प्रतापगढ़ में रावण दहन, असत्य पर सत्य की विजय:राम-रावण युद्ध का मंचन, हजारों की भीड़ ने देखा रावण दहन

प्रतापगढ़ में गुरुवार को विजयदशमी का पर्व हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर जिलेभर में रामलीलाओं का मंचन किया गया और शाम ढलते ही रावण के पुतले का दहन कर बुराई पर अच्छाई की जीत का संदेश दिया गया। ऋषि आश्रम, पोनी रोड पर आयोजित रामलीला में हजारों श्रद्धालु उमड़े। यहां राम-रावण युद्ध का भव्य मंचन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। रामलीला में लक्ष्मण-मेघनाथ युद्ध, कुंभकरण वध और अंत में रावण वध के दृश्यों ने दर्शकों को रोमांचित किया। भगवान राम द्वारा अग्निबाण से रावण का वध करते ही विशालकाय पुतला धू-धू कर जल उठा। इस दौरान “जय श्रीराम” के उद्घोष गूंज उठे और रंग-बिरंगी आतिशबाजी से आसमान जगमगा उठा। शहर के रामलीला मैदान में शाम करीब छह बजे रावण दहन किया गया। इसके बाद राम-सीता की आरती हुई, जिसमें विशिष्ट जन भी शामिल हुए। कलाकारों के अभिनय ने जनसमूह को मंत्रमुग्ध कर दिया। रावण दहन देखने के लिए मैदान में भारी भीड़ उमड़ी, वहीं बच्चों और महिलाओं ने झूलों, स्टॉल्स और सर्कस का आनंद लिया। जिले के विभिन्न हिस्सों में भी छोटे-बड़े मेलों का आयोजन किया गया, जहां लोगों ने खरीदारी कर पर्व का आनंद लिया। गांवों और कस्बों में भी लोगों ने सामूहिक रूप से दशहरे का पर्व मनाया। प्रशासन ने सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए थे और जगह-जगह पुलिस बल तैनात रहा। भीड़ से खचाखच भरे मैदान में रावण का पुतला जलते ही हजारों लोग इस क्षण के गवाह बने। चारों ओर उल्लास का वातावरण था, जो असत्य पर सत्य की विजय के संदेश को दर्शाता था। प्रतापगढ़ में विजयदशमी का पर्व धार्मिक आस्था, उत्साह और मेलों की रौनक के साथ अविस्मरणीय बन गया। देखें फोटो…

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