हत्यारा खुला घूम रहा, दो दिन बाद कैसे होगी 13वीं:बेरहमी से मारे गए रिटायर सैनिक का बेटा बोला- पुलिस ने मांगे थे 8 दिन
‘मेरे पापा का हत्यारा अब तक सलाखों के पीछे होना चाहिए था, लेकिन उसे पकड़ना तो दूर अब तक पुलिस कोई सुराग भी नहीं हासिल कर पाई है। जांच के नाम पर ले देकर परिवार से ही बार-बार पूछताछ कर रही है।’ यह सब कहते हुए पंकज सिंह का गला भर आता है। वह कसारी मसारी के अपने घर में मौजूद थे। थोड़ा रुककर कहते हैं- पुलिस ने मेरे पापा का मर्डर होने के बाद 8 दिन की मोहलत मांगी थी। कहा था कि हत्यारा अरेस्ट कर लेंगे। मगर अब 10 दिन बीत रहे हैं, हत्यारे का क्लू पुलिस के पास नहीं है। 2 दिन बाद पापा की 13वीं है, ये सोचकर दिल कांप जाता है कि कैसे आयोजन करेंगे। वह आगे कहते हैं- सेना में रहकर जिन्होंने इतने साल देश की सेवा की, उनकी हत्या में सिर्फ खानापूर्ति हो रही है। पुलिस कभी कसारी मसारी तो कभी कौशाम्बी के घर पर आकर घरवालों से पूछताछ करती है। एक दिन पहले भी पुलिस छोटे भाई नितिन की बुलेट की फोटो खींचकर ले गई, जाने क्या जांच चल रही है। निर्माणाधीन मकान में खून से लथपथ लाश मिली, सिर पर गहरा घाव था पंकज के पिता 60 वर्षीय अमर सिंह सेना से नायक पद से रिटायर हुए थे। प्रयागराज के एयरपोर्ट क्षेत्र में 27 सितंबर को दिनदहाड़े उनके ही निर्माणाधीन मकान के भीतर उनकी नृशंस हत्या कर दी गई। वह मूल रूप से कौशाम्बी के रहने वाले थे। 27 सितंबर की सुबह 10:30 बजे वो एयरपोर्ट क्षेत्र में अपने निर्माणाधीन मकान पर जाने के लिए घर से निकले थे। दोपहर 12 बजे के करीब उसी मकान में वह खून से लथपथ पड़े मिले। सिर में गहरे जख्म के निशान मिले। देखने से ऐसा लगा कि उनके सिर पर सरिया मारी गई होगी। न रंजिश, न ही कोई विवाद, फिर किसने ले ली जान बेटे पंकज का कहना है– हमारे परिवार की किसी से कोई रंजिश नहीं है। पिता का कभी किसी से कोई विवाद नहीं हुआ। गांव का भी कोई विवाद नहीं है। ऐसे में किसने उनकी जान ले ली? यह परिवार की भी समझ से परे है। घटना के बाद से मैं और मां शांति देवी गांव में ही हैं। घर में मातम छाया हुआ है। 10 दिन बाद भी मां शांति देवी के आंसू थम नहीं रहे हैं। पंकज कहते हैं- मेरी यही मांग है कि पुलिस जल्द हत्यारों को गिरफ्तार करे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट: सिर में लगी दो चोटें जानलेवा साबित हुईं
पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक, सिर में लगी दो चोटें रिटायर सैनिक के लिए जानलेवा साबित हुईं। शरीर पर कुल चार चोटों के निशान पाए गए इनमें से एक कंधे पर दाहिनी ओर जबकि तीन सिर के अगले व पिछले हिस्से में थी। पहली चोट दाहिने आंख के ठीक ऊपर, दूसरी चोट माथे के बीचो-बीच और तीसरी चोट सिर के बीचो-बीच पीछे की ओर लगी। डॉक्टरों का कहना है कि कंधे और सिर के पिछले हिस्से में लगी चोट सामान्य मारपीट और जमीन पर गिरने की वजह से हो सकती है जो सामान्य प्रकृति की हैं। हालांकि माथे व दाहिनी आंख के ऊपर लगी दो चोटें बेहद गंभीर हैं और यह किसी ठोस, भारी चीज से वार कर पहुंचाई गई। दोनों ही चोटें सिर की हड्डियों तक पहुंचीं और यही जानलेवा साबित हुईं। पुलिस ने अब तक क्या किया 1. थाने के साथ SOG की दो टीमें जांच कर रहीं
इस हत्याकांड के खुलासे के लिए एयरपोर्ट थाना पुलिस के साथ ही एसओजी को भी लगाया गया है। पुलिस टीमों ने कुछ संदिग्धों को हिरासत में भी लिया।दो मजदूरों को भी उठाकर पूछताछ की। यह दोनों घटना वाले दिन रिटायर सैनिक के मकान में बोरिंग करने के लिए आए थे और शव उन्होंने ही सबसे पहले देखा था। लेकिन घटना में संलिप्तता न पाए जाने पर उन्हें छोड़ दिया गया। 2. मानसिक रूप से कमजोर युवक को उठाया
सूत्रों के मुताबिक, अब तक दर्जनों लोगों से पूछताछ के बाद भी हत्यारे का कोई सुराग नहीं हासिल कर पाने वाली एयरपोर्ट पुलिस व एसओजी के शक के घेरे में एक मानसिक रूप से कमजोर युवक है। 23-24 साल का यह युवक फिलहाल पुलिस की हिरासत में है। उस पर शक की वजह मृतक की मुट्ठी में मिले बाल के टुकड़े हैं। दरअसल उसके सिर पर भी दो जगह से बाल गायब हैं। हालांकि इसके अलावा ऐसा कोई अन्य सबूत हाथ नहीं आया है, जिससे कि घटना में उसकी संलिप्तता साबित की जा सके ACP बोले- संदिग्धों से पूछताछ चल रही
एसीपी धूमनगंज अजयेंद्र यादव ने बताया कि हत्यारों की तलाश में तीन टीमें लगाई गई हैं। इनमें एयरपोर्ट थाने के साथ ही जनपदीय व नगर एसओजी की भी टीमें शामिल हैं। घटना के एक-एक बिंदु पर छानबीन कराई जा रही है। शक के आधार पर कई संदिग्धों से पूछताछ भी की गई है। प्रयास यही है कि जल्द से जल्द खुलासा किया जाए।
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