गोरखपुर विश्वविद्यालय में DNA शोध:TETA दवा से कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि पर लग सकती है रोक

दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाल ही में किए गए विशेष DNA शोध ने कैंसर के इलाज में नई दिशा दिखाई है। शोध में पता चला है कि TETA नामक दवा G-Quadruplex DNA को स्थिर कर सकती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि रोकने में मदद मिल सकती है। दरअसल, कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमें शरीर की सामान्य कोशिकाएँ अनियंत्रित रूप से बढ़ती हैं और ट्यूमर बनाती हैं। वर्तमान में इसका इलाज सर्जरी, कीमोथेरेपी और रेडिएशन थेरेपी के माध्यम से किया जाता है, लेकिन इन तरीकों में कई दुष्प्रभाव भी सामने आते हैं। वैज्ञानिक अब ऐसे उपचार की तलाश में हैं जो सीधे कैंसर कोशिकाओं को निशाना बनाए और स्वस्थ कोशिकाओं को नुकसान न पहुँचाए। G-Quadruplex DNA: इलाज की नई दिशा शोध में पता चला कि DNA कभी-कभी G-Quadruplex नामक विशेष संरचना बना लेता है। यह संरचना टेलोमेयर और c-MYC, c-KIT, BCL2 जैसे कैंसर जीन में बनती है। अगर यह संरचना स्थिर हो जाए तो टेलोमेरेज़ एंजाइम की गतिविधि रुक जाती है, जिससे कैंसर कोशिकाएँ बढ़ना बंद कर सकती हैं। TETA दवा का नया उपयोग वैज्ञानिकों ने पाया कि TETA, जो पहले कॉपर से जुड़ी बीमारियों में उपयोग होती थी, G-Quadruplex DNA को स्थिर करने में सक्षम है। इसका मतलब है कि यह दवा c-KIT कैंसर जीन की सक्रियता को रोक सकती है और कैंसर कोशिकाओं की वृद्धि नियंत्रित कर सकती है। शोध अभी शुरुआती चरण में यह शोध भौतिकी विभाग की कुमारी वंदना ने प्रोफेसर राकेश कुमार तिवारी के निर्देशन में किया। शोध को स्प्रिंगर समूह की अंतर्राष्ट्रीय पत्रिका Bio Materials and Devices में प्रकाशित किया गया है। वैज्ञानिकों का कहना है कि TETA के प्रभाव को पूरी तरह समझने के लिए प्रयोग और क्लिनिकल ट्रायल अभी चल रहे हैं। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर यह शोध सफल रहा तो भविष्य में मरीजों को कम दर्दनाक और अधिक प्रभावी इलाज मिल सकेगा। यह खोज कैंसर उपचार के क्षेत्र में विज्ञान की दुनिया में एक नई उम्मीद जगाती है और मरीजों के लिए राहत की किरण साबित हो सकती है।

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