इटावा जेल में महिला बंदियों ने मनाया करवा चौथ:चार बंदियों ने पतियों संग की पूजा, जेल प्रशासन ने की व्यवस्था

इटावा के जिला कारागार में शनिवार को करवा चौथ का पावन पर्व उल्लास और आस्था के साथ मनाया गया। जेल की दीवारों के भीतर भी परंपरा, विश्वास और पति की दीर्घायु की कामना का सुंदर संगम देखने को मिला। जेल में निरुद्ध 9 महिला बंदियों ने पारंपरिक रीति-रिवाजों के अनुसार व्रत रखा और विधिपूर्वक करवा चौथ की पूजा की। कारागार प्रशासन ने सभी महिला बंदियों के लिए व्रत की संपूर्ण व्यवस्था की थी। उन्हें करवा, कैलेंडर, फूल मालाएं, दीपक, पूजा सामग्री और विशेष भोजन उपलब्ध कराया गया। प्रशासन की पहल से महिला बंदियों के बीच उत्साह का माहौल रहा। सबसे विशेष दृश्य उस समय देखने को मिला जब 9 महिला बंदियों में से 4 ऐसी बंदियां थीं जिनके पति भी उसी जेल में निरुद्ध हैं। कारागार प्रशासन ने संवेदनशीलता दिखाते हुए इन चार दंपतियों को एक साथ पूजा करने की अनुमति दी। शाम को चांद निकलने के बाद महिला बंदियों ने अपने पतियों के दीर्घायु की कामना करते हुए व्रत खोला। जेल अधीक्षक कुलदीप सिंह ने बताया कि करवा चौथ का पर्व पति-पत्नी के बीच समर्पण और स्नेह का प्रतीक है। जेल में निरुद्ध महिला बंदियों के लिए भी यह दिन विशेष होता है। प्रशासन ने उनकी भावनाओं का सम्मान करते हुए पूजा-पाठ से लेकर भोजन तक की पूरी व्यवस्था की। सभी बंदियों ने खुशी और अनुशासन के साथ यह पर्व मनाया। पूरे दिन महिला कारागार परिसर में धार्मिक और भावनात्मक माहौल रहा। महिला बंदियों ने सोलह श्रृंगार किया, मेहंदी रचाई। जेल प्रशासन की इस पहल ने बंदियों के बीच मानवीय संवेदनाओं की मिसाल पेश की।इस तरह कारागार की चारदीवारी में भी प्रेम, आस्था और उम्मीद का दीपक जल उठा। करवा चौथ के पर्व ने यह संदेश दिया कि बंदिशें भले हों, लेकिन परंपरा और भावना की रोशनी हर हृदय तक पहुँच सकती है।

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