लखनऊ हाईकोर्ट ने पूछा-सरकारी जमीन पर क्यों लगाई मूर्ति:पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह से जुड़ा मामला, जनहित याचिका दायर की गई

इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ में जनहित याचिका दाखिल की गई। इस जनहित याचिका में सुल्तानापुर जनपद में एक सरकारी जमीन पर पूर्व विधायक इन्द्रभद्र सिंह की मूर्ति सरकारी जमीन पर लगाने का मामला उठाया गया। इस याचिका द्वारा इस मूर्ति को हटाने की मांग की गई है। जिसपर न्यायालय ने सुनवाई करते हुए याची को सुनवायी से अलग कर दिया। इस याचिका को स्वत संज्ञान याचिका मानते हुए ‘सार्वजनिक भूमि पर मूर्ति आदि की स्थापना और उन्हें हटाना’ शीर्षक से स्वतः संज्ञान याचिका दर्ज करने का आदेश दिया है। साथ ही न्यायालय ने पीडब्ल्यूडी व जिलाधिकारी, सुल्तानापुर से पूछा है कि क्या उक्त प्रतिमा सरकारी जमीन पर लगी है, यदि हां तो क्या सरकारी जमीन पर ऐसी प्रतिमाएं लगाई जा सकती हैं, यदि नहीं तो उसे हटाने के लिए क्या प्रक्रिया अपनायी जानी है। मामले की अगली सुनवायी 29 अक्टूबर को होगी। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति मंजीव शुक्ला की खंडपीठ ने अमित वर्मा की ओर से दाखिल जनहित याचिका पर पारित किया। न्यायालय ने कहा कि हम इस प्रश्न पर नहीं जा रहे कि उक्त जनहित याचिका राजनीति से प्रेरित है। अथवा नहीं, विषय की गम्भीरता को देखते हुए, हम मामले के याची को प्रक्रिया से मुक्त करते हैं। याचिका स्वतः संज्ञान याचिका के तौर पर दर्ज करने का आदेश देते हैं। न्यायालय ने कहा कि अधिकारी प्रति-उत्तर शपथ पत्र दाखिल करने से पूर्व मामले की जांच कर लें। मामले में पक्षकार बनाए गए, चंद्रभान सिंह उर्फ सोनू को भी प्रति-उत्तर शपथ पत्र दाखिल करने का आदेश दिया है।

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