मेरठ में गुर्जरों की गिरफ्तारी से आक्रोश:प्रदर्शन का आव्हान, चंद्रशेखर आजाद ने लिखा- गुर्जरों की आवाज कुचलने की कोशिश

मेरठ में 21 सितंबर को हुई गुर्जर महापंचायत को पुलिस ने रोका, साथ ही पुलिस ने मौके से बिरादरी के कुछ लोगों को पकड़कर पुलिस लाइन ले आए। जिन्हें देर रात मेरठ जिला जेल में बंद कर दिया गया। इस पूरे प्रकरण के बाद गुर्जर बिरादरी में खासा रोष है। सोमवार को भी बिरादरी के कुछ लोग जेल में अपने लोगों से मिलने गए लेकिन मुलाकात नहीं हो सकी। पूरे पश्चिमी यूपी में इस प्रकरण के बाद विवाद बढ़ता जा रहा है। चंद्रशेखर सहित अन्य लोगों ने इस मामले पर सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए रोष जताया है। वहीं राष्ट्रीय गुर्जर स्वाभिमान संघर्ष समिति ने पूरे मामले में बिरादरी से विरोध करने का आव्हान है। पूरे प्रकरण में अब तक क्या हुआ पढिए.. नगीना सांसद चंद्रशेखर आजाद ने सोशल मीडिया पर लिखा मेरठ में महापुरुषों के मान-सम्मान के लिए हो रहे कार्यक्रम से बौखलाई उत्तर प्रदेश सरकार ने आज़ाद समाज पार्टी (कांशीराम) के राष्ट्रीय महासचिव एड. भाई रविन्द्र भाटी जी व उनके साथियों को मेरठ के दादरी मंडोरा क्षेत्र से बलपूर्वक हिरासत में ले लिया और फिर रात में जेल भेजने की कार्रवाई सिर्फ़ गैरक़ानूनी नहीं, बल्कि तानाशाही का प्रतीक और लोकतंत्र का अपमान है। यह सिर्फ़ भाई रविंद्र भाटी जी की गिरफ्तारी नहीं है, यह बहुजन— गुर्जर समाज और इस देश की लोकतांत्रिक आवाज़ को कुचलने की साज़िश है। उत्तर प्रदेश की सरकार याद रखे — आवाज़ों को कैद किया जा सकता है, लेकिन विचारों और संघर्षों को नहीं। हम कहते हैं एड.भाई रविन्द्र भाटी जी व उनके साथियों को तुरंत रिहा करो और लोकतांत्रिक अधिकारों का गला घोंटना बंद करो।
हम महापुरुषों के मान-सम्मान और अपने समाज की इज़्ज़त पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेंगे। तानाशाही के ख़िलाफ़ यह लड़ाई और मज़बूत होगी। बता दें कि रविंद्र भाटी आजाद समाज पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव हैं। इसलिए पूरी पार्टी में उनकी गिरफ्तारी के बाद रोष है।
सपा के प्रवक्ता राजकुमार भाटी ने सोशल मीडिया पर लिखा क्या गुर्जर समाज की राजनीतिक जागरूकता से डर गई उत्तर प्रदेश सरकार?
इसका अर्थ तो यही लगाया जा सकता है। उत्तर प्रदेश सरकार ने 21 सितम्बर को रविवार के दिन शासनादेश जारी करके उत्तर प्रदेश में जातीय रैलियों और सम्मेलनों पर रोक लगा दी है। अब से पहले भारतीय जनता पार्टी खुद जातीय रैलियां और सम्मेलन करती रही है। 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के लखनऊ कार्यालय पर लगातार एक महीने तक अलग अलग जातियों की बैठकें की गईं। भाजपा ने लखनऊ में बोर्ड लगाकर यह भी बताया था कि उनकी सरकार ने किस किस जाति के कितने मंत्री बनाए हैं। गाजियाबाद विधानसभा उपचुनाव में योगी आदित्यनाथ जी ने रोड शो किया था। एक किमी के रोड शो में दस जातियों के स्वागत मंच बने हुए थे जिन पर अलग अलग जातियों के नाम लिखे हुए थे। आज जब गुर्जर समाज में राजनीतिक जागरूकता हेतु एक अभियान चल रहा है और हम लोगों ने विशाल गुर्जर रैली आयोजित करने की घोषणा कर रखी है तब अचानक योगी जी को कैसे याद आया कि जातियों के नाम पर रैलियां नहीं होनी चाहिए । हम समाज के जागरूक और प्रबुद्ध लोगों के साथ बैठकर इस पर विचार करेंगे और कोई निर्णय लेंगे । लेकिन हमारा अभियान रुकेगा नहीं । अभियान जारी रहेगा । योगी जी, आपकी कोप दृष्टि गुर्जर समाज की ओर ही क्यों उठती है ? कल आपने जिला मेरठ के दादरी में गुर्जर समाज के लोगों पर लाठियां चलवा दी और दो दर्जन लोगों को जेल भिजवा दिया । दादरी (गौतमबुद्ध नगर) में आपने सम्राट मिहिर भोज की प्रतिमा से गुर्जर शब्द मिटवा दिया था । योगी जी आपको इस पर आत्म चिंतन करना चाहिए । साधु वेशधारी मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठे किसी व्यक्ति के अंदर इतना जातीय भेदभाव नहीं होना चाहिए । अमरोहा में बिरादरी के लोगों ने सौंपा ज्ञापन अमरोहा में गुर्जर समाज के लोगों ने इस पूरे प्रकरण के बाद सोमवार को विरोध प्रदर्शन किया। ओमकार कटारिया सहित उनकी पूरी टीम डीएम कार्यालय पहुंचे और वहां जाकर इस पूरे प्रकरण पर ज्ञापन सौंपा। कहा कि गुर्जर समाज पर बीजेपी राज में अत्याचार हो रहा है। कहा कि जो गुर्जर समाज के लोग मेरठ जेल में बंद हैं उनको छोड़ा जाए, उनके ऊपर दर्ज मुकदमे वापस लिए जाएं। अब मेरठ पुलिस का एक्शन पढ़िए पुलिस ने इस पूरे मामले में 21 सितंबर को कुल 22 लोगों को अरेस्ट किया था। इनके ऊपर मुकदमा लिखा गया। पुलिस दादरी गांव से इन लोगों को गाड़ी में बैठाकर पुलिस लाइन ले आई। दोपहर 1 बजे से रात 11 बजे तक पुलिस ने इन लोगों को पुलिस लाइन में अंदर ही बंद रखा। उन्हें किसी से मिलने नहीं दिया। देर रात 11 बजे 5 लोगों को पुलिस ने सपा विधायक अतुल प्रधान के कहने के बाद छोड़ दिया। पुलिस लाइन से कुल 5 लोगों को छोड़ा गया, बाकी 17 लोगों को पुलिस ने देर रात ही जेल भेज दिया। इसमें रविंद्र भाटी सहित अन्य लोग भी शामिल हैं। जो मेरठ जिला जेल में बंद हैं। इन पर मुकदमा भी लिखा गया है। पुलिस अभी मुकदमे में और लोगों के नाम बढ़ाने जा रही है। सीसीटीवी और पंचायत के वीडियो के आधार पर मुकदमे में नाम बढ़ाए जाएंगे। आज जिलों में होगा प्रदर्शन मेरठ जिला जेल में जो गुर्जर बिरादरी के लोग बंद हैं सोमवार को कुछ लोग उनसे मिलने गए लेकिन उन्हें मिलने नहीं दिया गया। वहीं इस पूरे प्रकरण के बाद गुर्जरों में काफी विरोध है। मंगलवार को कई जिलों में इस पूरे मामले में बिरादरी के लोगों से प्रदर्शन, विरोध का आवाहन किया गया है। वहीं मंगलवार को भी मेरठ सहित आसपास के जिलों के लोग मेरठ जेल में मिलाई करने जाएंगे। कुछ लोगों ने बताया कि अभी हम पुलिस, प्रशासन का एक्शन देख रहे हैं अगर हमारे लोगों को नहीं छोड़ा गया तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा। पुलिस की तरफ से जारी की गई विज्ञप्ति में लिखा गया है
थाना दौराला क्षेत्र अंतर्गत अन्य जनपद से आकर बिना अनुमति के कुछ व्यक्तियों द्वारा एकत्रित होने तथा शांति एवं कानून व्यवस्था भंग करने के संबंध में मेरठ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई I * जनपद मेरठ में आगामी त्यौहारों को दृष्टिगत रखते हुए धारा 163 BNSS लागू है। * कुछ व्यक्तियों द्वारा अन्य जनपदों से आकर बिना अनुमति के सार्वजनिक स्थान पर एकत्रित होकर शांति व्यवस्था भंग करने का प्रयास किया गया। * पुलिस द्वारा उन्हें रोकने पर उक्त व्यक्तियों ने पथराव किया। * ऐसे व्यक्तियों के विरुद्ध मुकदमा पंजीकृत कर विधिक कार्यवाही अमल में लाई गई। * जनपद में शांति व कानून-व्यवस्था बनाए रखने हेतु कड़े एवं प्रभावी कदम उठाए जा रहे हैं। * इस बवाल में शामिल 22 अभियुक्त गिरफ्तार हैं। * अन्य अभियुक्तों की शिनाख्त कर नियमानुसार कार्यवाही की जा रही है। पुलिस के अनुसार, मुख्य आरोपी अभिनव मोतला समेत ये सभी लोग पंचायत में शामिल होने आए थे, जिसे पुलिस ने रोक दिया था। इस घटना में एक उप निरीक्षक और एक कांस्टेबल घायल हो गए।पथराव में उप निरीक्षक विकास निषाद और कांस्टेबल सोनू घायल हुए। घटना के दौरान गांव में एहतियातन पुलिस बल तैनात किया गया।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर