इमरजेंसी में तैनात डॉक्टर पर कमीशनखोरी का आरोप:महिला की शिकायत पर सीएमएस ने दिया जांच का आदेश, बाहर से मंगाई थीं दवाएं

इटावा के स्वास्थ्य महकमे में अनियमितताओं और कमीशनखोरी की शिकायतें थमने का नाम नहीं ले रही हैं। ताजा मामला डॉ भीमराव अंबेडकर संयुक्त जिला अस्पताल की इमरजेंसी से सामने आया है, जहां ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर राहुल बाबू राजपूत पर अस्पताल के बाहर मेडिकल से दवाइयाँ, इंजेक्शन मंगवाने का आरोप लगा है। हैरानी की बात यह है कि इन्हीं ने डॉक्टर कुछ दिन पहले सिविल लाइन थाना पुलिस पर उन्हें जबरन उठाकर ले जाने के गंभीर आरोप लगाए थे, अब इन्हीं डॉक्टर पर कमीशनखोरी के आरोप एक महिला तीमारदार ने लगाए है। महिला ने लगाए गंभीर आरोप लखना की रहने वाली निशा अपनी सास का टूटा हाथ लेकर जिला अस्पताल की इमरजेंसी पहुंचीं। आरोप है कि इमरजेंसी वार्ड में ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर राहुल बाबू राजपूत ने मरीज को टांके लगाने के बाद भर्ती करने से मना कर दिया और सुबह एक्सरे कराने की बात कही। महिला ने डॉक्टर से बार-बार गुजारिश की, लेकिन इसके बावजूद उन्हें बाहर की मेडिकल से इंजेक्शन लिख दिए गए, जिनकी कीमत लगभग 650 रुपये आई। निशा का कहना है कि ये दवाइयाँ जिला अस्पताल में उपलब्ध थीं, बावजूद इसके डॉक्टर ने बाहर से खरीदने को कहा। जब महिला इंजेक्शन लेकर आईं तो ओटी में मौजूद वार्ड बॉय ने उन्हें स्टेरलाइज ड्रम में रख दिया। महिला ने यह पूरी बात मीडिया को बताई और मौके पर डॉक्टर की पहचान भी कराई। वहीं मीडिया के सवालों पर डॉक्टर कैमरे से बचते नजर आए। 6 तस्वीरें देखें… सीएमएस ने कही जांच की बात घटना की जानकारी जब अस्पताल के सीएमएस परितोष शुक्ला तक पहुँची तो उन्होंने कहा कि मामला उनके संज्ञान में आया है। इसकी जांच कराई जाएगी और यदि डॉक्टर दोषी पाए गए तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। विवादों में घिरे रहे हैं डॉक्टर गौरतलब है कि डॉक्टर राहुल बाबू राजपूत हाल ही में तब चर्चा में आए थे, जब उन्होंने सिविल लाइन थाना पुलिस पर उन्हें जबरन उठा ले जाने और परेशान करने का गंभीर आरोप लगाया था। उस मामले ने भी स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए थे। अब कमीशनखोरी का यह नया मामला उनके खिलाफ विवादों को और गहरा कर रहा है।

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Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर