चंदौली में वामपंथी संगठनों का प्रदर्शन:पुस्तैनी, सरकारी, ग्राम समाज और जंगल की जमीनों पर बसे गरीबों को बेदखल न करने की मांग
चंदौली जिले के विकास भवन के पास शुक्रवार को भाकपा (माले), किसान महासभा, आरवाईए, खेग्रामस और एपवा सहित विभिन्न वामपंथी संगठनों ने संयुक्त रूप से धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने पुस्तैनी, सरकारी, ग्राम समाज, पट्टा और जंगल की जमीनों पर बसे गरीबों की बेदखली रोकने तथा बड़ी परियोजनाओं के नाम पर जबरन भूमि अधिग्रहण बंद करने की मांग की। भाकपा(माले) के जिला सचिव ने आरोप लगाया कि भारतमाला परियोजना के तहत रेवसा गांव में भूमि अधिग्रहण के बाद भी तीनों दलित बस्तियों में रहने वाले भूमिहीन दलितों को अभी तक जमीन का पट्टा और आवास देकर पुनर्वासित नहीं किया गया है। उन्होंने बताया कि प्रभावित लोग 15 जून से ही भाकपा(माले) के नेतृत्व में ‘रेवसा बस्ती बचाओ संघर्ष समिति’ के बैनर तले अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे हैं। जिला सचिव ने कहा कि जिला प्रशासन अगल-बगल काम बढ़ाता जा रहा है, जिससे बस्ती में रहने वाले लोगों को प्रदूषण के कारण सांस लेने में कठिनाई हो रही है। उन्होंने मांग की कि जब तक रेवसा गांव के दलित गरीबों को जमीन और आवास देकर पुनर्वासित नहीं किया जाता, तब तक बस्ती के आसपास के कार्यों पर रोक लगाई जाए। अखिल भारतीय किसान महासभा के जिलाध्यक्ष कामरेड श्रवण मौर्य ने कहा कि सरकार फ्रेट विलेज और बंदरगाह के विस्तारीकरण के नाम पर तथागत बुद्ध विहार ट्रस्ट, आदिशक्ति लोना माता मंदिर ट्रस्ट और मिल्कीपुर-ताहीरपुर के दलित गरीब किसानों की जमीनों और घरों को उजाड़ने में लगी है। उन्होंने पूरे जिले में विभिन्न परियोजनाओं के लिए भूमि अधिग्रहण के दौरान भूमि अधिग्रहण कानून 2013 के अनुसार मुआवजे और प्रभावित लोगों को तमाम सुविधाएं देकर पुनर्वास की गारंटी देने की मांग की। इस दौरान कामरेड ठाकुर प्रसाद, किस्मत यादव, कामरेड रामदुलार, विद्याधर मास्टर, अभिषेक कुमार, रामकृत कोल, संजय यादव और चंद्रिका यादव सहित कामरेड विजय राम भी मौजूद रहे।
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