हाथरस में दिव्यांगजनों को सांकेतिक भाषा का प्रशिक्षण:सीएमओ बोले- यह दिव्यांगजनों के लिए बेहद जरूरी

हाथरस में रावत शिक्षा समिति दिव्यांग निःशुल्क आवासीय विद्यालय प्रशिक्षण केंद्र में शुक्रवार को दिव्यांगजनों के लिए सांकेतिक भाषा प्रशिक्षण शिविर आयोजित किया गया। इस शिविर में मूक-बधिर, दृष्टिहीन और मानसिक रूप से दिव्यांग बच्चों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. मंजीत सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि सांकेतिक भाषा दिव्यांगजनों के जीवन का अभिन्न हिस्सा है। इसके अभाव में वे अपनी भावनाएं या समस्याएं व्यक्त नहीं कर पाते, जिससे कई बार उन्हें अन्याय का सामना करना पड़ता है। उन्होंने कहा कि अधिकारियों और दिव्यांगजनों दोनों को इस भाषा का ज्ञान होना चाहिए ताकि बेहतर संवाद स्थापित हो सके और समस्याओं का समाधान सरलता से किया जा सके। यह प्रशिक्षण शिविर श्री श्री रविशंकर जी के निर्देशन में ‘द आर्ट ऑफ लिविंग’ संस्था के तहत आयोजित हुआ। सूरत (गुजरात) से आई पूनम की टीम के साथ डॉ. सुमित और डॉ. हिमांशु ने बच्चों को प्रशिक्षण दिया। प्रशिक्षण के दौरान सांकेतिक भाषा के साथ योगासन और आंखों पर पट्टी बांधकर रंगों व पोस्टरों की पहचान जैसे अभ्यास कराए गए। बच्चों को अपनी सुरक्षा, संवाद के तरीके, और जरूरत पड़ने पर पुलिस या प्रशासनिक अधिकारियों से सहायता मांगने की प्रक्रिया भी सिखाई गई। कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती के छायाचित्र पर माल्यार्पण से हुआ। संस्था के अध्यक्ष डॉ. एम.एल. रावत ने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर उपस्थित रहे:विद्यालय के शिक्षक-शिक्षिकाएं, शिक्षार्थियों के अभिभावक, पीयूष रावत, अर्चना भारद्वाज, राजमाला (जिलाध्यक्ष, दिव्यांग विकास संगठन), डॉ. अरविंद कुमार कुलश्रेष्ठ, अर्चना शर्मा, हेमा देवी, संध्या कुमारी और विनीता तिवारी सहित कई गणमान्य लोग मौजूद रहे।

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