फतेहपुर के ज्वालागंज में ऐतिहासिक रामलीला का दूसरा दिन:अहिल्या उद्धार से पुष्प वाटिका तक के प्रसंगों का मंचन

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले के ज्वालागंज स्थित रामलीला मैदान में रविवार रात ऐतिहासिक रामलीला मंचन का दूसरा दिन संपन्न हुआ। रात 9:30 बजे गणेश जी की आरती और भजन के साथ कार्यक्रम की शुरुआत हुई। कलाकारों ने अहिल्या उद्धार, गंगा-भगीरथ कथा, जनकपुर सुंदर सदन निवास और पुष्प वाटिका गिरजा पूजन जैसे प्रसंगों का जीवंत मंचन प्रस्तुत किया। मंचन के दौरान, गुरु विश्वामित्र राम और लक्ष्मण को एक शिला के पास ले गए, जहां श्रीराम ने पैर रखकर अहिल्या का तारण किया। इसके बाद गुरु विश्वामित्र ने राम और लक्ष्मण को गंगा और उनके पूर्वज भगीरथ की कथा सुनाई। तत्पश्चात जनकपुर के सुंदर सदन निवास का मंचन किया गया। संगीत और संवादों से सजे इस मंचन को दर्शकों ने खूब सराहा। श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देर रात तक मैदान में डटी रही और ‘जय श्रीराम’ के उद्घोष से पूरा क्षेत्र गूंज उठा। श्री महानंद रामलीला कमेटी के अध्यक्ष राकेश चंद्र गुप्ता ने बताया कि स्वामी महानंद ने 209 वर्ष पहले इस स्थान पर रामलीला की परंपरा शुरू की थी। यह परंपरा आज भी निरंतर जारी है। उन्होंने इसे केवल मंचन नहीं, बल्कि संस्कृति और भक्ति का प्रतीक बताया। कार्यक्रम के दौरान प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए थे, ताकि श्रद्धालु शांतिपूर्वक आयोजन का आनंद ले सकें।

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