बिहार चुनाव में योगी की ज्यादा डिमांड:डिप्टी सीएम केशव मौर्य की भी परीक्षा, यूपी के नेताओं को मिली जिम्मेदारी
बिहार में विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान हो गया है। इसके साथ ही यूपी में योगी सरकार के 6 से अधिक मंत्रियों ने बिहार में डेरा जमा लिया है। इनके अलावा भाजपा सांसद, विधायक और नेता भी वहां पहुंच गए हैं। भाजपा के सूत्रों के मुताबिक, बिहार में सबसे ज्यादा डिमांड सीएम योगी आदित्यनाथ की रैली, सभा और रोड शो की है। बिहार के बड़े-बड़े नेता भी अपने विधानसभा क्षेत्र में सीएम योगी की रैली कराना चाहते हैं। बिहार चुनाव के दोनों चरणों में सीएम योगी 24 से अधिक चुनावी सभाएं करेंगे। इनसे वह 50 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों के मतदाताओं को साधेंगे। योगी पहले और दूसरे चरण में चुनाव में स्टार प्रचारक रहेंगे। उनके अलावा डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक समेत अन्य नेताओं की भी चुनावी सभाएं कराई जाएंगी। भाजपा केंद्रीय नेतृत्व ने बिहार में चुनावी रणनीति को आक्रामक और असरदार बनाने के लिए यूपी के अनुभवी और संजीदा नेताओं को चुना है। चुनाव की तारीखों का ऐलान होने से पहले ही उन्हें बिहार भेजने का सिलसिला शुरू हो गया था। योगी की डिमांड इन तीन कारणों से ज्यादा बिहार चुनाव में अभी प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं, इसलिए सीधे डिमांड तो नहीं आई है। लेकिन, पिछले चुनाव में मुस्लिम बाहुल्य इलाकों को छोड़ दिया जाए तो अधिकतर भाजपा प्रत्याशियों ने योगी के सभा की डिमांड की थी। मोदी के बाद सबसे ज्यादा। इसकी वजह 3 वजहें थीं… 1- गोरखपुर की वजह से योगी आदित्यनाथ का गोपालगंज, सारण, सीवान, वाल्मीकिनगर जिले पर प्रभाव है। 2- योगी की फायर ब्रांड हिंदुत्व और बुलडोजर बाबा की छवि के कारण उनकी सभाओं की मांग अधिक रहती है। 3- लॉ एंड ऑर्डर को लेकर सख्त मुख्यमंत्री की छवि है। यूपी में एनकाउंटर और बुलडोजर की वजह से क्राइम कंट्रोल हुआ। इसलिए पड़ोसी जिले में योगी की छवि बेहतर है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि योगी के भाषण से भाजपा को अपने भगवा वोट बैंक को साधने और उन्हें एकजुट करने में मदद मिलती है। सीएम योगी की सभाओं में भीड़ जुटाने के लिए ज्यादा मशक्कत भी नहीं करनी पड़ती। इसीलिए सीएम योगी की सभाओं की सबसे ज्यादा मांग रहती है। भाजपा प्रवक्ता बोले- पहले भी बिहार चुनाव में योगी की मांग रहती रही है
भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता हीरो वाजपेयी कहते हैं- बिहार और यूपी की सीमाएं जुड़ी हैं। बिहार चुनाव में हमेशा से यूपी के नेता और कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के लिए जाते रहे हैं। लेकिन, इस बार सह प्रभारी केशव प्रसाद मौर्य भी यूपी से ही हैं। यूपी के नेताओं के राजनीतिक अनुभव का फायदा बिहार चुनाव में मिलता है। इससे पहले भी जितने चुनाव हुए हैं, उनमें सीएम योगी की सभाओं की सबसे ज्यादा डिमांड रहती है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी सीएम योगी के कामकाज की सराहना करते हुए उन्हें धन्यवाद दिया है। इससे साफ है कि सीएम योगी के कामकाज को किस तरह पसंद किया जा रहा है। डिप्टी सीएम केशव की भी परीक्षा
बिहार में मौर्य, शाक्य, सैनी, कुशवाह बिरादरी के वोट भी बड़ी संख्या में हैं। इसी वोटबैंक को साधने के लिए भाजपा नेतृत्व ने यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को बिहार चुनाव में सह प्रभारी बनाया है। राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि बिहार चुनाव में केशव मौर्य की राजनीतिक साख की भी परीक्षा है। वह अपनी बिरादरी के कितने वोट को भाजपा की ओर से खींच पाते हैं। साथ ही चुनाव प्रबंधन, प्रत्याशी चयन से लेकर रैलियों और सहयोगी दलों के साथ समन्वय में भी उनकी बड़ी भूमिका रहेगी। 100 से अधिक विधायक बिहार जाएंगे
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, बिहार में चुनाव प्रचार और विधानसभा क्षेत्रों में चुनाव प्रबंधन के लिए यूपी से सौ से अधिक विधायक और विधान परिषद सदस्य जाएंगे। भाजपा के केंद्रीय कार्यालय में यूपी से बिहार भेजे जाने वाले नेताओं की सूची तैयार की जा रही है। दीपावली के बाद उन्हें बिहार में विधानसभा क्षेत्र आवंटित करते हुए चुनाव तक वहीं प्रवास के लिए भेज दिया जाएगा। यूपी के नेताओं के हाथ चुनाव की कमान
बिहार चुनाव की कमान ज्यादातर यूपी के भाजपा नेताओं की हाथ ही है। डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य सह प्रभारी है। पूर्व मंत्री डॉ. महेंद्र सिंह के पास करीब 40 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी है। भाजपा की रणनीति, कई सीटों का जिम्मा मंत्रियों को
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि भाजपा की बिहार चुनाव में रणनीति का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि एक-एक विधानसभा क्षेत्र में दिग्गज नेताओं को लगाया है। यूपी के जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह आरा जिले के प्रभारी बनाए गए हैं। परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को बिहार चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान के साथ लगाया गया है। दोनों के पास करीब 48 विधानसभा क्षेत्रों की जिम्मेदारी रहेगी। गौतमबुद्धनगर के सांसद डॉ. महेश शर्मा, बुलंदशहर के सांसद भोला सिंह, फतेहपुर सीकरी के सांसद राजकुमार चाहर और सहारनपुर के पूर्व सांसद राघव लखनपाल और कन्नौज के पूर्व सांसद सुब्रत पाठक को बिहार में प्रचार का जिम्मा सौंपा गया है। इनके अलावा भाजपा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रेखा वर्मा, विधायक एवं पूर्व मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह, पूर्व मंत्री सतीश चंद्र द्विवेदी, देवरिया के विधायक शलभमणि त्रिपाठी, पूर्व सांसद विनोद सोनकर समेत अन्य नेताओं को भी बिहार चुनाव में प्रचार और रैलियों के प्रबंधन की जिम्मेदारी दी गई है। महिला कार्यकर्ता प्रवासी बनकर जाएंगी
बिहार चुनाव में यूपी से सौ से अधिक महिला कार्यकर्ता भी प्रवासी कार्यकर्ता के रूप में बिहार जाएंगी। वो वहां की स्थानीय महिला कार्यकर्ताओं के साथ घर-घर जनसंपर्क करेंगी। सहयोगी दलों का इस्तेमाल भी करेगी भाजपा
बिहार चुनाव में भाजपा सहयोगी दल सुभासपा, अपना दल (एस) और निषाद पार्टी का भी इस्तेमाल करेगी। इन दलों के नेताओं को भी चुनाव प्रचार के लिए उनकी जाति समुदाय से जुड़े क्षेत्रों में भेजा जाएगा। सुभासपा को गठबंधन में एक-दो सीटें भी मिल सकती हैं। भाजपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि विधानसभा चुनाव में किस नेता की सभा की कहां आवश्यकता है, यह पार्टी की चुनाव समिति तय करती है। उन्होंने बताया कि बीते कई चुनाव में भी पीएम नरेंद्र मोदी के बाद सीएम योगी की ही डिमांड रही है। जहां-जहां से सीएम योगी की सभा की मांग आती है, तो उन्हें सूचित किया जाता है। उसके बाद सीएम योगी की सभा तय की जाती है। उन्होंने बताया कि प्रत्याशी अपने क्षेत्र के जातीय समीकरण के हिसाब से भी नेताओं की सभा रैली या रोड शो कराने की मांग करते है। ————————– ये खबर भी पढ़ें… आजम बोले- अखिलेश मुलायम से 2% ज्यादा सभ्य, 10 साल जेल में और बंद कर दीजिए, फिर मुर्दे से बात करिएगा… ‘मैंने रामपुर की पहचान कलम से करना चाही, उसकी सजा इतनी तो नहीं मिलनी चाहिए, जितनी मिल रही है। मैं चोर हूं। मुझ चोर पर डकैती की धाराएं लगा दी गईं।’ ये दर्द है सपा के कद्दावर नेता आजम खान का, जो उन्होंने ‘दैनिक भास्कर’ से विशेष बातचीत में बयां किया। आजम और सपा प्रमुख अखिलेश यादव के बीच बुधवार को रामपुर में 2 घंटे बंद कमरे में बात हुई। अखिलेश अकेले रामपुर गए थे। आजम ने जौहर यूनिवर्सिटी में उन्हें रिसीव किया। फिर दोनों नेता एक-दूसरे का हाथ पकड़कर तंग गलियों से होते हुए घर तक आए। आजम खान ने अखिलेश के जाने के बाद जौहर यूनिवर्सिटी के भविष्य, मुलायम सिंह यादव और रामपुर सांसद मोहिबुल्लाह नदवी पर विस्तार से बात की। पढ़िए पूरी खबर…
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