पिता के हत्या की कहानी, आरोपी दोस्त की जुबानी:अंकल जमीन पर पड़े थे, रामजी ने कहा था–तुम घर जाओ, मैं तुम्हे बुलाऊंगा

सर, मैंने हत्या नहीं की थी, बस इनका साथ दिया। उस दिन मैं अपने काम से लौट कर आया था, तो देखा कि इनका (रामजी) और अंकल (कमलापति) का झगड़ा हो रहा था… दोनों के बीच हाथापाई हो रही थी। मैने देखा कि अंकल जमीन पर गिरे पड़े थे और उनके गले में एक निशान था, जिस पर रामजी ने कहा कि घर से जाओ मैं थोड़ी देर बाद बात करता हूं, फिर मैं चुपचाप निकल गया। यह कहना था कि रेलवे गार्ड के मर्डर के आरोप में पकड़े गए हत्यारोपी बेटे रामजी के दोस्त ऋषभ शुक्ला का। मैने सीपीआर दिया, लेकिन कोई रिस्पांस नहीं मिला
जेल जाने के पहले ऋषभ ने हत्याकांड की पूरी जानकारी देते हुए बताया कि अंकल और रामजी दोनों खूब शराब पीते थे, नशे में धुत होने के बाद दोनों पिता–पुत्र का आपस में झगड़ा होता था। उस दिन दोनों के बीच खूब झगड़ा चल रहा था, पहले मैने सोचा कि बीच–बचाव करूं, लेकिन फिर मैं चुपचाप बैठ गया। क्योंकि एक बार पहले भी झगड़े में निपटाने का प्रयास किया था, जिसमें बहुत गालियां मैंने खाई थीं। उस दिन जब अंकल जमीन में पड़े थे, मैने सीपीआर दिया, लेकिन उनका कोई रिस्पांस नहीं आया। जिसके बाद रामजी ने कहा कि तुम अभी जाओ, मैं तुम्हें बुलाऊंगा। लालच में आकर शामिल हो गया था
इसके बाद रामजी ने मुझे कार लेकर बुलाया। मैं रामजी के घर पहुंचा और वहां से हम दोनों बॉडी कार में रख कर औरैया चले गए, वहां नहर के किनारे शव फेंक कर उनका चेहरा जलाने का प्रयास किया था। ऋषभ ने कहा कि मैं बिहार मोबाइल लेकर गया था। ऋषभ ने बताया कि रामजी ने उससे वादा किया था कि हत्याकांड में उसका साथ दोगे तो अच्छा–खासा पैसा दूंगा, जिसके लालच में आकर वह साजिश में शामिल हो गया। बेटा बोला-20 हजार हर माह डिपॉजिट करते थे पिता
वहीं बेटे रामजी ने पिता का मर्डर करने से साफ इनकार किया, उसने कहा कि पिता की हत्या दोस्त ऋषभ ने की है। जब ऋषभ को अरेस्ट कर मुझे फोटो दिखाई गई, तब मुझे पता चला कि मेरे पिता की मौत हो गई। पिता की तलाश न करने का कारण पूछने पर उसने कहा कि ऋषभ ने मुझे घर की चाभियां दी थी। उसने कहा कि पिता मेरे नाम 20 हजार रुपए हर माह डिपाजिट करते थे, तो मैं क्यों मारुंगा। कहा कि ऋषभ ने ही गाड़ी और पेट्रोल की व्यवस्था की थी।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर