चंदौली में आशा कार्यकर्ताओं का धरना प्रदर्शन:राज्य कर्मचारी का दर्जा और सुविधाएं देने की मांग
चंदौली में आशा कार्यकर्ता और आशा संगिनी संगठन ने मंगलवार को विकास भवन के पास धरना प्रदर्शन किया। उन्होंने आशा कार्यकर्ताओं को राज्य कर्मचारी का दर्जा देने और सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली सभी सुविधाएं प्रदान करने की मांग की। प्रदर्शनकारियों ने अपनी मांगों को लेकर एसडीएम विजय कुमार द्विवेदी को एक ज्ञापन भी सौंपा। आशा कार्यकर्ताओं ने बताया कि भारत सरकार के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के अधीन देश में लगभग 11 लाख आशा वर्कर्स और लाखों आशा संगिनी कार्यरत हैं। इनमें से उत्तर प्रदेश में लगभग 2 लाख आशा वर्कर्स और 10 हजार आशा संगिनी ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी जानकारी, सर्वे, टीकाकरण और स्वच्छता अभियान को गति दे रही हैं। कार्यकर्ताओं ने कहा कि उन्हें कोई मानदेय या वेतन नहीं दिया जाता है, बल्कि केवल अल्प प्रोत्साहन राशि का भुगतान किया जाता है। उन्होंने जोर दिया कि आशा और आशा संगिनी के कार्यों से स्वास्थ्य क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन आया है और स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ समाज के अंतिम व्यक्ति तक पहुंच रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार और समाज उन्हें स्वास्थ्य विभाग की रीढ़ की हड्डी मानते हैं, लेकिन उनकी आजीविका और परिवार के भरण-पोषण पर उचित ध्यान नहीं दिया गया है। उनकी मुख्य मांग है कि आशा और आशा संगिनी वर्कर्स को राज्य कर्मचारी घोषित किया जाए और उन्हें प्रतिमाह वेतन का भुगतान सुनिश्चित किया जाए। इस धरना प्रदर्शन में रेशमा देवी, बीर देवी, कामिनी, सोमा पाण्डेय, प्रभला देवी सहित कई अन्य आशा कार्यकर्ता मौजूद रहीं।
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