बलरामपुर में फर्जी नियुक्ति घोटाला:शिक्षकों और बाबुओं समेत 48 के खिलाफ FIR दर्ज

बलरामपुर जिले में माध्यमिक शिक्षा विभाग में भ्रष्टाचार का बड़ा मामला सामने आया है। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के कुछ कर्मचारियों ने PGT और TGT भर्ती में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं कीं। विजिलेंस जांच में यह पुष्टि हुई कि फर्जी समायोजन पैनल बनाकर गैरकानूनी नियुक्तियां की गईं। प्रयागराज सेक्टर के निरीक्षक हवलदार सिंह की तहरीर पर बलरामपुर, संभल और मुजफ्फरनगर के कुल 48 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई। इनमें से 30 आरोपी बलरामपुर जिले के हैं। जांच में पता चला कि बलरामपुर के आठ सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में नियुक्त 11 शिक्षकों के दस्तावेज फर्जी पाए गए। इन शिक्षकों में कल्पना मौर्या (बीपीएस इंटर कॉलेज, रेहरा बाजार), संतोष कुमार चंद, राजकुमार दुबे (मोहनलाल रामलाल इंटर कॉलेज, शिवपुरा), शिल्पी केसरी, प्रियंका मिश्रा, जितेंद्र कुमार कुशवाहा (भारतीय इंटर कॉलेज, उतरौला), मनोज कुमार सिंह, प्रेमलता (रामशंकर भारतीय इंटर कॉलेज, मथुरा बाजार), सांगा तोमर (लोकमान्य तिलक इंटर कॉलेज, पचपेड़वा), मितेश यादव (स्वतंत्र भारत इंटर कॉलेज, तुलसीपुर), और धर्मेंद्र मिश्र (बाल विद्या मंदिर इंटर कॉलेज, रेहरा बाजार) शामिल हैं। बाबू और अधिकारी भी संदिग्ध जांच में यह भी सामने आया कि तत्कालीन जिला विद्यालय निरीक्षक और जिला गन्ना अधिकारी की भूमिका भी संदिग्ध रही। जिला विद्यालय निरीक्षक कार्यालय के तीन पटल सहायक अरविंद यादव, अंकित श्रीवास्तव और राजबली यादव के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज किया गया। पूर्व समायोजन और सेवा समाप्ति वर्ष 2020-21 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत जिले के अशासकीय सहायता प्राप्त इंटर कॉलेजों में शिक्षकों का समायोजन मैनुअल सत्यापन के बाद किया गया। कार्यभार ग्रहण करने के साथ ही वेतन भी जारी किया गया, लेकिन दो साल बाद जांच में गड़बड़ी उजागर होने पर 17 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई। इनमें से सात के खिलाफ FIR दर्ज की गई। गिरफ्तारी और आगे की कार्रवाई जांच में मोहनलाल रामलाल इंटर कॉलेज, शिवपुरा के चंद्रशेखर सिंह और सुनील कुमार पांडेय की गिरफ्तारी हो चुकी है। जिला विद्यालय निरीक्षक मृदुला आनंद ने बताया कि विजिलेंस जांच जारी है और उच्चाधिकारियों के निर्देशानुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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