मुनिया हत्याकांड, 6 माह बाद भी अनसुलझा:घर में खून से लथपथ मिला था शव, पुलिस का कार्यशैली पर सवाल
जालौन के एट कोतवाली क्षेत्र स्थित हरदोई गूजर गांव में 65 वर्षीय विधवा मुनिया की हत्या को छह महीने से अधिक समय बीत चुका है। 18 मार्च को हुई इस वारदात में पुलिस अब तक हत्यारों का पता नहीं लगा पाई है। मुनिया का शव उसके घर में खून से लथपथ मिला था, जिसमें सिर पर किसी भारी वस्तु से वार किए जाने के निशान थे। घटना के बाद पुलिस ने जांच का आश्वासन दिया था, लेकिन छह माह बाद भी मामला अनसुलझा है। ग्रामीणों के अनुसार, मुनिया अपने घर में अकेली रहती थीं। पति की मृत्यु के बाद वह खेती और मजदूरी करके अपना जीवनयापन करती थीं। घटना वाली सुबह जब वह घर से बाहर नहीं निकलीं, तो पड़ोसियों ने घर में झांककर देखा। भीतर मुनिया का खून से सना शव देखकर गांव में दहशत फैल गई। पुलिस ने मौके से कुछ साक्ष्य जुटाने की बात कही थी, लेकिन न तो कोई संदिग्ध हिरासत में लिया गया और न ही हत्या का कोई ठोस कारण सामने आया। परिजनों और ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने इस मामले को शुरुआत से ही गंभीरता से नहीं लिया। प्रारंभिक जांच के बाद मामले की फाइल दबा दी गई। अब स्थिति यह है कि कोई भी अधिकारी इस मामले पर बात करने से बचता है। पूछने पर केवल “जांच जारी है” का जवाब मिलता है, लेकिन जांच किस दिशा में आगे बढ़ रही है, इसकी कोई जानकारी नहीं दी जाती। स्थानीय लोगों में पुलिस की इस लापरवाही को लेकर गहरा आक्रोश है। उनका कहना है कि यदि यह घटना किसी प्रभावशाली व्यक्ति के परिवार में हुई होती, तो हत्यारे अब तक पकड़े जा चुके होते। छह माह बीतने के बाद भी न्याय न मिलने से ग्रामीणों में असंतोष लगातार बढ़ रहा है। इस मामले में कोंच सर्किल के सीओ परमेश्वर प्रसाद का कहना है कि इस मामले में पुलिस की टीम लगी हुई है, उनकी कोशिश है कि जल्द ही इसका खुलासा किया जाए।
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