देवरिया धर्मांतरण केस, पीड़िता ने सपा नेताओं पर लगाए आरोप:बोली- नेताओं ने उसके खिलाफ झूठे बयान दिए, चरित्र हनन किया
देवरिया के चर्चित एसएस मॉल धर्मांतरण मामले में नया मोड़ आया है। पीड़िता ने समाजवादी पार्टी (सपा) के एक प्रतिनिधिमंडल पर गंभीर आरोप लगाते हुए पुलिस को तहरीर दी है। पीड़िता का आरोप है कि सपा नेताओं ने उसके खिलाफ झूठे बयान दिए, चरित्र हनन किया और मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया। यह मामला देवरिया शहर के रामलीला मैदान के पास स्थित एसएस मॉल और ईजी मार्ट से जुड़ा है। इस मामले में मॉल के मालिक उस्मान गनी, उसका भाई इसराफिल और साला गौहर अली पहले ही जेल भेजे जा चुके हैं। उस्मान की पत्नी तरन्नूम अभी भी फरार है। 25 सितंबर को सपा का एक प्रतिनिधिमंडल घटना स्थल पर पहुंचा था। इस दल ने उस्मान गनी की बहन और परिवार के अन्य सदस्यों से मुलाकात की थी। प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता लाल बहादुर यादव ने किया था। इसमें पूर्व विधायक गजाला लारी, सपा प्रवक्ता मनीष सिंह, सांसद रामाशंकर विद्यार्थी (सलेमपुर), सांसद रामभुआल निषाद (सुल्तानपुर) और परवेज आलम सहित लगभग 20 अन्य नेता शामिल थे। पीड़िता ने आरोप लगाया है कि सपा प्रतिनिधिमंडल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में उसके ऊपर झूठे और अमर्यादित आरोप लगाए। उसने कहा कि बिना किसी जांच या प्रमाण के उस पर 10 लाख रुपये की चोरी का आरोप लगाया गया और दो अन्य लोगों से अवैध संबंधों का नाम जोड़कर प्रचार किया गया। पीड़िता के अनुसार, “मुझ पर लगातार मुकदमा वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है। मेरे चरित्र और प्रतिष्ठा को गलत तरीके से प्रभावित किया गया है। समाज के अनैतिक प्रश्नों और आरोपों ने मुझे मानसिक और भावनात्मक रूप से तोड़ दिया है।” पीड़िता ने ऐसे लोगों के खिलाफ उचित कार्रवाई की मांग की है।
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