लखनऊ में LDA में बदलेगी वर्षों पुरानी व्यवस्था:अब रजिस्ट्री में विवाहित पुरुषों को नहीं जोड़ना होगा पत्नी का नाम

लखनऊ में एलडीए की संपत्तियों की रजिस्ट्री से जुड़ी एक पुरानी और विवादित व्यवस्था को बदलने की तैयारी शुरू हो गई है। अब विवाहित पुरुष आवंटियों को संपत्ति की रजिस्ट्री में पत्नी का नाम जोड़ना अनिवार्य नहीं रहेगा। इस संबंध में एलडीए ने शासन को प्रस्ताव भेजा है, जिस पर सकारात्मक रुख दिखाते हुए शासन ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। अब तक क्या था नियम? एलडीए की ओर से अभी तक मकान, दुकान, फ्लैट या प्लॉट की रजिस्ट्री कराने के लिए विवाहित पुरुषों को अपनी पत्नी का नाम अनिवार्य रूप से जोड़ना होता था। अविवाहित होने पर शपथ पत्र, पत्नी के निधन पर मृत्यु प्रमाण पत्र लगाना होता था। बिना इन दस्तावेजों के रजिस्ट्री नहीं होती थी। क्यों उठी व्यवस्था बदलने की मांग? इस नियम को लेकर कई सालों से लोग इसको बदलने की मांग कर रहे थे। कई बार पति-पत्नी अलग शहरों में नौकरी करते हैं, या फिर कोई एक विदेश में होता है। ऐसे में एक साथ रजिस्ट्री पर पहुंचना मुश्किल हो जाता है। कई मामलों में अलगाव, पारिवारिक विवाद या आपसी सहमति की कमी के कारण भी दिक्कतें सामने आईं। शासनादेश में लचीलापन न होने की वजह से, सिर्फ एक व्यक्ति के नाम पर संपत्ति रजिस्ट्री संभव नहीं हो पाती थी। एलडीए का नया प्रस्ताव एलडीए उपाध्यक्ष प्रथमेश कुमार ने शासन से वर्ष 2001 के शासनादेश को संशोधित करने का आग्रह किया है। उन्होंने विवाहित पुरुषों के लिए पत्नी का नाम जोड़ने की अनिवार्यता समाप्त करने का सुझाव दिया है। शासन ने इस पर सहमति जताते हुए एलडीए से विस्तृत प्रस्ताव और तर्कों की रिपोर्ट मांगी है। क्या होगा असर? यदि शासन इस प्रस्ताव को मंजूरी देता है, तो: विवाहित पुरुषों को अकेले संपत्ति रजिस्ट्री में राहत मिलेगी। कानूनी अड़चनों और पारिवारिक विवादों के मामलों में आसानी होगी। संपत्ति खरीददारी की प्रक्रिया अधिक सरल और व्यावहारिक हो सकेगी।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर