भूरा-डिप्टी जेलर हत्याकांड ने दिलाई एडवोकेट वीके शर्मा को पहचान:अजय जडेजा के मुकदमों की करते रहे पैरवी, भूरा केस में दिला चुके हैं क्लीनचिट
मेरठ के वरिष्ठ अधिवक्ता वीके शर्मा ने 43 साल के करियर में सैंकड़ों केस लड़े और जीते भी। इनमें कुछ केस ऐसे भी रहे, जिन्होंने उनको अलग पहचान दिलाने का काम भी किया। कचहरी में हुआ रविंद्र भूरा और वर्ष 2007 में हुआ डिप्टी जेलर नरेंद्र द्विवेदी हत्याकांड खास थे। वह मानते हैं कि अधिवक्ता का पहला काम अपने मुवक्किल को बचाना है, जिसे वह अपनी जिम्मेदार समझकर करते आए हैं। उनका कभी किसी से कोई मनमुटाव तक नहीं रहा। एक नजर डालते हैं पूरे घटनाक्रम पर
जाग्रति विहार सेक्टर 2 में जिला बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष वीके शर्मा परिवार के साथ रहते हैं। उनकी पत्नी लता शर्मा एक प्राइवेट स्कूल में प्रिंसिपल हैं। 16 सितंबर की शाम करीब चार बजे वह अपनी ईमेल अकाउंट चेक करने बैठीं तो अंजान मेल देखकर दंग रह गईं। यह मेल उनके पति वीके शर्मा एडवोकेट के लिए था, जिसमें सीधे सीधे धमकी दी गई थी। इस ई-मेल से भेजा गया था मेल
लता शर्मा की आईडी dr.latasharma66@gmail.com पर आया ई-मेल अंग्रेजी में था। शाम 4 बजकर 29 मिनट पर यह आया था। जिस ई-मेल आईडी से यह भेजा गया था, वह california white angel GNom13(Californiagrandsquadg13@gmail.com) था। ई-मेल भेजने वाले ने एड्रेस बार में खुद को भी शामिल किया था। जानते हैं क्या लिखा हैं 16 तारीख के ई-मेल में हम आपको यह बताने आए हैं कि आपके पति को हमारे गिरोह के सदस्य पर अपने फैसले के लिए अपनी जान देकर कीमत चुकानी पड़ेगी… अगर आप और आपके पति अपने परिवार और हम सभी MS-13 गिरोह के सदस्यों के पीछे शांति चाहते हैं… तो आपके पति को हमारे सदस्यों के गुस्से को शांत करने के लिए 2 लाख रुपये देने होंगे… हमारी योजना आपके पति का सिर अपनी स्नाइपर राइफल से उड़ाने की थी, लेकिन हमने आगे कोई भी कार्रवाई करने से पहले आपको सूचित करने का फैसला किया… याद रखें कि हमारी नज़र आप पर और आपके परिवार पर है… आपके घर और आपके कार्यालय पर… आपके पास पैसे देने के लिए चार दिन हैं, हम आपके परिवार में आपकी बेटी सहित किसी को भी नहीं छोड़ेंगे। 20 सितंबर को Re mail, Last Warning एडवोकेट वीके शर्मा के पास पहला mail 16 सितंबर को आया था। चार दिन का समय दिया गया था। शनिवार को चार दिन बीत गए। 20 सितंबर को 3 बजकर 15 मिनट पर दूसरा ई-मेल आया। इस बार लिखा था – यदि आप इस सप्ताह के अंत में वह नहीं करेंगे जो हम आपसे करने को कह रहे हैं, तो आपका पूरा परिवार नष्ट हो जाएगा, आपके पास 2 दिन और हैं…। रंगदारी मांगने वालों ने अब 22 सितंबर तक का समय एडवोकेट वीके शर्मा को दिया है। संभाल चुके अध्यक्ष-महासचिव की जिम्मेदारी
एडवोकेट वीके शर्मा बार में भी महत्वपूर्ण जिम्मेदारी संभाल चुके हैं। वर्ष 2010-11 में उन्होंने जिला बार एसोसिएशन के महासचिव पद पर चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। इसके बाद वर्ष 2020-21 में उन्होंने अध्यक्ष पद पर भाग्य आजमाया। खास बात यह रही कि इस बार भी वह जीत गए।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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