पीडीए में अटकी नई आवासीय योजनाएं:लैंड बैंक की कमी से प्रयागराजवासियों का घर का सपना अधूरा
प्रयागराज में अपना घर बनाने का सपना देख रहे लोगों को अब मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है। प्रयागराज विकास प्राधिकरण (पीडीए) के पास नई आवासीय योजनाओं के लिए जमीन की कमी है, जिससे कई परियोजनाएं अटकी हुई हैं। शहर में जमीनों के दाम भी तेजी से बढ़ रहे हैं। पीडीए की सीमा का विस्तार समय-समय पर होता रहा है। वर्ष 2008 में 98 गांवों को प्राधिकरण की सीमा में शामिल किया गया था। दिसंबर 2024 में 200 नए गांवों को शामिल करने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया था, लेकिन यह अभी तक लंबित है। सीमा विस्तार के बावजूद पीडीए के लैंड बैंक की स्थिति में सुधार नहीं हुआ है, जिससे नई आवासीय योजनाएं शुरू नहीं हो पा रही हैं। शहर का विस्तार चारों दिशाओं में लगभग 25 से 30 किलोमीटर तक हो चुका है। गंगा एक्सप्रेस-वे का निर्माण और चार नए पुलों का प्रस्ताव भी शहर के बाहर है। इन विकास परियोजनाओं के कारण प्रयागराज के आसपास के इलाकों में जमीनों की कीमतें तेजी से बढ़ी हैं। निजी बिल्डरों की सक्रियता से रियल एस्टेट बाजार गर्म है, जबकि पीडीए अपनी पुरानी योजनाओं में ही व्यस्त है। पीडीए फिलहाल सीमित लैंड बैंक के कारण नई परियोजनाएं शुरू नहीं कर पा रहा है, लेकिन प्रयास जारी हैं। पीडीए उपाध्यक्ष अमित पाल शर्मा ने बताया कि प्रयागराजवासियों को जल्द ही कई नई आवासीय योजनाएं मिलेंगी। ‘नवप्रयागम’ योजना शुरू करने की तैयारी चल रही है। इसके अतिरिक्त, एयरपोर्ट और रिंग रोड के आसपास की जमीन को लैंड बैंक में शामिल करने की प्रक्रिया भी जारी है, ताकि वहां नई योजनाएं विकसित की जा सकें।
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