वाराणसी में राजभर v/sठाकुर, BJP नेता के घर PAC तैनात:बेटी बोली- पापा के ‘हत्यारों’ को फांसी दो, SIT जांच 2 महीने में पूरी नहीं हुई

स्पॉट- छितौना गांव (3 अक्टूबर) वाराणसी में ठाकुर के खेत में गाय चरने के विवाद में राजभर बिरादरी के किसान छोटू की मौत हो गई। स्पॉट- ट्रामा सेंटर, वाराणसी (2 अक्टूबर) BJP नेता संजय सिंह ‘ठाकुर’ को छोटू के साथ मारपीट करने के आरोप में अरेस्ट किया गया। इन दो घटनाओं के बाद वाराणसी के छितौना गांव का माहौल राजभर v/s ठाकुर हो गया। माहौल में तनाव है। 3 अक्टूबर को 4 घंटे परिजनों की मान-मनव्वल के बाद छोटू राजभर का शव श्मशान घाट ले जाया जा सका। अंतिम संस्कार के बाद पुलिस ने गांव के एक हिस्से में रहने वाले BJP नेता संजय सिंह के घर की सुरक्षा बढ़ा दी है। इस वक्त यहां PAC की 1 बटालियन तैनात है, जो 24 घंटे यहां मौजूद रहती है। साथ ही, गांव में RAF की एक टुकड़ी तैनात की गई है। तनाव इसलिए भी है क्योंकि छोटू राजभर की बेटी पुलिस अफसरों के सामने रोते हुए कहती है- हमारे पापा चले गए, अब हमें कौन सहारा देगा। हमारे पापा के हत्यारे को फांसी दीजिए। हमारा जीवन कैसे चलेगा। जैसे हमारे पापा मरे हैं, वैसे ही हम उनकी मौत चाहते हैं। परिवार का गुस्सा इसलिए भी है कि जांच के लिए 4 IPS अधिकारियों की बनी SIT ने 2 महीने में अपनी जांच तक पूरी नहीं की है। छोटू के साथ मारपीट करने वाले BJP नेता संजय को हॉस्पिटल में रखा गया। छोटू की मौत से ठीक 18 घंटे पहले अरेस्ट करके जेल भेज दिया गया। दैनिक भास्कर ने वाराणसी से 22km दूर छितौना गांव पहुंचकर माहौल को समझा। पढ़िए रिपोर्ट… गांव में दाखिल होने के बाद हम सीधे छोटू राजभर के घर पहुंचे। यहां हमारी मुलाकात किसान छोटू के भतीजे की पत्नी सुनीता से हुई। वह कहती हैं- हमारे चाचा 3 महीने से हॉस्पिटल में भर्ती थे, मगर किसी ने कुछ नहीं किया। जमीन…जिसका झगड़ा हुआ, उसके बारे में कोई कुछ बोल रहा है। अनिल राजभर कैबिनेट मंत्री आए, फिर ओमप्रकाश राजभर के लड़के आए। आश्वासन दिए कि सब ठीक हो जाएगा। हत्यारा पकड़ा जाएगा, जेल जाएगा। लेकिन हुआ क्या? संजय को हॉस्पिटल में एडमिट रखा। अरेस्ट नहीं किए। अभी 1 दिन पहले रात में जेल भेजा गया। अब हमें इंसाफ कैसे मिलेगा? आज हमारे चाचा नहीं हैं। घर का एक आसरा तो चला ही गया न..। झूठा मुकदमा वापस हो, घर पर बुलडोजर चले
सुनीता ने आगे कहा- हमारी मांग यही है कि हमारे चाचा जी के बेटे को नौकरी मिले। हमारी ननद की शादी के लिए 50 लाख मुआवजा मिले। इसके अलावा हम लोगों के ऊपर दबाव के चलते जो झूठा मुकदमा हुआ है, उसे खत्म किया जाए। अरविन्द राजभर हमसे वादा करके गए थे कि आरोपी संजय सिंह के घर बुलडोजर चलेगा, तो आए वो चलाएं बुलडोजर.. सिर्फ आश्वासन से कुछ नहीं होगा। 3 अक्टूबर को जब छोटू की लाश घर पहुंची, तब के हाल जानिए पुलिस हाथ जोड़ती रही, परिवार बोला- 50 लाख मुआवजा दीजिए 3 अक्टूबर की सुबह वाराणसी के ट्रामा सेंटर में छोटू राजभर की मौत हो गई। इसकी खबर परिजनों को लगते ही घर में कोहराम मच गया। दोपहर 1 बजे के बाद छोटू राजभर का शव लेकर परिजन छितौना पहुंचे। ACP सारनाथ विदुष सक्सेना और भारी पुलिस फोर्स मौजूद थी। पूरे गांव के लोग इकट्ठा हो गए। घर की औरतें शव से लिपट के रोने लगीं। पुलिसकर्मी अभी भी किनारे खड़े थे। ACP आगे बढ़े और शव को उठाने की बात कही। ACP विदुष सक्सेना ने हाथ जोड़ा और महिलाओं से कहा- हम जो भी बन पड़ेगा…करेंगे। अभी शव का अंतिम संस्कार कर दीजिए। लेकिन महिलाओं ने जवाब दिया- हमें 50 लाख का मुआवजा चाहिए और बेटे को सरकारी जॉब मिलनी चाहिए। डीएम को मौके पर बुलाइए। ACP ने शव उठाकर अर्थी पर रखवा दिया। अब महिलाओं ने घर से बाहर निकलने का रास्ता रोक लिया। बोली- जब तक मांग नहीं पूरी हो जाती हम लाश नहीं ले जाने देंगे। एक महिला ने कहा- लाश जाने के बाद फिर कोई यहां नहीं आएगा। डीएम साहब आएं और बेटे की नौकरी और बेटी की शादी के लिए पैसे का वादा करें। ACP ने SDM सदर अमित कुमार को फोन किया। इसके 45 मिनट बाद SDM सदर मौके पर पहुंचे और परिजनों को आश्वासन दिया कि मकान बनाएंगे और उचित मुआवजा दिलाया जाएगा। एसडीएम सदर अमित कुमार से परिजनों ने कहा- साहब हम मकान बनवा लेंगे, पर हत्यारों के घर पर बुलडोजर कब चलेगा। उन्होंने पंचायत सेक्रेटरी को बुलाकर सबके सामने मकान की जांच की बात कही और कहा कि अगर अतिक्रमण है, तो मकान जमींदोज किया जाएगा। इसके बाद शव को उठा जा सका। BJP नेता के घर तक ID देखकर ही जाने दे रहे
छोटू राजभर के घर से सिर्फ 100 मीटर पैदल चलने पर सड़क के किनारे सुरेंद्र राजभर का घर दिखा। इसी सड़क पर ठाकुर संजय सिंह की जमीन है। उसके बगल से रास्ता है, यहां लोगों का जमावड़ा था। आगे बढ़ने पर बताया गया कि PAC के जवान संजय के घर तक जाने नहीं देते हैं। यहां पर 1 बटालियन PAC तैनात है, इसमें 12 जवान होते हैं। वह सभी व्यक्तियों की ID देखने के बाद ही घर तक जाने देते हैं। हालांकि संजय का घर इस वक्त पूरी तरह से खाली है। परिवार के लोग रिश्तेदारों के घर पर शिफ्ट हो चुके हैं। इस पूरे मामले में ACP सारनाथ विदुष सक्सेना कहते हैं- PAC के साथ RRF की एक टुकड़ी लगाई गई है, इसमें 20 जवान हर समय मौजूद रहते हैं। SIT की जांच रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है। 5 जुलाई को क्या हुआ, ये जानिए संजय के खेत में गाय घुसने से मारपीट तक पहुंचा मामला
5 जुलाई, 2025 को चौबेपुर इलाके के गांव छितौना में रहने वाले संजय सिंह के खेत में एक गाय घुस गई। उन्होंने गाय को भगाया, तो गाय बगल के राजभर बिरादरी के लोगों के खेत में घुस गई और फसल चरने लगी। राजभर लोगों ने इस गाय को भगाया, तो गाय एक बार फिर संजय सिंह के खेत में घुस गई। संजय को लगा कि राजभर बिरादरी के लोगों ने यह सब जानबूझकर किया है। इसके बाद दोनों तरफ से लोग जुट गए। कहासुनी होने लगी। देखते ही देखते दोनों पक्ष मारपीट करने लगे। तलवार, लाठी-डंडे से एक दूसरे पर टूट पड़ा दोनों पक्ष
आरोप है कि संजय सिंह और उनके बेटे अनुराग सिंह ने राजभर बिरादरी के लोगों पर तलवार से हमला बोल दिया। दोनों तरफ से लाठी-डंडे चलने लगे। गांव के लोगों ने चौबेपुर थाने में इस मारपीट की जानकारी दी। पुलिस पहुंची और संजय, अनुराग को पकड़कर अपनी जीप में बैठा लिया। प्रत्यक्षदर्शी बताते हैं कि राजभर बिरादरी के लोग हमले से काफी गुस्से में थे। उन्होंने संजय सिंह, अनुराग को पुलिस जीप से खींच लिया और पीटना शुरू कर दिया। किसी तरह पुलिस ने बचाया। इस मारपीट में छोटू राजभर, संजय सिंह सहित आधा दर्जन से अधिक लोग घायल हुए थे। इसमें राजभर पक्ष से छोटू राजभर की हालत गंभीर थी। घायलों को ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया था। राजभर पक्ष की ओर से दर्ज हुआ केस
रोजगार एवं श्रम मंत्री अनिल राजभर घायलों से मिलने ट्रॉमा सेंटर पहुंचे थे। यूपी सरकार के मंत्री अनिल राजभर के निर्देश पर राजभर पक्ष की ओर से भी एफआईआर दर्ज की गई थी। लेकिन दूसरे पक्ष यानी ठाकुर बिरादरी का एफआईआर दर्ज नहीं की गई। संजय और उनके परिवार के सपोर्ट में करणी सेना उतरी
ठाकुर पक्ष का एफआईआर दर्ज नहीं होने से करणी सेना मामले में कूद पड़ी। करणी सेना के जिलाध्यक्ष आलोक सिंह समर्थकों के साथ थाने पहुंचे। आरोप लगाया कि मंत्री राजभर के दबाव के चलते पुलिस संजय सिंह पर हमला करने वालों के खिलाफ केस दर्ज नहीं कर रही। करणी सेना के बाद भाजपा वाराणसी के पूर्व जिलाध्यक्ष राकेश सिंह भी संजय सिंह और उनके परिजनों के समर्थन में खुलकर सामने आ गए। उन्होंने आरोप लगाया कि कुछ लोग पर्दे के पीछे से खेल रहे हैं। सरकार की छवि से खिलवाड़ नहीं होना चाहिए। जांच में जो भी दोषी हो, उसके खिलाफ कार्रवाई हो। उन्होंने पुलिस पर एकपक्षीय कार्रवाई का आरोप लगाया। 2 दिन के प्रदर्शन के बाद राजभर पक्ष पर FIR
एफआईआर दर्ज नहीं होने से बीजेपी नेता और क्षत्रिय संगठन प्रदर्शन करने लगे। दो दिनों तक धरना-प्रदर्शन से वाराणसी का राजनैतिक पारा चढ़ने लगा। मामला तूल पकड़ता देख पुलिस ने बीजेपी बूथ अध्यक्ष संजय सिंह के भाई दिग्पाल सिंह की तहरीर पर राजभर पक्ष के 7 लोगों पर FIR दर्ज की गई थी। आरोपियों में भोला राजभर, राम गुलाम राजभर, सुरेंद्र राजभर, राजेंद्र राजभर, रामाश्रय, महेंद्र राजभर और एक अज्ञात शामिल हैं। दिग्पाल ने बताया कि हमारी जमीन पर कब्जे की नीयत से अनुराग, अमित और संजय सिंह पर हमला किया किया था। पुलिस की मौजूदगी में एम्बुलेंस वैन में भी घायल भाई संजय सिंह पर जानलेवा हमला किया। सुभासपा महासचिव डॉ. अरविंद राजभर ने जताया शोक
वाराणसी के छितौना कांड में घायल हुए छोटू राजभर की मौत पर सुहेल देव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय प्रमुख महासचिव एवं पूर्व मंत्री डॉ. अरविंद राजभर ने दुख जताया है। उन्होंने एक्स पर लिखा कि छोटू राजभर जी का असमय निधन अत्यंत दुःखद और पीड़ादायक है। यह केवल एक परिवार की नहीं, बल्कि पूरे समाज की क्षति है। हम ईश्वर से प्रार्थना करते हैं कि दिवंगत आत्मा को अपने श्रीचरणों में स्थान दें और शोक संतप्त परिवार को यह असहनीय पीड़ा सहन करने की शक्ति प्रदान करें। डॉ. राजभर ने लिखा कि सुभासपा इस दुख की घड़ी में पीड़ित परिवार के साथ मजबूती से खड़ी है। उन्होंने राज्य सरकार से आग्रह किया कि शोकग्रस्त परिवार को शीघ्र उचित मुआवजा और सहायता प्रदान की जाए, ताकि उन्हें इस संकट की घड़ी में कुछ राहत मिल सके। —————————
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