तांत्रिक रामजीत मिश्र को आजीवन कारावास:अम्बेडकरनगर में इलाज के बहाने बलि देने के मामले में जिला जज ने सुनाई सजा
अम्बेडकरनगर के जैतपुर थाना इलाके में सुनील यादव की इलाज के बहाने बलि देकर हत्या करने वाले तांत्रिक रामजीत मिश्र को जिला जज रीता कौशिक ने सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। अदालत ने दोषी पर 20 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। आजमगढ़ के अहिरौला क्षेत्र के बनकापुर निवासी कर्मराज यादव ने 22 जनवरी 2011 को पुलिस को बताया था कि उनका 24 वर्षीय पुत्र सुनील कुमार यादव 5-6 साल से मानसिक रूप से बीमार था और उसे नींद नहीं आती थी। उसका इलाज चल रहा था। वर्ष 2010 में कर्मराज की मुलाकात पर्वतपुर निवासी रामजीत मिश्र से हुई, जो झाड़फूंक के बहाने इलाज करने का दावा करता था। रामजीत ने एक बार कर्मराज यादव के घर और दो बार उसकी ससुराल जाकर पूजा-पाठ किया था। इसके एवज में उसने हजारों रुपये भी ऐंठे थे और रुपये कम देने पर लड़के की बलि की धमकी देता था। 20 जनवरी 2011 को रामजीत ने सुनील को फोन कर अपनी पत्नी के साथ पूजा का सामान लेकर घर आने को कहा। सुनील की तबीयत उस समय ज्यादा खराब थी। वह दोपहर करीब दो बजे पूजा-पाठ का सामान लेकर रामजीत के घर पहुंच गया। शाम करीब सात बजे रामजीत सुनील को तालाब के किनारे ले जाकर पूजा-पाठ करने लगा। रात करीब 12 बजे उसने फोन पर बताया कि सुनील की तबीयत खराब हो गई है। इस पर सुनील का छोटा भाई अवनीश यादव अपनी मां व अन्य लोगों के साथ रामजीत के घर पहुंचा, जहां सुनील का शव घर के पिछले हिस्से में पड़ा था। घटना के समय पिता कर्मराज यादव बिहार में थे। वापस लौटने पर उन्होंने रामजीत पर सुनील की बलि चढ़ाकर हत्या करने का आरोप लगाते हुए पुलिस को सूचना दी। तहरीर के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की। मई 2011 में आरोप पत्र न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया गया था। इस प्रकरण की सुनवाई जनपद एवं सत्र न्यायाधीश के न्यायालय में हुई। जिला जज रीता कौशिक ने रामजीत मिश्र को हत्या का दोषी पाया और उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई।
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