अफसर बोला-तुमको हम ठीक कर देंगे,बड़े समाजसेवी बने हो:हाॅट-टाॅक का ऑडियो वायरल, विभाग में करोड़ाें के घोटाले की जांच का मामला
प्रयागराज विकास प्राधिकरण के अफसर व शिकायतकर्ता के बीच हाॅट-टाॅक का ऑडियो वायरल हो गया है। ऑडियो में दोनों व्यक्ति आपस में बहस कर एक दूसरे को धमकियां देते सुनाई पड़ रहे हैं। वायरल ऑडियो डेढ़ माह पुराना बताया जा रहा है। फोन काल के ऑडियो में अफसर शिकायत करने वाले व्यक्ति को ठीक करने की बात बार-बार कह रहा है, क्योंकि पीड़ित व्यक्ति अफसर के खिलाफ मोर्चा खोल कर धरना प्रदर्शन कर सरकार के सामने टेंडर प्रक्रिया के हो रही हेरफेर लाने की बात कह रहा है। सबसे पहले पढ़िये वायरल 3.44 मिनट का आडियो … अफसर : “क्या लिखते रहते हो भाई तुम व्हाट्सअप पर शिकायतकर्ता : फाइल का अवलोकन कराना है। अफसर : लिख कर फोन पर धमकाते रहते हो शिकायतकर्ता : एक साल से जांच नहीं कर रहे है घोटाला किए हो, हम धमका रहे है। अफसर : दिमाग खराब है तुम्हारा, तुम आओ तुमको ठीक कर देंगे। तुम जानते नहीं हो शिकायतकर्ता : करना ठीक तुम! आ रहा हूँ मैं ! अफसर : धमकी दोगे? धरने पर बैठोगे? शिकायतकर्ता : घोटाला किए हो आप लोग जांच भी न कराये। जांच नहीं करा रहे हो उल्टे मुझे धमकी दे रहे हो। अफसर : तुमको हम ठीक कर देंगे जो बड़े समाज सेवी बने बैठे हो। शिकायतकर्ता : अगर आप जांच नहीं कराएंगे तो हम धरना देने सरकार तक तुम जैसे अफसरों की पोल खोल कर करतूत बताएंगे। अफसर : तुम्हारे पीछे कौन है हमने सब पता करा लिया है। शिकायतकर्ता : मेरे पीछे कौन है आपके पीछे कौन है सब पता करा लीजिये, जांच कराये महोदय, शासन में यही आडियो भेज कर शिकायत करूंगा। अफसर : तुम फोन पर लोगो को धमकाते हो, इसको ब्लैकमेलिंग कहते है। जो तुम कर रहे हो। रोज चार मैसेज भेज कर ब्लैक मेलिंग कर रहा है। अब जानिए क्या है पूरा मामला… कुंभ 2019 व महाकुंभ 2025 से जुड़े टेंडरों में करोड़ों रुपए के हेर-फेर का आरोप लगाते हुए एक शिकायतकर्ता उपेंद्र नारायण पाण्डेय निवासी श्रृंगवेरपुर लालगोपालगंज प्रयागराज ने कमिश्नर से लिखित शिकायत 23 अप्रैल 2025 को की। उपेंद्र नारायण पाण्डेय कहना है कि प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के कई टेंडरों में नियमों के विपरीत हेराफेरी कर ठेकेदारों को फायदा पहुंचाया गया। लेकिन महीनों से शिकायत के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई। पत्र में आरोप लगाया गया है कि टेंडरों के दौरान जारी BOQ कंपेरेटिव चार्ट में टेपरिंग करके ठेकेदारों के कोट किए गए रेट बदले गए। उदाहरण के तौर पर किसी ठेकेदार ने यदि 25% बिलो का रेट कोट किया, तो कंपेरेटिव चार्ट डाउनलोड कर उसमें बदलाव करके रेट को महज 5% बिलो दिखा दिया गया। इस तरह कम बोली लगाने वाले ठेकेदारों को किनारे कर मनचाहे ठेकेदार को टेंडर दिला दिया गया। शिकायतकर्ता का दावा है कि यह गड़बड़ी वेबसाइट और फाइलों के रिकॉर्ड की तुलना करने पर साफ देखी जा सकती है। कुछ खास टेंडर आईडी 2018 ADAUP 134600 1 का जिक्र करते हुए कहा गया है कि ठेकेदार ने इसमें 14% बिलो रेट डाला था, लेकिन एग्रीमेंट करते समय उसे +14% कर दिया गया। जबकि वेबसाइट पर आज भी 14% बिलो रेट दर्ज है। शिकायतकर्ता का दावा है कि इस तरह के कई टेंडरों में करोड़ों रुपए की हेराफेरी हुई है। पीड़ित के मुताबिक, प्रमुख सचिव से लेकर पीडीए उपाध्यक्ष तक कई बार शिकायत करने के बावजूद जांच शुरू नहीं की गई। यहां तक कि सूचना के अधिकार (RTI) के तहत मांगी गई जानकारी भी न तो प्रथम अपील में उपलब्ध कराई गई और न ही द्वितीय अपील के बाद भी दी जा रही है। शिकायतकर्ता के अधिवक्ता चन्दन त्रिपाठी ने बताया कि पीडीए सचिव व उनके बीच हुई बात चीत का ऑडियो उन्होंने खुद अपने फोन काॅल पर रिकार्ड किया है। यह बातचीत (हाट-टाक) 20 अगस्त को हुई। जब अफसर को उन्होंने फोन काॅल कर बात करने की कोशिश की। करीब डेढ़ माह बाद आडियो को वायरल करने के सवाल पर उन्हँने कहा कि वह चाहते तो तत्काल ऑडियो वायरल कर देते लेकिन अफसर ने उन्हें जांच के बाद कार्यवाही का भरोसा दिया था। जो डेढ़ माह बाद भी पूरा नहीं किया गया। अफसर की वादा खिलाफी से परेशान होकर उन्होंने ऑडियो को वायरल किया है। पीडीए सचिव अजीत सिंह से उनका पक्ष जानने के लिए फोन किया गया तो उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया। कई कोशिश के बाद भी वह अपना पक्ष रखने को सामने नहीं आए।
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