आजमगढ़ में बारिश में शिक्षकों ने किया प्रदर्शन:टेट अनिवार्यता के खिलाफ जताया विरोध, सरकार से हस्तक्षेप की मांग
आजमगढ़ में शुक्रवार को बारिश के बाद भी शिक्षकों का विरोध प्रदर्शन चलता रहा। लगातार बरस रहे बादलों के साथ शिक्षक भी गरज बरस रहे थे। भीगते हुए उन्होंने धरना देकर प्रदर्शन किया। जुलूस निकाला और कलेक्ट्रेट कार्यालय के सामने बारिश के बीच सड़क पर बैठ कर अपनी मांगों को बुलन्द किया। शिक्षकों के इस धरने प्रदर्शन के कार्यक्रम के अन्तर्गत पहले डीएवी इण्टर कालेज के मैदान में सभा हुई। सभा के उपरान्त शिक्षकों ने डीएवी इण्टर कालेज से गाँधी तिराहा, त्रिमूर्ति चौराहा होते हुए जुलूस निकाला। इस दौरान महिला शिक्षिकाए भी भारी संख्या में मौजूद रहीं। संघ ने जिलाधिकारी कार्यालय पहुँच जिला प्रशासन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान को नामित अपना ज्ञापन सौंपा। इसके बाद वहीं सेजिलाध्यक्ष सुरेन्द्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में नेहरू हाल पहुँचकर सपा सांसद धर्मेन्द्र यादव के नाम भी ज्ञापन सौंपा। सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के खिलाफ लगातार प्रदर्शन सुप्रीम कोर्ट द्वारा सभी प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों के शिक्षकों के लिए शिक्षक पात्रता परीक्षा,टीईटी को अनिवार्य करने के आदेश के बाद देश भर में शिक्षकों की नौकरी पर संकट गहरा गया है। आदेश के अनुसार, अगले दो वर्ष के भीतर टीईटी पास करना अनिवार्य होगा। अन्यथा नौकरी छोड़नी पड़ सकती है। इस फैसले से असंतुष्ट शिक्षकों ने विरोध तेज कर दिया है। इसी क्रम में जनपद में उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने शुक्रवार को जिले में विशाल प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा है। यह विरोध प्रदर्शन 2011 से पूर्व नियुक्त शिक्षकों के सेवारत रहने एवं पदोन्नति हेतु टीईटी की अनिवार्यता न होने से संबंधित था। वरिष्ठ शिक्षक नेता वेदपाल सिंह, प्रान्तीय महामंत्री उमाशंकर सिंह, राष्ट्रीय काउंसलर मंजूलता राय,माध्यमिक शिक्षक संघ के मंत्री नरेंद्र सिंह और जिला अध्यक्ष सुरेंद्र प्रताप सिंह के नेतृत्व में हजारों की संख्या में शिक्षक शिक्षिकाएं जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे। विरोध प्रदर्शन कर रहे शिक्षकों ने कहा कि यदि सरकार अभी भी न जागी तो दिल्ली जाकर पूरे देश के शिक्षक धरना प्रदर्शन व आंदोलन करने को बाध्य होंगे। इस संबंध में संघ ने 27 जुलाई 2011 से पूर्व नियुक्त सभी शिक्षकों को टीईटी से मुक्त करने, सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के विरुद्ध पुनर्विचार याचिका दायर करने, केंद्र सरकार द्वारा इस विषय पर स्पष्ट और शिक्षकों के हित में पक्ष रखने व सेवा में कार्यरत शिक्षकों के अनुभव को ही उनकी योग्यता माने जाने की मांग करते हुए प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा है।
Source: उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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