देव दीपावली में 21 दिन बचे, सफाई में जुटा प्रशासन:एक सीजन में 3 बार काशी में बढ़ा जलस्तर, 10-15 फीट जमा है सिल्ट

इस बार देव दीपावली का पर्व 5 नवंबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस भव्य आयोजन में अब मात्र 21 दिन शेष रह गए हैं, लेकिन गंगा किनारे स्थित 84 घाटों पर सफाई कार्य एक बड़ी चुनौती बनकर सामने आया है। गंगा का जलस्तर घटने से घाटों के किनारों पर भारी मात्रा में सिल्ट (मिट्टी और काई) जमा हो गई है, जिससे न सिर्फ घाटों की सुंदरता प्रभावित हुई है, बल्कि फिसलन के कारण श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खतरा भी बढ़ गया है। सिल्ट साफ करने आ रहा पोकलैंड दलदल में फंसा गंगा की सफाई करने के लिए नगर निगम के कर्मचारियों ने पोकलैंड की मदद से सफाई करने के लिए प्रयास किया लेकिन वह रविदासघाट से जैसे ही आगे बढ़ा दलदल में फस गया। इसके बाद जेसीबी और अन्य प्रयास के बाद 48 घंटे बाद उसे बाहर निकल गया। अब सिल्ट को साफ करने के लिए पंप का ही सहारा लिया जा रहा है। 12 दिन बाद छठ महापर्व है अभी प्रयास यही किया जा रहा कि किसी तरह श्रद्धालुओं को दलदल में न फंसना पड़े। स्थानीय बोले – पहली बार देखा इस तरह का बाढ़,हो रही दिक्कत नीरज मिश्रा ने कहा – मेरी उम्र 38 वर्ष है लेकिन अब तक मैं इस तरह का बाढ़ नहीं देखा। अभी भी गंगा का जलस्तर घाट के किनारे तक लगा हुआ है जिसकी वजह से लोग एक घाट से दूसरे घाट तक नहीं जा पा रहे। प्रशासन द्वारा भी जिन घाटों पर गंगा का जलस्तर घट गया है वहां तेजी से सिल्ट नहीं साफ कराया जा रहा है। अब दो सप्ताह बाद छठ महापर्व है। अगर एक सप्ताह में काम नहीं समाप्त किया गया तो मिट्टी में दलदल रहेगा और आने वाले श्रद्धालुओं को दिक्कत होगी। मैनपावर बढ़कर घाट को कराया जायेगा सिल्ट मुक्त नगर निगम द्वारा फिलहाल घाटों की सफाई के लिए सिर्फ 12 पंप लगाए गए हैं, जो इस कार्य के लिए नाकाफी माने जा रहे हैं। सफाई की गति काफी धीमी बताई जा रही है। स्थानीय लोगों और सामाजिक संगठनों का कहना है कि यदि सफाई अभियान को तेज नहीं किया गया, तो देव दीपावली के दिन श्रद्धालुओं को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। महापौर अशोक तिवारी ने बताया कि अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि सभी घाटों पर मैनपावर बढ़कर जल्द से जल्द घाट को सिल्ट मुक्त किया जाये।

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