केशव मौर्य सिर्फ नाम के डिप्टी CM- स्वामी प्रसाद मौर्या:मुख्यमंत्री को बहराइच और फतेहपुर का गजवा ए हिंद नहीं दिखता..

बरेली में जो कुछ हुआ, उसकी जिम्मेदार सरकार है। सीएम की भाषा सुनी, कि हम ‘गजवा-ए-हिंद’ नहीं बनने देंगे। लेकिन जब बहराइच जल रहा था, दंगाई मुस्लिमों की दुकानें जला रहे थे, घर पर चढ़कर मजहबी झंडे उतारे जा रहे थे, उस दिन ‘गजवा-ए-हिंद’ क्यों नहीं दिखाई दिया? ये कहना है बसपा, भाजपा और सपा में रहने के बाद अपनी जनता पार्टी का गठन करने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य का…. स्वामी प्रसाद मौर्य कहते हैं- वे केशव से बड़े नेता हैं और जनता के नेता हैं। भाजपा केशव मौर्य का जितना कद बढ़ाती है, वे उतना ही कमजोर होते जाते हैं। आज केशव मौर्य जी का यूपी की राजनीति से पूरे का पूरा सूपड़ा साफ हो चुका है। केवल डिप्टी सीएम हैं, इतनी पहचान रह गई है। ये बातें स्वामी प्रसाद मौर्य ने दैनिक भास्कर से खास बातचीत के दौरान कहीं। पढ़िए पूरा इंटरव्यू….. सवाल: केशव मौर्य का भाजपा में कद बढ़ रहा है, मौय समाज किसके साथ जाएगा? बड़ा नेता कौन है, आप या केशव मौर्य? स्वामी प्रसाद मौर्य: भाजपा केशव मौर्य का जितना कद बढ़ाती है, वे उतना ही कमजोर होते जाते हैं। डिप्टी सीएम होने के बावजूद उनकी हैसियत और उनके अधिकार पूरे खत्म हो चुके हैं। वो केवल एक प्रतीक हैं, अधिकार कुछ नहीं है, हनक कुछ नहीं हैं। उप मुख्यमंत्री की जो हैसियत होती है, उनके पास कुछ नहीं है, जो है वो दिखावा है, छलावा है, और कुछ नहीं है। केशव जी या कौन है बड़ा नेता वो जनता तय करती है, इसके विषय में मुझे कुछ नहीं कहना। लेकिन यूपी जिसके साथ खड़ा है, वो नेता है। उनके साथ कौन है, भाजपा के लोग हैं। जनता का नेता सामने बैठा हुआ है। सवाल: आई लव मोहम्मद मुद्दे पर तनाव बढ़ रहा है, सरकार बरेली में बड़ी कार्रवाई कर रही है, इसे आप किस तरह से देखते हैं। स्वामी प्रसाद मौर्य: जाति और मजहबी आधार पर न सिर्फ समाज को बांट रही है, बल्कि भाजपा सरकार खुद पार्टी बनकर हिंदू-मुस्लिम उन्माद पैदा करना चाहती है, सौहार्द बिगाड़ना चाहती है, हिंदू मुस्लिमों को आपस में लड़ाने की साजिश करती रहती है। बरेली में जो कुछ हुआ उसकी जिम्मेदारी सरकार की है। अभी तीन महीने पहले फतेहपुर में बहुत पुराना मजार है, जय बजरंग बली और जय श्री राम का नारा देते हुए फरसा-कुदाल लेकर लोग पहुंच गए। वहां ‘गजवा-ए-हिंद’ क्यों नहीं याद आया। आगरा में सीएम की मौजूदगी में हजारों की तादाद में लोग तलवारें लहराते रहे, कट्‌टा बंदूक लहराते रहे, रामजी लाल सुमन के घर पर धावा बोल दिया। उस समय ‘गजवा-ए-हिंद’ क्यों नहीं दिखाई दिया। ये मुख्यमंत्री की मर्यादा नहीं है, मुख्यमंत्री की गरिमा के विपरीत है, मुख्यमंत्री खुद ये भूल गए हैं कि वे यूपी के मुख्यमंत्री हैं। वे अपने आप को एक धर्म का मुख्यमंत्री मानते हैं। यही कारण है कि आज यूपी बर्बाद हो रहा है। सवाल: सपा से अलग होने के बाद आपने एक पार्टी बनाई, वह फिलहाल कहां स्टैंड कर रही है? स्वामी प्रसाद मौर्य: उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में हमारा संगठन तैयार हो चुका है। पोलिंग बूथ कमेटी गठन पर काम कर रहे हैं। प्रदेश की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी चल रही है। इसका मकसद ये है कि जिस तरह से भाजपा ने देश और प्रदेश की जनता को ठगा है। झूठे वादे किए हैं। लोक लुभावन जुमलों के माध्यम से लोगों को धोखा दिया है। डबल इंजन की सरकार की गलत नीतियों की वजह से देश का नौजवान बेरोजगार हो रहा है। गरीबी बेतहाशा बढ़ी है। 140 करोड़ की आबादी में 80 करोड़ लोगों की जिंदगी पांच किलो और दस किलो राशन पर आकर ठहर गई है। महंगाई आसमान पर है, जिससे आम लोगों का जीवन दूभर हो गया है। लाभकारी मूल्य देने का वादा था, लेकिन आज तक किसानों को लाभकारी मूल्य नहीं दिया गया। किसानों की एक ही मांग है कि उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित किया जाए। सरकार ने आज तक वो भी नहीं किया। छुट्‌टा जानवर फसलों को चौपट कर रहे हैं। उस पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने कोई उपाय तक नहीं किया। यहां तक कि यूपी में गांव के गरीब बच्चों को शिक्षा से वंचित किया जा रहा है। अपनी जनता पार्टी ने प्रदेश मुख्यालय, जिला मुख्यालय और विकास खंड स्तर पर विरोध अभियान चलाया, सरकार बैकफुट पर आई। उसे कहना पड़ा कि स्कूल बंद नहीं किए जाएंगे। इसके बावजूद जो स्कूल बंद हो गए, वे आजतक नहीं खुले। विश्वविद्यालय की शिक्षा इतनी महंगी की जा रही है कि अच्छे खासे काश्तकार भी विश्वविद्यालयों में पढ़ाने को सौ बार सोचेगा। विश्वगुरु का सपना दिखाने वाले मोदी जी ने देश को बेचना शुरू कर दिया है। मोदी जी के प्रधानमंत्री बनने के बाद देश के सभी बंदरगाह, एयरपोर्ट, एयर इंडिया, एलआईसी जैसी बड़ी संस्था, कई सरकारी संस्थान, प्रतिष्ठान बेच दिए गए। अरबों- खरबों की संपत्ति कौड़ियों के भाव अपने चहेते अडाणी अंबानी जैसों को बेच दिया गया है। हमारी पार्टी इस काले कारनामे के विरोध में पूरे प्रदेश में इनकी कलई खोलने का काम कर रही है। नवंबर-दिसंबर तक हम सभी विधानसभाओं तक पहुंचने का काम पूरा कर लेंगे। भाजपा की डबल इंजन सरकार ने जनता के साथ जो विश्वासघात किया है, देश और प्रदेश को आज जंगल राज के हवाले कर दिया है। गुंडाराज के हवाले कर दिया है। कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। अपराधी सत्ता के गलियारे में टहलते नजर आ रहे हैं। जाति आधार पर एक ओर जहां दलित पिछड़े समाज के लोगों की रोज हत्या हो रही है। वहीं बहन बेटियां बलात्कार का शिकार बनाई जा रही हैं। इन हत्यारों को सलाखों के पीछे भेजने के बजाय सरकार, उनको बचाने में लगी रहती है। पिछड़ों को जो आरक्षण मिला था, उसे शून्य किया जा रहा है। 8 फीसदी लोगों को आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जा रहा है। शेष ओबीसी, एससी, एसटी लोगों का आरक्षण खत्म किया जा रहा है। वहीं, धर्म के नाम पर हिंदू मुस्लिम मंदिर मस्जिद के नाम पर आज संप्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ा जा रहा है। समाज को बांटा जा रहा है। ऐसे मुद्दे सरकार जानबूझ कर उठा रही है, ताकि सरकार की असफलताओं पर चर्चा न हो, हिंदू–मुस्लिम के नाम पर ये जनता के आंख में धूल झोंकने का काम कर रही है। इस लिए 2027 में यूपी बचाओ भाजपा हटाओ, अपनी पार्टी की सरकार बनाओ अभियान के तहत हमारी तैयारी चाक चौबंद चल रही है। सवाल: आप बसपा, भाजपा और सपा तीनों दलों में रह चुके, क्या फर्क देखते हैं? स्वामी प्रसाद मौर्य: भाजपा का जंगलराज जगजाहिर है। समाजवादी पार्टी का गुंडा राज चरम पर था। गुंडाराज का विकल्प गुंडाराज नहीं हो सकता। भाजपा और सपा दोनों जंगलराज और गुंडाराज की जननी है। इसी लिए संविधान के दायरे में रहकर लोकतांत्रिक परंपरा को बहाल करने के लिए यूपी में कानून का राज स्थापित कर सभी धर्म, पंत संप्रदाय के सम्मान की रक्षा करते हुए प्रदेश को विकास के रास्ते पर ले जाने का काम करेंगे। 2027 के चुनावी मैदान में मैं आ रहा हूं। सवाल: ओबीसी आरक्षण में आरक्षण के मुद्दे पर आपका क्या मत है? स्वामी प्रसाद मौर्य: जो आरक्षण पहले से था, उसे ही शून्य कर दिया जा रहा है। जाे सरकार पहले से प्रभावी आरक्षण को खत्म कर रही है, वो आरक्षण में आरक्षण की क्या बात करेगी? आज कुछ ऐसे स्वार्थी लोग जो सरकार में मलाई खा रहे हैं, चुनाव को देखते हुए आरक्षण में आरक्षण की बात कर रहे हैं। पांच साल तक गूंगे बहरे की तरह तमाशा देख रहे थे। इस सरकार के भी तीन साल गुजर गए, अभी तक उनको याद नहीं आई? इसे लागू कौन करेगा? सरकार लागू करेगी। सरकार में बैठे मंत्री एक तरफ मलाई मार रहे हैं दूसरी ओर आरक्षण की गुहार लगा रहे हैं, किसकी आंख में धूल झोंक रहे हैं। सरकार पर दबाव क्यों नहीं बनाते। सरकार बात नहीं मानती तो सरकार को लात क्यों नहीं मारते? सत्ता से बाहर क्यों नहीं आ जाते। सत्ता में भी बने रहना चाहते हैं और विपक्ष की भूमिका में भी रहना चाहते? सवाल: सपा के बागी मनोज पांडेय क्या भाजपा को रायबरेली में फायदा पहुंचा पाएंगे? स्वामी प्रसाद मौर्य: सही बात ये है कि जिन लोगों ने रायबरेली की जनता के साथ विश्वासघात किया हो, पार्टी के साथ किया हो, पार्टी छोड़ने के बाद भी पद से इस्तीफा न दिया हो। राज्य सभा चुनाव में भारी रकम लेकर दल बदला हो। ऐसे में स्वाभाविक रूप से ऐसे लोग जो विश्वास घाती हैं, किसी के सगे नहीं होते, किसको कब दगा देंगे, किसको कब धोखा देंगे किसी को पता नहीं है। सवाल: मनोज पांडेय और राकेश सिंह कहते हैं कि ये दोनों लोगों ने आपके कारण सपा छोड़ी? स्वामी प्रसाद मौर्य: अगर मैंने पहले पार्टी छोड़ दिया था। अगर उन्हें पार्टी से इतना लगाव था, तो सपा क्यों छोड़ी। ये भाजपा से बड़ी रकम लेकर भाजपा को वोट दिए हैं, ऐसे लोग जो वोट का सौदा करते हैं, स्वाभाविक रूप से ये लोकतंत्र के साथ धोखा है, छलावा है। ऐसे लोगों से लोगों को सावधान रहना चाहिए। सवाल: अखिलेश यादव से अब आपके रिश्ते कैसे हैं? स्वामी प्रसाद मौर्य: राजनीति में व्यक्तिगत न तो दुश्मनी होती है और न मित्रता होती है। राजनीति में वैचारिक लड़ाई होती है, वैचारिक मतभेद होता है। समान विचार धारा वालों से तालमेल भी होता है। इसी लिए राजनीति में मित्रता और दुश्मनी नहीं होती। विचारधारा की लड़ाई होती है। सवाल: राम जी लाल सुमन और राजभर का करनी सेना से विवाद हुआ। क्या करनी सेना पर किसी का हाथ है? स्वामी प्रसाद मौर्य: स्वाभाविक रूप से जब मुख्यमंत्री की मौजूदगी में आगरा में ये सब हो रहा है, तो इसका मतलब है कि मुख्यमंत्री का पूरा संरक्षण मिला हुआ है। अगर यही छोटी सी गलती कर देता दलित समाज का नौजवान, बैकवर्ड या मुस्लिम समाज का नौजवान तो उसके घर बुल्डोजर चला जाता। क्योंकि वे मुख्यमंत्री की बिरादरी के थे इसलिए हजारों की तादाद में कट्टा, बल्लम, फरसा, तलवार, बंदूकें, राइफलें लहराने के बावजूद भी किसी के खिलाफ कोई एफआईआर तक नहीं हुई, घर पर बुल्डोजर चलाना तो बहुत दूर की बात है। ये क्या है, जातीय उन्माद नहीं है? धार्मिक उन्माद नहीं है। मुख्यमंत्री की यही गरिमा है? वो जातीय आधार पर धर्म के आधार पर बदला लेगा। निश्चित रूप से ये लोकतंत्र का मजाक उड़ाया जा रहा है। लोकतंत्र के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। सवाल: संघ मित्रा मौर्य को भाजपा ने टिकट नहीं दिया, क्या वो 2027 के विधानसभा चुनाव में मैदान में नजर आएंगी? अगर हां तो किस पार्टी से? स्वामी प्रसाद मौर्य: जो भाजपा में है, उसे तय करना है कि उसे भाजपा में रहना है या भाजपा छोड़ना है। हमारा रास्ता दूसरा है। मैं भाजपा के बारे में क्यों सोचूंगा। सवाल: मौजूदा दौर की राजनीति में दो दलों का सीधा मुकाबला देखने को मिल रहा है, क्या यूपी में किसी तीसरे दल की गुंजाइश आपको नजर आती है? स्वामी प्रसाद मौर्य: हो सकता है कि चुनाव आते आते तीसरी पार्टी ही आमने सामने वाली पार्टी बन जाए। अभी चुनाव में समय है। इस लिए विकल्प हमेशा नए-नए बनते हैं, पुराने समीकरण गिरते हैं। ये लोकतंत्र है। लोकतंत्र में सब कुछ संभव है। आगे आगे देखिए होता है क्या, भाजपा की विदाई भी होगी और गुंडाराज को जवाब भी मिलेगा। सवाल: चर्चा है कि आप जल्द ही घर वापसी करने जा रहे हैं, बसपा सुप्रीमो से रिश्ते बेहतर हो रहे हैं? क्या सच्चाई है? स्वामी प्रसाद मौर्य: अगर बसपा में वापसी करनी होती तो उसे छोड़ता क्यो‌? क्योंकि बसपा बाबा साहेब के मिशन से भटक गई थी। मान्यवर कांशीराम के सामाजिक परिवर्तन से दूरी बना ली थी, यही कारण है कि बसपा आज खत्म हो गई। अगर बहन जी सार्वजनिक रूप से अपनी गलतियों को सुधारती हैं, स्वीकार करती हैं तो शायद बसपा एक बार फिर खड़ी हो सकती है। लेकिन इसकी गुंजाइश नहीं है। अगर मुझे कहीं आना जाना होता तो अपनी जनता पार्टी नहीं बनाता। समान विचार धारा के लोगों के साथ हाथ मिलाया जा सकता, लेकिन अपनी जनता पार्टी बन जाने के बाद भूल कर भी सपने में भी सवाल नहीं खड़ा होता। सवाल: पहले काशी, फिर अयोध्या और अब मथुरा? क्या भाजपा धर्म की ही राजनीति को जोर दे रही? स्वामी प्रसाद मौर्य: आज पूरे प्रदेश में धर्म के नाम पर मनुवादी ताकतों का वर्चस्व बढ़ाया जा रहा है। धर्म के नाम पर लूट खसोट चल रही है। जिस तरह से आज धर्म का व्यवसायीकरण हो रहा है। काशी में कॉरिडोर बना, वहां गंगा जल पंडे दिया करते थे, माली फूल माला दिया करता था, वो आज अडाणी की कंपनी देती है। इसका व्यवसायीकरण हो गया। यही हाल अयोध्या का हो रहा है। वहां पर काम करने वालों की रोजी-रोटी छिन रही है। धर्म के नाम पर पहले छोटे-छोटे लोगों को रोजगार मिलता था, अब अडाणी और अंबानी की थैली भरी जा रही है। ये कॉरिडोर का निर्माण भी अडाणी और अंबानी के लिए किया जा रहा है। सवाल: आजम खान और इरफान सोलंकी को जमानत मिल गई है, क्या इसमें भाजपा की कोई रणनीति है? या मेरिट पर इन्हें जमानत मिली है? स्वामी प्रसाद मौर्य: जब न्यायपालिका से बेल मिली है तो वे बेल से आ रहे हैं, किसी की मेहरबानी से नहीं आ रहे हैं। इसमें भाजपा की कौन सी मेहरबानी है, या चाल है। भाजपा ने तो इन लोगों को कई बार जेल भेजा और ये लोग पहले भी बाहर आए। स्वाभाविक रूप से अब भाजपा में जिस तरह से अराजकता बढ़ी है, निरंकुशता बढ़ी है। धर्म के नाम पर गुंडे माफिया और लूट हो रही है। धर्म के नाम पर आज चीफ जस्टिस पर जिस तरह से जूता फेंकने की कोशिश की गई है, ये क्या है? ये ब्राह्मण वाद का नंगा सच है। जिस तरह से धार्मिक उन्माद पैदा किया जा रहा है, वो इसका दृष्टांत है। ऐसी सड़ी गली मानसिकता के लोग जो कोर्ट को भी धमकी देकर के अपने मन मुताबिक निर्णय कराना चाहते हैं, कोर्ट पर दबाव बनाकर न्यायपालिका पर धौंस जमाकर अपनी ताकत का एहसास कराना चाहते हैं, ये लोकतंत्र की हत्या है। ये हमला सीजेआई पर नहीं न्यायपालिका और संविधान पर हमला है। इसको देश के लोगों को समझना चाहिए। ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई करना चाहिए। ………………. ये खबर भी पढ़ें… 7 महीने में 5 बार बॉयफ्रेंड संग भागी पत्नी:यूपी में 4 बच्चों संग नदी में कूदा, 12 KM दूर मिली बेटी की लाश यूपी के जिला शामली में 4 बच्चों को लेकर यमुना में कूदने वाला 38 साल का सलमान पत्नी की बेवफाई से बुरी तरह टूट चुका था। उसकी पत्नी 7 महीने में 5 बार अपने बॉयफ्रेंड संग भाग गई। इस घर में अब सिर्फ सलमान का पिता और उनका छोटा बेटा बचे हैं। पूरा परिवार बर्बाद हो गया। सबको अफसोस है कि सलमान ने पत्नी को लेकर घर-परिवार में कभी कुछ नहीं बताया। अगर वो बताता, तो इस बेवफाई का हल जरूर निकलता। दैनिक भास्कर ने ग्राउंड जीरो पर पहुंचकर अफेयर से लेकर इस दर्दनाक अंत की पूरी कहानी समझी। दोनों पक्षों से अलग-अलग बात की। पढ़िए पूरी खबर…

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