बुलंदशहर में रैबीज से वेल्डिंग मिस्त्री की मौत:कुत्ते के काटने के बाद एआरवी न लगवाने से गई जान, परिजन में कोहराम
बुलंदशहर के अनूपशहर के अहार अड्डा निवासी महेंद्र के 25 वर्षीय पुत्र देवेंद्र, जो वेल्डिंग का काम करता था, रैबीज के कारण चल बसा। देवेंद्र चार बहनों के इकलौते भाई थे। परिजन ने बताया कि रक्षाबंधन के अवसर पर एक कुत्ते ने देवेंद्र को काट लिया था, लेकिन उसने एंटी रैबीज वैक्सीन (एआरवी) नहीं लगवाई। 24 सितंबर की रात से देवेंद्र में घबराहट के लक्षण दिखने लगे। पानी देखकर डर और खाना-पीना छोड़ देने के चलते 25 सितंबर को उसे अनूपशहर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया। गंभीर स्थिति देखते हुए जिला अस्पताल में रेफर किया गया। जिला अस्पताल ने रैबीज के लक्षण मिलने पर देवेंद्र को हायर सेंटर के लिए दिल्ली भेजा। दिल्ली में चिकित्सकों ने भर्ती करने से इनकार कर दिया। इसके बाद 26 सितंबर को परिजन देवेंद्र को मेरठ ले जा रहे थे, लेकिन रास्ते में ही उसकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि देवेंद्र अपने घर का इकलौता बेटा था और पिता की पहले ही मृत्यु हो चुकी थी। परिवार में उसकी मौत से कोहराम मच गया है। रैबीज पर चेतावनी और वैक्सीन की जानकारी पिछले चार साल में जिले में 13 लोग रैबीज से मर चुके हैं, जबकि विभागीय रिकॉर्ड में केवल पांच मौत दर्ज हैं। चिकित्सा अधिकारी डा. पंकज उपाध्याय ने बताया कि कुत्ते, बंदर या अन्य जानवर के काटने के बाद 48 घंटे के अंदर पहली डोज लगाना आवश्यक है। दूसरी डोज तीन दिन, तीसरी डोज सात दिन और चौथी/अंतिम डोज 14 दिन बाद लगानी चाहिए।
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