अतीक के बेटे को जेल ले जाने वाला इंस्पेक्टर सस्पेंड:झांसी जेल से VIDEO सामने आया था, अली ने कहा था- योगीजी बचा लीजिए
माफिया अतीक अहमद के बेटे अली अहमद को प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से 1 अक्टूबर को झांसी जेल शिफ्ट किया गया। इस दौरान सुरक्षा में चूक को लेकर इंस्पेक्टर अशोक कुमार को सस्पेंड कर दिया गया। उनके खिलाफ विभागीय जांच भी शुरू करा दी गई है। झांसी ले जाते समय अली ने मीडिया के सामने बयानबाजी की थी, जिसे सुरक्षा में गंभीर चूक माना गया। यही वजह रही कि ट्रांसफर के दौरान सुरक्षा टीम को लीड कर रहे इंस्पेक्टर अशोक कुमार पर कार्रवाई की गई। अब सुरक्षा में शामिल अन्य पुलिसकर्मियों के बयान भी दर्ज किए जाएंगे। झांसी जेल पहुंचने पर अली ने मीडिया से कहा था- मेरा अल्लाह जानता है कि यहां सुरक्षित रहेंगे कि नहीं? मुख्यमंत्रीजी से यही कहना है कि जो होना था, वो हो गया। हमें बचा लीजिए। मुझे बेवजह सताया न जाए। जेल के भीतर का वीडियो भी सामने आया था
अली के झांसी जेल पहुंचने के बाद जेल परिसर के अंदर का भी एक वीडियो सामने आया था। इसमें अली को जेल के अंदर मोबाइल कैमरे में रिकॉर्ड किया गया बताया जा रहा है। इसे लेकर भी सवाल उठे थे। पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने भी इस मामले में उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी। सूत्रों के अनुसार, जेल मैनुअल के मुताबिक मोबाइल लेकर जेल के भीतर प्रवेश करना पूरी तरह प्रतिबंधित है। इसके बावजूद वीडियो सामने आने से अब जेल प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं। झांसी जेल पहुंचने पर अली कहा था- मुख्यमंत्री जी मुझे बचा लीजिए 1 अक्टूबर को अली अहमद प्रयागराज की नैनी सेंट्रल जेल से झांसी जेल में शिफ्ट किया गया था। तब उसने मीडिया से कहा- मैं तो दिल्ली में लॉ कर रहा था। फर्जी मुकदमे लगाकर मुझे जेल भेज दिया गया। जेल में रहते हुए मेरे ऊपर 8 मुकदमे लगा दिए गए। अली ने अपनी जान को खतरा बताया। कहा- ये मेरा अल्लाह जानता है कि यहां सुरक्षित रहेंगे कि नहीं? मुख्यमंत्रीजी से यही कहना है कि जो होना था, वो हो गया। लेकिन सरकार के नाम पर कुछ लोग मुझे अन्यथा परेशान कर रहे हैं, उनसे हमें बचा लीजिए। मुझे बेवजह सताया जा रहा है। मुझे रास्ते में पानी पीने तक नहीं दिया गया। प्रयागराज में 24 फरवरी, 2023 को उमेश पाल की हत्या के बाद सीएम योगी ने विधानसभा में कहा था कि माफिया को मिट्टी में मिला देंगे। 15 अप्रैल, 2023 को प्रयागराज के अस्पताल में मेडिकल के लिए ले जाते वक्त अली के पिता अतीक अहमद और चाचा अशरफ की हत्या कर दी गई थी। अली की मां शाइस्ता परवीन फरार है। भाई का भी एनकाउंटर हो चुका है। 38 महीने से नैनी जेल में था अली
अली नैनी जेल में 38 महीने से बंद था। उसने 30 जुलाई, 2022 को प्रयागराज कोर्ट में सरेंडर किया था। गिरफ्तारी के बाद पहली बार अली मीडिया से बात कर पाया था। पुलिसवालों ने भी इतनी ढिलाई बरती कि वह अपनी बात मीडिया के सामने रख सके। अली ने सिर पर कैप लगा रखी थी। चेहरे पर अपने पिता की तरह मूछें बढ़ा ली है। झांसी जेल काफी संवेदनशील मानी जाती है। यहां माफिया मुख्तार अंसारी लंबे समय तक बंद रहा है, बाद में उसकी बांदा जेल में हार्ट अटैक से मौत हो गई थी। मुख्तार का कभी राइट हैंड रहा मुन्ना बजरंगी भी इस जेल में बंद रहा था। झांसी जेल से बागपत उसे शिफ्ट किया गया था, वहां उसकी हत्या कर दी गई थी। नैनी जेल में अली का चर्चित कारनामा पढ़िए… अली की बैरक से कैश बरामद हुए
17 जून, 2025 को अली की बैरक से कैश बरामद हुए थे। हालांकि, कितने रुपए थे, ये स्पष्ट नहीं हो सका था। इसके बाद जेल प्रशासन में खलबली मच गई और तत्काल प्रभाव से डिप्टी जेलर कांति देवी और एक हेड वार्डर को निलंबित कर दिया गया था। घटना के बाद अली को हाई सिक्योरिटी बैरक में शिफ्ट कर दिया गया और लखनऊ स्थित इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से उसकी निगरानी शुरू हो गई। कैश मिला तो अली को ‘फांसी घर’ भेजा गया
अली की बैरक में कैश मिलने के बाद उसी दिन उसे नैनी सेंट्रल जेल की ‘फांसी घर’ वाली हाई सिक्योरिटी सेल में भेज दिया गया था। नैनी सेंट्रल जेल के अंदर बना ‘फांसी घर’ अब खंडहर में तब्दील हो चुका है। साल-1970 से यह वीरान पड़ा है। कभी यहां पर फांसी देने वाले बंदियों को एक दिन पहले लाकर बंद किया जाता था। इस ‘फांसी घर’ में कुल 14 लोगों को फांसी दी गई है। फांसी की सजा पर रोक के बाद अब यह हिस्सा कम ही इस्तेमाल होता है। लेकिन, इस हाई सिक्योरिटी बैरक में अहम कैदियों को रखा जाता है। कई बार ऐसे कैदी, जो साथियों पर हंगामा करते हैं, उन्हें यहां बंद किया जाता है। ——————- ये खबर भी पढ़िए- माफिया अतीक के बेटे से खौफ में झांसी के जेलर: बोले- प्रमोशन में थोड़ा समय बचा, मुझे बवाल से दूर ही रखा जाए ‘जिस बदमाश (अली अहमद) से परेशान होकर 400 km दूर ट्रांसफर कराया, वो यहां झांसी जेल में भी आ गया। मैं तो कह दूंगा कि मुझे उसकी बैरक का चार्ज न दिया जाए।’ ये कहना है झांसी जेल के जेलर अंजनी कुमार गुप्ता का। ‘दैनिक भास्कर’ से मोबाइल पर बात करते हुए उन्होंने अपनी परेशान जाहिर की। वे कहते हैं- मेरे प्रमोशन में थोड़ा समय बचा है, वो बस ठीक से कट जाए। मुझे इस बवाल से दूर ही रखा जाए। इसके चक्कर में ही मेरा तबादला हुआ था। पढ़ें पूरी खबर…
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