शिया समुदाय में तीन तलाक़ मान्य नहीं, मांगा जवाब:कोर्ट ने आपराधिक केस रद करने पर मांगी रिपोर्ट, कार्यवाही पर लगी रोक
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिया मुस्लिम समुदाय के शाहिद रजा व दो अन्य के खिलाफ तीन तलाक़ देने के आरोप में चल रहे आपराधिक केस कार्यवाही पर रोक लगा दी है और विपक्षी पत्नी को नोटिस जारी कर तीन हफ्ते में जवाब मांगा है। याचिका की सुनवाई 12 दिसंबर को होगी। कोर्ट ने यह आदेश जमीयत उलेमा हिंद केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर दिया है। जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा है कि मुस्लिम में दो धड़े है एक सुन्नी तो दूसरा शिया। तीन तलाक़ सुन्नी समुदाय में मान्य है, शिया समुदाय में तीन तलाक़ को मान्यता नहीं दी गई है। यह आदेश न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान ने शाहिद रजा की तीन तलाक़ के आरोप में चल रही आपराधिक केस कार्यवाही को रद्द करने की मांग में दाखिल याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका पर अधिवक्ताओं का कहना है कि याचीगण के खिलाफ जे पी नगर अमरोहा के नौगवां सादात थाने में धारा 323,504,506 भारतीय दंड संहिता व धारा 3/4 मुस्लिम महिला संरक्षण कानून के अंतर्गत एफआईआर दर्ज की गई। पुलिस चार्जशीट पर कोर्ट ने संज्ञान भी ले लिया है। याचीगण का कहना है कि वे शिया समुदाय के है। शिया मुस्लिम तीन तलाक़ या तलाक ए बिद्दत को मान्यता नहीं देते। इसलिए तीन तलाक़ देने का आरोप निराधार है।जिसकी कोई विधिक मान्यता नहीं है। शिया मुस्लिम तीन तलाक़ को मानते ही नहीं इसलिए तीन तलाक़ का केस नहीं बनता। कोर्ट ने मुद्दा विचारणीय माना और केस कार्यवाही पर रोक लगाकर शिकायतकर्ता को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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