सरबोजनीं दुर्गा पूजा ट्रस्ट की ओर से मां की शोभायात्रा:सिंदूर खेला के साथ दी गई मां को भावभीनी विदाई
विजयादशमी के पावन अवसर पर मेरठ सरबोजनीं दुर्गा पूजा ट्रस्ट की ओर से मां दुर्गा की भव्य शोभायात्रा का आयोजन मंगलवार को बड़े ही हर्षोल्लास और पारंपरिक रीति-रिवाजों के साथ किया गया। सुबह से ही मंदिर प्रांगण में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सिंदूर खेला में महिलाओं ने मां से की मनोकामना पूरी होने की प्रार्थना मां दुर्गा को अंतिम विदाई देने से पूर्व बंगाली समाज की महिलाओं ने पारंपरिक सिंदूर खेला की रस्म निभाई। महिलाओं ने मां को सिंदूर अर्पित किया और अपनी मनोकामनाओं की पूर्ति हेतु प्रार्थना की। इसके बाद एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर विजयादशमी की शुभकामनाएँ दीं।मान्यता है कि नवरात्रि के नौ दिन देवी दुर्गा अपने मायके में बिताती हैं और विजयादशमी पर अपने दिव्य निवास लौटती हैं। इसी परंपरा के तहत सिंदूर खेला उनके विदाई अनुष्ठान का हिस्सा बनता है, जिसमें उत्सव और बिछड़ने का भाव दोनों झलकते हैं। ढाक-शंख और जयकारों से गूंजा शहर
शोभायात्रा समिति परिसर से प्रारम्भ होकर सदर शिव चौक, हनुमान चौक, आबूलेन, बेगमपुल होते हुए नानू की नहर तक पहुंची। पूरे मार्ग पर भक्तों ने मां दुर्गा की जयकारों से वातावरण गुंजायमान कर दिया। ढाक की धुन, शंखनाद और “बोलो दुर्गा माई की जय” व “अस्चे बोछोर अबर होबे” (अगले साल फिर मिलेंगे) के उद्घोष से मेरठ का माहौल भक्तिमय हो उठा। श्रद्धालु मां की प्रतिमा के साथ भावपूर्ण नृत्य करते हुए आगे बढ़ते रहे। नम आंखों से दी अंतिम विदाई नानू की नहर पहुंचने पर समिति के पदाधिकारियों और श्रद्धालुओं ने मां दुर्गा की प्रतिमा को नम आंखों से विदाई दी। इस अवसर पर समिति के तुषार घोष, राखी दस, कल्लोल बसु, नवनीता सेन, दीपांकर दस, गौतम दास, रिंकू चौधरी, तरुण भौमिक, नरेंद्र कर, झूमा बैनर्जी, तुहिन नाथ सहित शहर के कई प्रबुद्ध नागरिक मौजूद रहे।
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