आंगनबाड़ी की जिम्मेदारी संस्कार और पोषण:मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा- बच्चों को शिक्षा और सुरक्षा भी मिले
संभल के बहजोई स्थित बड़ा मैदान में आयोजित द्वितीय कल्कि महोत्सव/विकासोत्सव के दूसरे दिन आंगनबाड़ी सम्मेलन हुआ। इसमें महिला एवं बाल विकास मंत्री बेबी रानी मौर्य ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र केवल पोषण ही नहीं, बल्कि बच्चों को संस्कार और शिक्षा देने की भी नींव हैं। सम्मेलन का विषय ‘सुपोषित बचपन, बढ़ता उत्तर प्रदेश’ था, जहाँ मंत्री मौर्य मुख्य अतिथि थीं। उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों से कहा कि बच्चों को पढ़ाई के साथ अच्छे संस्कार देना उनकी प्राथमिक जिम्मेदारी है। उन्होंने कार्यकत्रियों से अपने बच्चों की तरह ही आंगनबाड़ी के बच्चों की देखभाल करने का आग्रह किया। मंत्री ने घोषणा की कि सभी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को जल्द ही मोबाइल फोन दिए जाएंगे। इससे सरकारी योजनाओं की निगरानी और पारदर्शिता सुनिश्चित होगी। उन्होंने यह भी बताया कि अब आंगनबाड़ी केंद्रों पर बच्चों को फलयुक्त नाश्ता भी उपलब्ध कराया जाएगा। उन्होंने संभल की उपलब्धियों पर गर्व व्यक्त किया। मंत्री ने बताया कि कन्या सुमंगला योजना और निराश्रित महिला पेंशन योजना में यह जनपद प्रदेश में पहले स्थान पर है, जो आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की मेहनत का परिणाम है। मंत्री ने मिशन शक्ति 5.0 का भी जिक्र किया और कहा कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्रों को ऐसे मॉडल के रूप में विकसित करने का आह्वान किया, जहाँ बच्चों को शिक्षा, पोषण और सुरक्षा एक साथ मिल सके। इस अवसर पर जिलाधिकारी डॉ. राजेन्द्र पैंसिया, भाजपा जिलाध्यक्ष हरेन्द्र सिंह रिंकू, महिला मोर्चा जिलाध्यक्ष राखी शर्मा, सीडीपीओ रचना यादव सहित सैकड़ों आंगनबाड़ी कार्यकत्रियाँ और अधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम के दौरान मंत्री के हाथों गर्भवती महिलाओं की गोद भराई की रस्म भी पूरी की गई। साथ ही, उत्कृष्ट कार्य करने वाली कार्यकत्रियों को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
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