अतीक के शूटर उस्मान का भाई जिला बदर:पुलिस की कार्रवाई के बाद राकेश चौधरी ने मीडिया से लगाई मदद की गुहार

माफिया अतीक अहमद के शूटर रहे उस्मान चौधरी का एनकाउंटर होने के बाद उसके भाई राकेश चौधरी को पुलिस ने 6 माह के लिए जिला बदर कर दिया। राकेश चौधरी ने दैनिक भास्कर से फोन पर मदद की गुहार लगाई है। राकेश का कहना की पुलिस उसे प्रताड़ित कर रही है। उसकी कहीं सुनवाई हो रही है। यह बाते शूटर उस्मान चौधरी के भाई ने दैनिक भास्कर के रिपोर्टर से फोन पर कहीं। 17 सितंबर को जिला बदर का आया था आदेश पुलिस के मुताबिक 17 सितंबर को शूटर उस्मान चौधरी के भाई राकेश चौधरी का जिला बदर का आदेश आया था। इसके बाद पुलिस ने 22 सितंबर को उसके घर पहुंचकर डुगडुगी बजवाकर नोटिस चस्पा कराई थी। इसके बाद वह जिला बदर घोषित हो गया। जानिए पूरी बात
रिपोर्टर: हेलो।
जवाब : सर जी हमें आपसे कुछ बात करनी थी सर। रिपोर्टर: हां बोलिए।
जवाब : सर जी हमारा जिला बदर हो गया, हम मध्य प्रदेश में चले आए हैं। रिपोर्टर : कौन बोल रहे हैं आप?
जवाब: राकेश चौधरी बोल रहा हूं सर। रिपोर्टर: हां, बताइए।
राकेश: सर जी ऐसा है कि हमारे हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं सर स्कूल जाते हैं। रिपोर्टर: आपको नंबर मेरा किसने दिया?
राकेश: नंबर नहीं हम Google से लिए हैं सर। रिपोर्टर: हां तो, बताइए।
राकेश: तो सर समस्या सुन लेंगे हमारी सर। रिपोर्टर: हां, बताइए।
राकेश: सर जी यही हमें दिक्कत है सर, हमारी भी सुनी जाए महोदय, हमारी कहीं सुनी नहीं जा रही, हमारे साथ बहुत गलत हो रहा है सर। रिपोर्टर: बोलिए बोलिए।
राकेश: सर जी अब आप ये सोच लीजिए कि अब हमारा जिला बदर हो गया, हम चले आए हैं, हम कहीं नौकरी करते थे सर, अब समझ लीजिए कि डेली हमें प्रताड़ित किया जा रहा है। घर की महिलाओं को मारा जा रह है। हमारी भी कोई सुनेगा साहब, कलम से थोड़ा रियायत करवा दीजिए महोदय। रिपोर्टर: क्या है बताइए
राकेश: बात ये है कि सर देखिए गांव के कुछ लोग सर आए दिन जाति सूचक शब्द का गाली देते रहते हैं सर और हमारे भाई का एनकाउंटर हो गया। अभी दो महीना हुआ जेल से छूट के आए सर, मेरे ऊपर नाजायज आरोप लगाए जा रहे हैं साहब। हमारी कहीं सुनी नहीं जा रही महोदय, हमें सर नाजायज फंसाया जा रहा है। हमारे परिवार को मारा जा रहा है। बच्चे स्कूल नहीं जाने पा रहे हैं साहब? रिपोर्टर: एप्लीकेशन दी है किसी अधिकारी को?
राकेश: हम सर जहां भी एप्लीकेशन देते हैं अभी कौंधियारा थाने से मेरी कोई सुनवाई नहीं हो रही सर, बस महोदय हम अपने जीवन से बहुत परेशान हैं हम समझ लीजिए। अगर हम दोषी हैं सर तो हमें हमें जो सजा देंगे हमें मंजूर है लेकिन सर हमारे साथ गलत ना किया जाए, हमारे छोटे-छोटे बच्चे हैं महोदय।

Read More

Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर