शिवांगी संस्थान ने मां हिंदी के नाम कार्यक्रम किया:पवनेश शशि ने निराला और महादेवी वर्मा रचनाओं को सुनाया

राष्ट्रीय हिंदी दिवस के तहत राष्ट्रीय हिंदी परिषद ने नगीन प्रकाशन सभागार में ‘मां हिंदी के नाम’ एक खास कार्यक्रम आयोजित किया। इस मौके पर हिंदी भाषा के महत्व और इसके विकास पर चर्चा हुई। कई हिंदी विद्वानों का सम्मान किया गया और कवियों ने अपनी रचनाओं का पाठ किया। शिवांगी संस्थान की स्वर साधिका गुरु मां श्रीमती प्रेम शर्मा बलूनी के शिष्य श्री पवनेश शशि गोद ने महाकवि सूर्यकांत त्रिपाठी निराला और महादेवी वर्मा की रचनाओं को अपनी मधुर आवाज में गाकर और पढ़कर सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। उनकी प्रस्तुति में निराला की पंक्तियां, “मैं कब गाता मेरे स्वर में, प्यार किसी का गाता है, जब ले ठंडी सांसें कोई, गीत नया बन जाता है” खूब सराही गईं। मां सरस्वती और स्वामी विवेकानंद की तस्वीरों के सामने दीप प्रज्ज्वलन और वेद मंत्रों के पाठ के साथ हुई। गीता पाठ के बाद श्राद्ध पर्व पर दिवंगत आत्माओं को श्रद्धांजलि दी गई। राष्ट्रीय हिंदी परिषद के संस्थापक डॉ. मित्रेश कुमार गुप्ता, संरक्षक श्री नगीन चंद्र जैन और श्री पी.डी. मित्तल के सामाजिक योगदान को याद कर उन्हें नमन किया गया। कार्यक्रम में संरक्षक श्री दिनेश चंद्र जैन, अध्यक्ष मोहित जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष शुभेंद्र मित्तल, डॉ. हरिश्चंद्र शर्मा, डॉ. शिवचरण मधुर, कोषाध्यक्ष राजेश सिंघल, डॉ. प्रदीप कुमार गुप्ता, मनोज अग्रवाल, सुनील दत्त शर्मा, योगेश रस्तोगी, आदित्य शारदा, श्रीमती सीमा जैन, श्रीमती रुचि बलूनी और डॉ. श्याम कुमार घई शामिल हुए। परिषद का परिचय संगठन मंत्री श्री विजय वीर रस्तोगी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय हिंदी परिषद की महामंत्री साध्वी डॉ. मीनाक्षी शास्त्री ने किया। उन्होंने हिंदी के प्रति समर्पण और इसके प्रचार-प्रसार के लिए परिषद के प्रयासों पर जोर दिया। इस आयोजन ने हिंदी भाषा के प्रति लोगों में उत्साह जगाया और इसे और मजबूत करने का संकल्प लिया गया।

Read More

Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर