लखनऊ की रिंग रोड बन जाए, इतना पत्थर खोद डाला:जिस अफसर ने कराया खनन, उसे मिली प्राइज पोस्टिंग, एक साल बाद भी जांच नहीं
मिर्जापुर में 16 लाख घनमीटर से ज्यादा इमारती पत्थर, गिट्टी, सैंड स्टोन और बोल्डर का अवैध खनन कर लिया गया। इससे लखनऊ की पूरी रिंग रोड बन सकती है। प्राइमरी जांच में दोषी पाए गए मिर्जापुर के सीनियर माइनिंग अफसर शैलेंद्र सिंह को प्राइज पोस्टिंग देकर सोनभद्र भेज दिया गया। तेजी से जांच कर रहे अफसर डॉ. मन्नान अख्तर को हटाकर अब जांच विभाग के विशेष सचिव को सौंपी गई है। एक साल से जांच आगे ही नहीं बढ़ी। उत्तर प्रदेश उप-खनिज (परिहार) नियमावली- 2021 के नियम 53 (भवन एवं विकास परियोजनाओं ) के तहत काम हुआ। इसमें तालाब बनाने के लिए मिर्जापुर की चुनार तहसील में इमारती पत्थर, सैंड स्टोन, गिट्टी और बोल्डर का खनन और परिवहन करने के लिए 3 महीने के पट्टे दिए गए थे। 10 लोगों ने पट्टा लिया। विभाग को मिली शिकायत में सामने आया कि वरिष्ठ खनन अधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह और पट्टा धारकों ने मिलीभगत कर पहले ही अवैध खनन कर इमारती पत्थर जमा कर रखा था। अल्पकालीन खनन पट्टों की आड़ में अवैध खनन से जमा इमारती पत्थर का अवैध खनन भी किया गया। जबकि जहां खनन होना बताया गया, वहां खनन बिल्कुल नहीं हुआ। सिर्फ वहां के नाम की ईएमएम-11 रवाना पर्ची जारी की गई। विभिन्न पट्टा धारकों की ओर से जारी ईएमएम-11 (रवाना पर्ची) से 15,92,522 घनमीटर का दुरुपयोग किया गया। जांच में सामने आया कि वास्तव में खनन किए बिना ईएमएम-11 जारी किया गया है, जो काफी गंभीर है। वरिष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह को दोषी ठहराया
जांच रिपोर्ट में मिर्जापुर के तत्कालीन वरिष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह को दोषी ठहराया गया। उन पर आरोप है कि 14 फरवरी, 2023 से 1 जनवरी, 2024 तक वह मिर्जापुर में कार्यरत थे। लोकसेवक के रूप में उनका दायित्व था कि वह मिर्जापुर में जारी खनन पट्टों और खनन लाइसेंस का समय-समय पर निरीक्षण करते। अवैध खनन, अवैध भंडारण और अवैध परिवहन पर अंकुश लगाते। जांच में यह भी पाया गया कि वरिष्ठ खान अधिकारी ने खनन माफिया से साठगांठ कर अवैध खनन और अवैध परिवहन कराकर सरकार को राजस्व का नुकसान पहुंचाया। जांच अधिकारी ने माना कि शैलेंद्र सिंह का यह कृत्य शासकीय कार्य के प्रति घोर लापरवाही, अनुशासनहीनता और मनमर्जी दिखाता है। जांच अधिकारी ने इसे यूपी सेवा नियमावली 1956 के प्रावधानों के भी विपरीत माना। जांच अधिकारी ही बदल दिया गया
माइनिंग डिपार्टमेंट के अधिकारी बताते हैं कि प्रारंभिक जांच में शैलेंद्र सिंह पटेल दोषी पाए जाने के बाद उनके खिलाफ जांच विभाग के तत्कालीन विशेष सचिव डॉ. मन्नान अख्तर को सौंपी गई थी। डॉ. अख्तर मामले की तह में जाने लगे, तो शैलेंद्र सिंह और खनन माफिया के दबाव में उन्हें हटा दिया गया। शैलेंद्र सिंह को मिली प्राइज पोस्टिंग
शैलेंद्र सिंह के खिलाफ मिर्जापुर में इतनी बड़ी मात्रा में अवैध खनन कराने की पुष्टि होने के बाद भी उन्हें खनन की राजधानी कहे जाने वाले सोनभद्र में वरिष्ठ खान अधिकारी के पद पर पोस्टिंग दी गई। शैलेंद्र सिंह का प्रभाव इतना है कि अब मामले की जांच ठंडे बस्ते में चली गई है। शैलेंद्र सिंह अभी भी सोनभद्र में सेवाएं दे रहे हैं। इतना खनन कि एक रिंग रोड बन जाए
खनन के जानकार मानते हैं कि मिर्जापुर में जितनी मात्रा में गिट्टी, बोल्डर, सैंड स्टोन का अवैध खनन और परिवहन किया गया है। उससे लखनऊ की पूरी रिंग रोड बनाई जा सकती है। खनन माफिया और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से सरकार को 200 करोड़ रुपए से अधिक की राजस्व हानि हुई है। यह है पूरा खेल चुनाई में इमारती पत्थर, गिट्टी, बोल्डर और सैंड स्टोन की रायल्टी की दर कम है। जबकि जिले के दूसरी तहसीलों में उपखनिजों की रायल्टी की दर ज्यादा है। खनन माफिया ने मिर्जापुर में जहां रायल्टी की दर अधिक है, वहां से अवैध खनन किया। उसके लिए ईएमएम-11 चुनार में अल्पकालीन खनन पट्टों से जारी किया गया। मुख्य सचिव से की थी शिकायत
पूर्व मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह करीब 8 महीने पहले सोनभद्र के दौरे पर गए थे। वहां लोढ़ी टोल प्लाजा पर ट्रांसपोर्ट कारोबारियों ने मुख्य सचिव को रोक कर उनसे वरिष्ठ खान अधिकारी शैलेंद्र सिंह की शिकायत कर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। उन्होंने आरोप लगाया था कि शैलेंद्र सिंह पटेल की मिलीभगत से हजारों ट्रक बगैर परिवहन प्रपत्र के चल रहे हैं। कोर्ट के आदेश से एससी-एसटी का मुकदमा दर्ज
वरिष्ठ खनन अधिकारी शैलेंद्र सिंह के खिलाफ कुछ महीने पहले हाई कोर्ट के आदेश पर एससी-एसटी अत्याचार निवारण एक्ट के तहत भी मुकदमा दर्ज किया गया था। उन पर वाहन की जांच के दौरान एक ट्रक ड्राइवर को पीटने और जातिसूचक शब्द करने का आरोप है। जहां खनन दिखाया, वहां खनन हुआ ही नहीं
जांच में सामने आया कि पट्टा धारकों ने जहां खनन 3 महीने का अल्पकालीन पट्टा जारी कराया था, वहां उन्होंने खनन किया ही नहीं। इस खनन पट्टे की आड़ में पहले से अवैध खनन कर एकत्रित किए गए इमारती पत्थर, बोल्डर, गिट्टी और सैंड स्टोन का अवैध परिवहन भी किया गया। ……………. ये खबर भी पढ़ें… बिहार चुनाव में योगी की ज्यादा डिमांड:डिप्टी सीएम केशव मौर्य की भी परीक्षा, यूपी के नेताओं को मिली जिम्मेदारी बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही यूपी में योगी सरकार के 6 से अधिक मंत्रियों ने बिहार में डेरा जमा लिया है। इनके अलावा भाजपा सांसद, विधायक और नेता भी वहां पहुंच गए हैं। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, बिहार में सबसे ज्यादा डिमांड सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली, सभा और रोड शो की है। बिहार के बड़े-बड़े नेता भी अपने विधानसभा क्षेत्र में सीएम योगी की रैली कराना चाहते हैं। बिहार चुनाव के दोनों चरणों में सीएम योगी 24 से अधिक चुनावी सभाएं करेंगे। इनसे वह 50 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को साधेंगे। योगी पहले और दूसरे चरण में चुनाव में स्टार प्रचारक रहेंगे। उनके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत अन्य नेताओं की भी चुनावी सभाएं कराई जाएंगी। पढ़िए पूरी खबर…
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