यूपी में कुम्हारों की बदलती स्थिति पर पल्लवी को PHD:“पारंपरिक कुम्हारों की सामाजिक- आर्थिक स्थिति, संघर्ष रहा टापिक

डॉ. शाकुन्तला मिश्र राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय, लखनऊ के 12वें दीक्षांत समारोह में डॉ. पल्लवी सोनी को पीएच.डी. की प्रतिष्ठित उपाधि प्रदान की गई। यह सम्मान उन्हें उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, राज्य मंत्री नरेंद्र कश्यप तथा पूर्व मुख्य आयुक्त (दिव्यांग जन) डॉ. एस. गोविंद राज की उपस्थिति में मिला। डॉ. पल्लवी सोनी अयोध्या के कौशलपुरी कालोनी की रहने वाली हैं।उनका शोध विषय था –“पारंपरिक कुम्हारों की सामाजिक एवं आर्थिक स्थिति, संघर्ष और पॉटरी का बदलता स्वरूप (उत्तर प्रदेश के संदर्भ में”।अपने शोधकार्य में पल्लवी उत्तर प्रदेश के कुम्हार समुदाय की वर्तमान सामाजिक-आर्थिक परिस्थितियों, उनकी चुनौतियों और पारंपरिक शिल्प के बदलते स्वरूप का गहन विश्लेषण प्रस्तुत किया है। उनका मानना है कि इस शोध के निष्कर्ष न केवल कुम्हार समुदाय के सर्वांगीण विकास में सहायक सिद्ध होंगे, बल्कि पारंपरिक पॉटरी कला को नई पहचान और सम्मान भी दिलाएंगे। पल्लवी अयोध्या के दीपोत्सव के आयोजन से भी कई साल तक जुड़ी रहीं। इस दौरान उनके अंदर अयोध्या,राम,दीप और कुम्हार जैसे शब्दों के प्रति जिज्ञासा बढ़ीं।और इसको पूरा करने तथा समाज की वास्तविक स्थिति सामने लाने के लिए उन्होंने कुम्हारों की स्थितियों को अपने शोध का विषय ही बना डाला। इस उपलब्धि का संपूर्ण श्रेय डॉ. पल्लवी सोनी अपनी माता पूर्णिमा सोनी एवं पिता राजेन्द्र सोनी को देती हैं। उनके आदर्शों, संस्कारों और सतत प्रोत्साहन ने ही उन्हें निरंतर आगे बढ़ने की शक्ति प्रदान की। साथ ही वे अपने समस्त परिवार के सहयोग और त्याग के प्रति हृदय से आभार व्यक्त करती हैं। विशेष रूप से,वे अपने मार्गदर्शक प्रो. पाण्डेय राजीव नयन, डीन, ललित एवं प्रदर्शन कला संकाय, के गहन मार्गदर्शन, सतत प्रेरणा और विद्वत्तापूर्ण परामर्श को अपने शोध का सबसे महत्वपूर्ण आधार और संबल मानती हैं।

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