प्रयागराज में गंगा की मिट्टी से बन रही दुर्गा प्रतिमाएं:3 से 15 फीट तक की मूर्तियों में सिर्फ वाटर कलर का इस्तेमाल, 22 सितंबर से नवरात्रि
शारदीय नवरात्रि की शुरुआत इस बार 22 सितंबर से हो रही है। धर्मनगरी प्रयागराज में देवी पूजन की तैयारियां जोरों पर हैं। शहरभर के अलग–अलग इलाकों में छोटी-बड़ी दुर्गा प्रतिमाओं को अंतिम रूप दिया जा रहा है। इन प्रतिमाओं की खासियत यह है कि ये पूरी तरह से इको–फ्रेंडली हैं। मूर्तिकार इन्हें गंगा की पवित्र मिट्टी से तैयार कर रहे हैं और इनमें रंगाई–पुताई के लिए केवल वाटर कलर का इस्तेमाल किया जा रहा है, जिससे पर्यावरण को कोई नुकसान न हो। प्रयागराज के भारद्वाज पार्क के पास मूर्तिकार दिन-रात जुटकर इन प्रतिमाओं को सजा रहे हैं। यहां तैयार हो रही प्रतिमाओं की खूबसूरती देखते ही बनती है। इन मूर्तियों को बारीकी से सजाया–संवारा जा रहा है ताकि जब वे नवरात्रि के दौरान पंडालों में विराजमान हों, तो श्रद्धालु माता की भव्य झलक पा सकें। फिलहाल मूर्तियों पर रंग–रोगन का काम तेजी से चल रहा है। मूर्तिकार तपस पाल के मुताबिक, इस बार प्रयागराज में बनाई जा रही प्रतिमाओं को पहले से अलग और और भी खूबसूरत रूप दिया गया है। उन्होंने बताया कि मूर्तियां पूरी तरह से गंगा की मिट्टी से बनाई गई हैं और उन पर जो रंग चढ़ाया जा रहा है, वह भी पर्यावरण के अनुकूल है। यही वजह है कि ये प्रतिमाएं पूरी तरह से इको–फ्रेंडली मानी जा रही हैं। तपस पाल ने आगे बताया कि इस बार यहां 3 फीट से लेकर 15 फीट तक की दुर्गा प्रतिमाएं तैयार की गई हैं। इन मूर्तियों को बनाने में कलाकारों ने दिन-रात मेहनत की है। उनका मानना है कि पूजा के समय जब लोग इन प्रतिमाओं के दर्शन करेंगे, तो न केवल धार्मिक आस्था प्रबल होगी, बल्कि यह संदेश भी जाएगा कि हमारी आस्था और पर्यावरण साथ-साथ चल सकते हैं। अब जैसे ही पितृपक्ष की समाप्ति होगी, वैसे ही ये दुर्गा प्रतिमाएं शहर के विभिन्न पंडालों में स्थापित कर दी जाएंगी। श्रद्धालु मां दुर्गा की भव्य मूर्तियों के दर्शन कर सकें, इसके लिए समितियों ने भी अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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