हर बोरी पर ₹80 एक्स्ट्रा दो, जितना चाहिए यूरिया लो:यूपी में सोसाइटी अध्यक्ष-सचिव ने कैमरे पर ब्लैक में खाद बेचने की डील की
‘हम 350 रुपए रेट लगा देंगे, 50 बोरी (यूरिया) उठा लो सीधे। भाड़ा तुम्हारा रहेगा।’ 273 रुपए में मिलने वाली यूरिया की एक बोरी एटा की सहकारी सोसाइटी के अध्यक्ष शिववीर तोमर 350 रुपए में ब्लैक कर रहे हैं। नावर गांव की सहकारी सोसाइटी में किसानों के लिए आया यूरिया खुद अध्यक्ष बड़े स्तर पर बेच रहे हैं। प्रत्येक बोरी पर 80 रुपए ज्यादा वसूल रहे। इधर, यूपी के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही का दावा है कि प्रदेश में खाद की कालाबाजारी संभव नहीं है। दैनिक भास्कर ने इन्वेस्टिगेशन किया तो कैमरे पर कालाबाजारी का खुलासा हो गया। एटा की एक सोसाइटी में सचिव के रिश्तेदार ब्लैक में यूरिया बेचने की डील करते कैमरे में कैद हुए। सिद्धार्थनगर में सोसाइटी सचिव कह रहा है- हजार, दो हजार, तीन हजार, चार हजार, पांच हजार जितनी क्षमता हो माल (यूरिया) ले लो। दरअसल, 45 किलो यूरिया की एक बोरी की कीमत 1977 रुपए है। इस पर सरकार 1710.50 रुपए सब्सिडी देती है। इसके बाद एक बोरी 266.50 रुपए की हो जाती है। इस पर 5.92 रुपए टैक्स व अन्य खर्च लगता है। तब एक बोरी का रेट 272.42 रुपए है। सहकारी सोसाइटियों के माध्यम से सरकार इस मूल्य पर यूरिया किसानों को उपलब्ध कराती है। क्या ये यूरिया किसानों तक पहुंच रहा है? ये ब्लैक कैसे हो रहा है? इसका खुलासा करने के लिए भास्कर टीम 15 दिन तक एटा व कासगंज में किसान बनकर और सिद्धार्थनगर में व्यापारी बनकर सोसाइटियों में गईं। पढ़िए, पूरा इन्वेस्टिगेशन… हम एटा के फतेहपुर पहुंचे। नावर गांव की सहकारी सोसाइटी की जानकारी मिली कि यहां यूरिया का जुगाड़ लग सकता है। हमने सोसाइटी अध्यक्ष शिववीर सिंह तोमर उर्फ झब्बू से संपर्क किया। झब्बू अलीगंज विकासखंड के रैपुरा गांव के रहने वाले हैं। हमारे पास पक्की सूचना थी कि झब्बू यूरिया की कालाबाजारी कर रहे हैं। फोन पर बात करने पर ये मिलने के लिए राजी हो गए। इनसे हमारी मुलाकात अलीगंज के किला रोड पर हुई… इस बातचीत से साफ हो गया कि सहकारी सोसाइटियों के अध्यक्ष किसानों के हक का यूरिया ब्लैक में बेचकर पैसा कमा रहे हैं। सोसाइटी सचिव का नाती कर रहा यूरिया ब्लैक इसके बाद हम फर्रुखाबाद–एटा बॉर्डर क्षेत्र में पहुंचे। यहां सहकारी सोसाइटी कलुआ टीलपुर है, जो सराय अगहत गांव में चल रही है। सोसाइटी अध्यक्ष शिवलाखन सिंह हैं, जबकि सचिव रामप्रकाश हैं। यहां यूरिया की कालाबाजारी का काम सचिव रामप्रकाश का नाती शिवांग देखता है। हम सराय अगहत गांव पहुंचे। हमने शिवांग से यूरिया की डिमांड की… शिवांग: कहां… अर्जुनपुर से आए हो? फर्रुखाबाद में पड़ता है? रिपोर्टर: हां। शिवांग: देखो, तुम्हारी फर्द और आधार किसी काम का नहीं है। रिपोर्टर: तुम्हारा कोई नंबर है तो दे दीजिए। शिवांग: कितनी बोरी चाहिए? रिपोर्टर: 20 बोरी चाहिए। शिवांग: नहीं हो पाएगी। रिपोर्टर: नहीं भाई, एक बार में नहीं… 2 बार… 4 बार में दे दो। शिवांग: मेरा नंबर ले लो, दो दिन बाद बात कर लीजिए। 300 रुपए प्रति बोरी यूरिया ब्लैक में देने को तैयार हम शिवांग का मोबाइल नंबर लेकर आ गए। 3 दिन बाद शिवांग से फोन पर बात हुई। उसने हमें ब्लैक में यूरिया देने की बात की… ब्लैक में बिक रही यूरिया के खेल को और गहराई से समझने के लिए हमने व्यापारी बनकर सिद्धार्थनगर जिले की एक सोसाइटी के सचिव चंद्रशेखर चौधरी से बात की। जब उन्हें कॉल किया तो वे 400 रुपए प्रति बोरी यूरिया ब्लैक में देने को तैयार हो गए। अब इन दो सीन से समझिए यूरिया के लिए किसान क्या–क्या सह रहे… सीन–1 : एटा की सरकारी रासायनिक खाद की दुकान। मिरहची गांव की रहने वाली महिला लक्ष्मी कुमारी यूरिया के लिए कतार में लगी। सुबह से दोपहर हो गई, नंबर नहीं आया। भूख-प्यास से उसे चक्कर आया और बेहोश हो गई। सड़क पर बेहोश पड़ी लक्ष्मी को रिश्तेदार ने होश में लाने की कोशिश की- अंखियां खोलो… कई हो गवो… खाद मिल जाएगी… खाद मिल जाएगी…। सीन–2 : एटा के केंद्रीय थोक उपभोक्ता सहकारी भंडार पर किसानों की कतार लगी है। सभी को यूरिया चाहिए। लंबे इंतजार के बाद खाद नहीं मिली तो किसानों में धक्का–मुक्की हो गई। इसे नियंत्रित करने के लिए मौजूद पुलिस जवान ने लाठियां बरसा दीं। पुलिस के डंडों के बावजूद किसानों ने कतार नहीं छोड़ी, क्योंकि यूरिया ज्यादा जरूरी है। अफसरों का दावा- खाद की कमी नहीं को-ऑपरेटिव सोसाइटी के एआर सतीश चंद्र ने बताया- एटा में कुल 68 सोसाइटी में से 67 पर खाद वितरण किया जा रहा है। एक सोसाइटी राजा का रामपुर है, जिसकी लिमिट पास हो गई है। खाद की कोई कमी नहीं है। मंत्री बोले– आप बताइए, हम चेक कराएंगे इनपुट – अनंत मिश्रा ——————— भास्कर की ये इन्वेस्टिगेशन खबरें भी पढ़ें- यूपी में CMO ऑफिस में रिश्वत के रेट तय:बगैर दलाल के काम करने को तैयार नहीं स्टेनो, कैमरे पर मांगे 50 हजार ‘सीएमओ साहब के यहां 50 हजार रुपए स्टेनो मुकेश लेंगे, काम करवा देंगे।’ एटा में ये दावा दलाल कासिम कर रहा है। यूपी के CMO ऑफिस में हर काम के लिए रिश्वत के रेट तय हैं। नर्सिंग होम, डायग्नोस्टिक सेंटर, ब्लड बैंक या फिर पैथोलॉजी लैब खोलने के लिए यहां संपर्क करो तो कर्मचारी दलालों के पास भेज देते हैं। फिर दलाल रेट बताता है। रुपए दे दिए तो काम हो जाएगा। नहीं तो ऑफिस के चक्कर लगाते रहिए…। कर्मचारी-अधिकारी हर बार कोई न कोई खामी निकालकर फाइल लौटा देंगे। पढ़ें पूरी खबर यूपी में फर्जी बाबाओं का भंडाफोड़:पर्चा बनाने, सिक्का नचाने और पानी में लौंग डालने का ढोंग, पार्ट-1 यूपी में लोग ढोंगी बाबाओं के चक्कर में फंस रहे हैं। इनमें कोई पर्चा बनाने, कोई सिक्का नचाने तो कोई पानी में लौंग डालकर इलाज का ढोंग कर रहा है, जबकि पर्चा लिखने के पीछे न कोई धर्म है और न ही विज्ञान। आखिर ये बाबा कौन हैं? अपना दरबार कहां लगाते हैं? ये कौन-कौन से काम का दावा करते हैं? लोगों को कैसे ठगते हैं? इन सवालों के जवाब के लिए दैनिक भास्कर की टीम ने कुशीनगर, महराजगंज जिले के गांवों में 20 दिन तक इन्वेस्टिगेशन किया। पढ़िए पूरी खबर पानी में ताबीज घोलकर पिलाओ…बच्चा होगा, यूपी में क्रिमिनल बाबा का जादू-टोना, पार्ट-2 ‘ताबीज बनाया है। सुबह-शाम पानी (दुआ फूंककर दिया पानी) में घोलकर पिएंगे… आप भी पिएंगे। 6 महीने की गारंटी लेता हूं। इंशा अल्लाह… चाहेंगे, तो 6 महीने से पहले बच्चा ठहर जाएगा।’ यह कहना है समीर उर्फ सद्दाम का, जिस पर हत्या की कोशिश का आरोप है। जब से जमानत पर बाहर आया है, बच्चा पैदा करने के नाम पर लोगों से रुपए ऐंठ रहा है। पढ़ें पूरी खबर… यूपी में कैमरे पर लाशों का सौदा:पोस्टमॉर्टम कर्मचारी-पुलिस की डील, बोले- एक लाश डेढ़ लाख में ‘महीने में 30 से 40 लाशें निकल जाती हैं। आप बहुत कम दे रहे हैं। अभी पुराना रिकॉर्ड देखा जाए… उस समय डेढ़ लाख का रेट चल रहा था। राममूर्ति वाले डेढ़ लाख रुपए देकर जाते थे।’ यह दावा है बरेली के पोस्टमॉर्टम हाउस के कर्मचारी सुनील का। यूपी के बरेली में लाशों का सौदा हो रहा है। दैनिक भास्कर के हिडन कैमरे पर सुनील कह रहा है- जो पैसे आप हमें दोगे, हम तो नमक के बराबर रखते हैं। बाकी पैसे ऊपर अधिकारी को देने पड़ते हैं। लाशों के इस सौदे में पुलिस भी शामिल है। पढ़ें पूरी खबर
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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