रिमोट सेंसिंग, GIS तकनीक पर कार्यशाला आयोजित:NIC सभागार में जिलाधिकारी की अध्यक्षता में दी गई जानकारी
एनआईसी सभागार में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन्स सेंटर,(विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग) द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिलाधिकारी डॉ. वी.के. सिंह की अध्यक्षता में हुई इस कार्यशाला में रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक के उपयोग पर जानकारी दी गई। कार्यशाला में रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन्स सेंटर के वरिष्ठ वैज्ञानिकों डॉ. एम.एस. यादव, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह और परियोजना वैज्ञानिक डॉ. जय कुमार मिश्रा तथा अली ए. नियाजी ने प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने रिमोट सेंसिंग और जीआईएस तकनीक का उपयोग करके तैयार किए गए जनपदवार डिजिटल डेटाबेस की जानकारी साझा की। वैज्ञानिकों ने रिमोट सेंसिंग, जीआईएस और जीपीएस तकनीक के विस्तृत उपयोगों के बारे में बताया। इस तकनीक का प्रयोग कृषि, राजस्व, भू-संचय, जल-संचय, प्राकृतिक आपदा प्रबंधन, ग्राम्य विकास, पंचायती राज, सिंचाई, जल निगम, नलकूप, सड़क और वन जैसे विभिन्न क्षेत्रों में किया जाता है। भुवन पोर्टल और लिडार तकनीक के बारे में भी जानकारी दी गई। प्रधानमंत्री गतिशक्ति पोर्टल (पीएमजीएसपी) के माध्यम से विभिन्न विभागों के डेटाबेस पर भी चर्चा हुई। इसी दौरान, डॉ. कौशलेन्द्र सिंह ने रिमोट सेंसिंग तकनीक पर आधारित अपनी पुस्तक ‘डिजिटल क्रांति: मृदा विज्ञान’ जिलाधिकारी को भेंट की। कार्यशाला में अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, जिला विकास अधिकारी, उप निदेशक कृषि, मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, जिला अर्थ एवं संख्याधिकारी सहित लोक निर्माण विभाग, जल निगम और समस्त खंड विकास अधिकारियों समेत कई विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया।
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