10 वां दिन:कुंभकरण और मेघनाथ वध का मंचन, रावण वध के साथ लीला संपन्न

अयोध्या की रामलीला में रविवार की रात दर्शकों ने वह अद्भुत दृश्य देखे जिनका इंतजार पूरे साल रहता है। मंचन की शुरुआत गणेश वंदना से हुई। इसके बाद एक-एक कर रामकथा के महत्वपूर्ण प्रसंग मंच पर जीवंत हुए। हनुमान लाए संजीवनी बूटी
लीला में लक्ष्मण मूर्छित होकर रणभूमि में गिर जाते हैं। हनुमान जी हिमालय से संजीवनी बूटी लाकर उन्हें जीवनदान देते हैं। इसके बाद कुंभकरण का युद्ध का प्रसंग हुआ। विभीषण की समझाइश के बावजूद कुंभकरण रावण का साथ नहीं छोड़ते और रणभूमि में आते हैं। भगवान श्रीराम के हाथों उनका वध होता है। तस्वीरें देखिए मेघनाथ का अंत
कुंभकरण के वध की खबर से रावण दरबार में शोक छा जाता है। मेघनाथ युद्ध की तैयारी करते हैं और यज्ञ अनुष्ठान के बाद रणभूमि में आते हैं। लक्ष्मण और मेघनाथ का भीषण युद्ध होता है और मेघनाथ का वध हो जाता है। मेघनाथ की मृत्यु के बाद उसकी पत्नी सुलोचना राम डलवा अपने पति का कटा हुआ शीश मांगने पहुंची। भगवान श्री राम के आदेश पर हनुमान ने मेघनाथ का सिर कटा हुआ सर उसकी पत्नी सुलोचना को सौंप दिया। रावण की आज्ञा लेने के बाद अहिरावण राम और लक्ष्मण के पास जाने के लिए प्रस्थान करता है। रावण वध और लीला का समापन
अंतिम प्रसंग में रावण स्वयं युद्ध के लिए निकलता है। श्रीराम के बाणों से उसका वध होता है। इसके बाद प्रभु श्रीराम, सीता माता और हनुमान जी की आरती हुई और रामलीला का समापन हुआ। कलाकारों की शानदार भूमिका अन्य कलाकारों ने भी अपनी भूमिकाओं से दर्शकों का मन मोह लिया।

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