सांसद शशांक मणि ने की स्वदेशी अपनाने की अपील:’अमृत प्रयास’ अभियान पर चर्चा, आत्मनिर्भरता का संदेश देने की पहल

देवरिया में ‘अमृत प्रयास’ अभियान के तहत स्वदेशी उत्पादों और आत्मनिर्भर भारत के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। देवरिया के सांसद शशांक मणि त्रिपाठी ने बुधवार को पीडब्ल्यूडी में आयोजित एक प्रेसवार्ता में इसकी जानकारी दी। सांसद त्रिपाठी ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के मार्गदर्शन में देवरिया देश को आत्मनिर्भर बनाने में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। उन्होंने ‘अमृत प्रयास’ को इस दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बताया, जो स्थानीय युवाओं, उद्यमियों और नागरिकों को स्वदेशी से जोड़ने का कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि यह केवल एक आर्थिक मुहिम नहीं, बल्कि राष्ट्र के स्वाभिमान और सांस्कृतिक अस्मिता का प्रतीक है। सांसद त्रिपाठी ने जोर दिया कि आत्मनिर्भर बनने के लिए केवल स्वदेशी अपनाना पर्याप्त नहीं है, बल्कि स्वावलंबन की भावना को भी अपनाना होगा। शशांक मणि त्रिपाठी ने कहा, “जब हम अपने उत्पादों, अपनी मिट्टी और अपने लोगों पर विश्वास करेंगे, तभी सच्चा आत्मनिर्भर भारत बनेगा। जिले का विकास ही प्रदेश और देश के विकास का आधार है।” उन्होंने देवरिया के नागरिकों, युवाओं और उद्यमियों से 9 से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले स्वदेशी मेले में अधिक से अधिक भाग लेने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि देश में निर्मित वस्तुओं का उपयोग कर हम न केवल भारतीय उद्योग को सशक्त बना सकते हैं, बल्कि विदेशी निर्भरता को भी कम कर सकते हैं। सांसद ने आगे कहा, “हमें चीन या अन्य विदेशी देशों के सामानों से दूरी बनाकर भारतीय उत्पादों को प्राथमिकता देनी चाहिए। यही सच्चा देशप्रेम है।” उन्होंने बताया कि ‘अमृत प्रयास’ अभियान के अंतर्गत जिले में जागरूकता कार्यक्रम, स्थानीय उत्पादों की प्रदर्शनी, डिजिटल प्रचार और जनसंपर्क अभियानों के माध्यम से “स्वदेशी अपनाओ, आत्मनिर्भर बनो” का संदेश हर नागरिक तक पहुँचाया जाएगा। जिला अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह ने भी इस अवसर पर अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भरता का मार्ग केवल आर्थिक सशक्तिकरण नहीं है, बल्कि यह राष्ट्र के सम्मान, स्वाभिमान और आत्मविश्वास का प्रतीक है। सिंह ने कहा कि जब हर नागरिक स्वदेशी अपनाने का संकल्प लेगा, तब भारत विश्व में आत्मनिर्भरता की सबसे बड़ी मिसाल बनेगा। उन्होंने 9 से 18 अक्टूबर तक आयोजित होने वाले स्वदेशी मेले में जिले के अधिक से अधिक लोगों से भाग लेकर स्वदेशी को बढ़ावा देने का आग्रह किया।

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