आजम बोले- ताली एक हाथ से नहीं बजती:अखिलेश से रिश्तों पर कहा- हमारा भी कुछ अच्छा रहा होगा या हम बुरे ही रहे

आजम खान के एक इंटरव्यू ने समाजवादी पार्टी के नेताओं की धड़कनें बढ़ा दी हैं। एक निजी चैनल को दिए गए इंटरव्यू में आजम खान के तेवर कहीं सख्त तो कहीं नरम नजर आए। उन्होंने अखिलेश यादव के साथ रिश्तों को लेकर खुलकर बात की। अखिलेश यादव के रामपुर दौरे को लेकर कहा कि उन्हें अखबारों से पता चला है कि वो 8 अक्टूबर को आ रहे हैं। सपा प्रमुख से रिश्तों पर कहा- मैंने हमेशा कहा है कि ताली एक हाथ से नहीं बजती। मोहब्बत के लिए कुछ खास दिल मखसूस होते हैं। ये वो नगमा है, जो हर साज पर गाया नहीं जाता। ताली दोनों हाथ से बजती है। मेरी इज्जत में कभी कोई कमी नहीं रही। हमारा भी कुछ अच्छा रहा होगा या हम बुरे ही रहे। हमने तो एक बार भी शिकायत नहीं की। उन्होंने यह जरूर कहा- जो रास्ते के लोग हैं, नेतृत्व को रास्ता दिखाने लगे हैं। मेरा विरोध उनसे है। पहले नेतृत्व रास्ता दिखाता था। अब पीछे चलने वाले नेता बनने लगे हैं। फैसले नेतृत्व के होने चाहिए, पीछे चलने वालों के नहीं। बहुत पहले एक बार मेरी मर्जी के खिलाफ फैसला हुआ था
रामपुर का जिक्र आया तो उन्होंने कहा- बहुत पहले एक बार मेरी मर्जी के खिलाफ फैसला हुआ था। मैंने विरोध नहीं किया। लेकिन, साथ भी नहीं आया। क्या ये कम था। हमने विरोध नहीं किया, इसलिए वो जीत गईं। उसके बाद हराया भी उन्हीं (जया प्रदा) को था। ढाई लाख वोटों से हराया था। इस बार भी मैंने विरोध नहीं किया था। इस जीत को मेरी हार न समझा जाए, बात खराब हो जाएगी, बहुत खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा- मैंने टिकट कहीं के लिए नहीं मांगा। सब गलत है। मुरादाबाद वालों को ये शिकायत है कि मैंने उनका टिकट कटवाया। मैं रामपुर का टिकट नहीं दिलवा सका, उनका कैसे कटवा दूंगा। रामपुर से अखिलेश के अलावा भी दूसरे को टिकट दिलाना चाहता था, नाम भी दिया था। लेकिन, नहीं मिला। जो आदमी अपने यहां टिकट नहीं दिला सका, वह दूसरी जगह पर क्या टिकट दिलवा पाएगा। दरअसल, मुरादाबाद के तत्कालीन सांसद एसटी हसन का आरोप था कि उनका टिकट आजम ने कटवाया था और रूचि वीरा को दिलवाया था। रामपुर में भी सपा ने आजम की मर्जी के खिलाफ टिकट दिया था। दिल नहीं दुखाना चाहिए
एक सवाल के जवाब में आजम ने कहा कि मुलायम के खानदान से उनके दिल के रिश्ते हैं। दिल नहीं दुखाना चाहिए। दिल दुखा या नहीं, इस सवाल के जवाब पर कहा कि अभी तक इस बारे में सोचा नहीं। हालात ने इतना दिल दुखा दिया कि ये सोचा ही नहीं। उन्होंने अपने अंदाज में शेर कहा-कहने को जिंदगी थी बहुत मुख्तसर मगर, कुछ यूं बसर हुई की खुदा याद आ गया। मुझको शिकस्ते दिल का मजा याद आ गया, तुम क्यों उदास हो गए, तुम्हें क्या याद आ गया?

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