अयोध्या में दीपोत्सव का वैदिक मंत्रोच्चार के बीच भूमिपूजन:18 को दीपोत्सव-2025 की मॉक ड्रिल होगी,स्वदेश निर्मित 1100 ड्रोन का शो होगा

अयोध्या एक बार फिर इतिहास रचने जा रही है। यहां दीपोत्सव की तैयारियां जोरों पर हैं. इस बार भव्यता और दिव्यता का स्तर पिछले वर्षों की अपेक्षा कहीं अधिक देखने को मिलेगा। पिछले साल 25 लाख से अधिक दीपक जलाकर अयोध्या ने विश्व कीर्तिमान रचा था, लेकिन इस बार राम की पैड़ी के 56 घाटों पर 26 लाख 11 हजार 101 दीपक जलाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। दीपोत्सव की सफलता के लिए आज सुबह राम की पैड़ी पर वैदिक मंत्रोच्चार के बीच अवध यूनिवसिर्टी के दीपोत्सव से जुड़े अधिकारियों ने भूमिपूजन किया।यह पूजन पंडित नेत्रजा प्रसाद मिश्र ने कराया।
राम की पैड़ी के 52 घाटों पर 26 लाख 11 हजार 101 दीपक जलाए जाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके सापेक्ष कुल 28 लाख दीपक घाटों पर बिछाए जाएंगे. इस अद्भुत आयोजन को सफल बनाने के लिए अवध विश्वविद्यालय के 33 हजार वॉलंटियर्स को जिम्मेदारी दी गई है। यह स्वयंसेवक न केवल दीप जलाएंगे, बल्कि आयोजन की हर व्यवस्था में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उत्तर प्रदेश के पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह के अनुसार इस वर्ष का दीपोत्सव अब तक का सबसे भव्य और अतुलनीय हो। मंत्री ने बताया कि 18 अक्टूबर को अयोध्या में दीपोत्सव-2025 की मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी, ताकि मुख्य आयोजन से पूर्व सभी व्यवस्थाओं की सघन जांच हो सके। उन्होंने निर्देश दिया कि शोभायात्रा में मिशन शक्ति एवं स्वच्छ भारत अभियान की झलक विशेष रूप से प्रस्तुत की जाए, ताकि जनसामान्य को भव्यता के साथ-साथ सामाजिक संदेश भी मिले। इस वर्ष 26 लाख से अधिक दीप जलाने, लेजर शो, स्वदेश निर्मित 1100 ड्रोन का शो आदि का प्रदर्शन किए जाने की तैयारी अंतिम रूप ले रही है। इस वर्ष भी दीप प्रज्ज्वलन का विश्व कीर्तिमान स्थापित होगा। सरयू तट पर 2100 लोगों द्वारा महाआरती विशेष आकर्षण होगा। उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री के अनुसार केंद्र सरकार के पर्यटन, संस्कृति एवं भारतीय विदेश मंत्रालय सहित अन्य अधिकारियों को आमंत्रित करने की भी बात कही। साथ ही, देश के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के संस्कृति विभाग के प्रतिनिधियों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। दुनियाभर के कई राष्ट्रों को भी आमंत्रित किया जा रहा है। पर्यटन मंत्री के अनुसार रामकथा पार्क तक आमजन की पहुंच को आसान बनाने की व्यवस्था की जाए। आगंतुकों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, उसके व्यापक प्रबंध किए जाएं। अयोध्या में अंतरराष्ट्रीय रामलीला को वैश्विक पहचान दिलाने के हर संभव प्रयत्न किए जाएं। उन्होंने बताया कि राम और रामायण की थीम पर विविध प्रस्तुतियां होंगी। संस्कृति विभाग की ओर से देश के सभी राज्यों से आने वाली नृत्य मण्डली प्रदर्शन करेगी। रामनगरी में 10 जगहों पर सांस्कृतिक नृत्य की प्रस्तुतियां होंगी। मंत्री जयवीर सिंह ने इको फ्रेंडली आयोजन की प्राथमिकता पर जोर दिया। युवाओं और बच्चों के लिए विशेष सेल्फी पॉइन्ट बनाया जाएगा, जहां प्रभु श्रीराम और भक्त हनुमान के चित्र के साथ सेल्फी की व्यवस्था होगी। इसके साथ, जगह-जगह साइनेज, पीने के पानी, स्वच्छता, सजावट, मूलभूत सुविधाएं और आगंतुकों को जानकारी उपलब्ध कराने को ध्यान में रखते हुए अंतिम योजना बनाने के निर्देश दिए गए हैं। इस वर्ष आयोजन को और आकर्षक बनाने के लिए अत्याधुनिक तकनीक का प्रयोग किया जा रहा है। कार्यक्रम में शोभायात्रा, मल्टीमीडिया प्रोजेक्शन मैपिंग, 3-डी होलोग्राफिक म्यूजिकल लेजर शो, कोरियोग्राफ्ड म्यूजिकल ड्रोन शो, म्यूजिकल ग्रीन फायर क्रैकर्स शो, भव्य हाइड्रोलिक स्क्रीन एवं वाटर टैबलो जैसी भव्य प्रस्तुतियां होंगी। इसके अलावा 100 कलाकारों की सजीव सांगीतिक प्रस्तुति भी दर्शकों को मंत्रमुग्ध करेंगी।’ प्रमुख सचिव पर्यटन, संस्कृति एवं धर्मार्थ कार्य अमृत अभिजात ने निर्देश दिया कि राम पथ सहित अन्य मार्गों पर रोशनी, सफाई और सजावट के पुख्ता प्रबंध किए जाएं। कार्यदायी संस्था से पेड़ों को भी सजाए जाने को कहा है। उन्होंने बताया कि दीपोत्सव के आयोजन में परेशानी न हो, इसके लिए नोडल ऑफिसर की नियुक्ति की गई है। झांकियों के माध्यम से महिला शक्ति का संदेश दिया जाएगा। सरकारी योजनाओं की जानकारी देती झांकियां भी होंगी। महानिदेशक पर्यटन राजेश कुमार, विशेष सचिव पर्यटन ईशा प्रिया, निदेशक ईको पर्यटन प्रखर मिश्र, पर्यटन मंत्री के सलाहकार जेपी सिंह सहित विभागीय अधिकारियों को दीपोत्सव को यादगार बनाने को कहा गया है।

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