पूर्वांचल विश्वविद्यालय में दो वार्डन हटाए, इलेक्ट्रिशियन निलंबित:राज्यपाल की नाराजगी के बाद जांच समिति गठित, कुलपति ने दिए निर्देश

वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल की नाराजगी के बाद प्रशासन ने कड़ा रुख अपनाया है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह के निर्देश पर बुधवार को दो छात्रावासों के वार्डन को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया। साथ ही, पूरे मामले की जांच के लिए एक तीन सदस्यीय उच्चस्तरीय समिति का गठन भी किया गया है। राज्यपाल ने सोमवार को 29वें दीक्षा समारोह के दौरान छात्रावासों में अव्यवस्था पर गंभीर नाराजगी जताई थी। उन्होंने ट्रांजिट हॉस्टल में अंग्रेजी शराब की बोतल मिलने और महिला छात्रावास में छात्राओं की कम उपस्थिति पर विशेष चिंता व्यक्त की थी। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए ट्रांजिट हॉस्टल के वार्डन राजित राम सोनकर को पद से हटा दिया और उनकी जगह मनीष प्रताप सिंह को नया वार्डन नियुक्त किया। इसी तरह, महिला छात्रावास में छात्राओं की कम संख्या पाए जाने पर वार्डन डॉ. पूजा सक्सेना को भी पदमुक्त कर मनोविज्ञान विभाग की अध्यापिका डॉ. अनु त्यागी को यह जिम्मेदारी सौंपी गई है। जांच समिति में मुख्य प्राक्टर प्रो. राजकुमार सोनी, मुख्य वार्डन प्रो. सौरभ पाल और प्रो. अजय प्रताप सिंह शामिल हैं। समिति को जल्द से जल्द अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
दीक्षा समारोह के दौरान महंत अवेद्यनाथ संगोष्ठी भवन में लगभग एक मिनट के लिए बिजली गुल होने की घटना पर भी कार्रवाई हुई है। कुलपति प्रो. वंदना सिंह के आदेश पर इलेक्ट्रिशियन व जेनरेटर इंचार्ज धीरज श्रीवास्तव को बुधवार को निलंबित कर दिया गया। कुलपति ने छात्रावासों की भोजन व्यवस्था पर भी कड़ा रुख अपनाया है। उन्होंने डॉ. मनीष कुमार गुप्त को खाद्य सामग्री और मसालों की नियमित जांच की जिम्मेदारी सौंपी है, ताकि छात्र-छात्राओं को गुणवत्तापूर्ण भोजन मिल सके। कुलपति प्रो. वंदना सिंह ने स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय में अनुशासन, पारदर्शिता और जवाबदेही सर्वोच्च प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और यह संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता के साथ प्रशासनिक शुचिता का भी उदाहरण बनेगा। जांच के बाद दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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