देवरिया में सरयू नदी में डूबे 4 लोग:एक को बचाया गया, तीन लापता, दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए कलश भरने गए थे

देवरिया में मंगलवार सुबह सरयू नदी में स्नान के दौरान एक बड़ा हादसा हो गया। दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए कलश भरने गए चार श्रद्धालु नदी में डूब गए। इनमें से एक को स्थानीय नाविक ने बचा लिया, जबकि तीन लापता हैं। पुलिस-प्रशासन और गोताखोरों की टीमें उनकी तलाश कर रही हैं। यह घटना बरहज थाना क्षेत्र के गौरा घाट पर हुई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, मंगलवार सुबह करीब 10 बजे चार युवक दुर्गा प्रतिमा स्थापना के लिए कलश भरने सरयू नदी में पहुंचे थे। स्नान करते हुए और पानी भरते समय वे अचानक गहरे पानी की ओर चले गए और डूबने लगे। नदी में तेज धार थी, जिससे चारों को संभलने का मौका नहीं मिला। उनकी चीख-पुकार सुनकर घाट पर मौजूद लोग मदद के लिए दौड़े। इसी दौरान एक नाविक ने अपनी नाव का लंगर फेंककर गांगुली (निवासी नई बाजार, चोरी चौरा, गोरखपुर) को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। हालांकि, बाकी तीन युवक गहरे पानी में समा गए। लापता श्रद्धालुओं की पहचान विवेक (19), रणजीत (16) और शेखर (16) के रूप में हुई है। ये सभी बरहज के लहछुआ गांव के रहने वाले हैं। गांगुली को बचाया गया है। वह गोरखपुर के नई बाजार, चोरी चौरा के रहने वाले हैं। गांव के लोगों ने बताया कि चारों युवक सुबह से ही दुर्गा प्रतिमा स्थापना की तैयारी में जुटे थे और सामूहिक पूजन के लिए कलश भरने सरयू तट पहुंचे थे। बचाव के लिए एनडीआरएफ की टीम लगाई गई घटना की सूचना मिलते ही बरहज थाना पुलिस, तहसील प्रशासन और गोताखोरों की टीम मौके पर पहुंची। नदी के दोनों किनारों पर तलाश अभियान शुरू कर दिया गया है। पुलिस ने एनडीआरएफ और स्थानीय गोताखोरों को भी अलर्ट किया है और लापता युवकों की तलाश जारी है। एक युवक को सुरक्षित बचाया गया क्षेत्राधिकारी (सीओ) अंशुमान श्रीवास्तव ने बताया, “घटना की सूचना मिलते ही बचाव कार्य शुरू कर दिया गया है। एक युवक को सुरक्षित बचा लिया गया है, शेष तीन की तलाश के लिए पुलिस और गोताखोर लगातार प्रयासरत हैं। जांच की जा रही है और परिजनों को हर संभव मदद दी जाएगी। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल घटना की खबर मिलते ही लहछुआ गांव और चोरी चौरा क्षेत्र में कोहराम मच गया। परिजन घाट पर पहुंचे और रो-रोकर बेहाल हो गए। स्थानीय महिलाओं ने बताया कि चारों युवक हंसमुख स्वभाव के थे और गांव के हर धार्मिक कार्य में आगे रहते थे। अचानक इस तरह डूबने से गांव में मातम छा गया है। नदी में डूबने से ग्रामीणों में आक्रोश ग्रामीणों का कहना है कि सरयू नदी के इस घाट पर सुरक्षा के पर्याप्त इंतजाम नहीं हैं। न तो यहां रस्सी और जाल जैसी सुरक्षा व्यवस्था है और न ही कोई गोताखोर स्थायी रूप से तैनात रहते हैं। दुर्गा पूजा जैसे अवसरों पर घाटों पर भीड़ बढ़ती है, ऐसे में प्रशासन को पहले से तैयारी करनी चाहिए थी। लोगों का कहना है कि हर साल पूजा-पर्व पर इस तरह की घटनाएं सामने आती हैं, लेकिन हादसों से कोई सबक नहीं लिया जाता। गांव में फैला मातम पूरे क्षेत्र में इस हादसे को लेकर गम का माहौल है। गांव-गांव से लोग गौरा घाट पर पहुंचकर जानकारी लेने लगे। पूजा की तैयारियों के बीच हुए इस हादसे से दुर्गा उत्सव का माहौल भी गमगीन हो गया है। ग्रामीण प्रशासन से अपील कर रहे हैं कि हादसे की पूरी जांच हो और स्थायी सुरक्षा व्यवस्था की जाए।

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