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UP इन 10 मेगा प्रोजेक्ट्स से चमकेगा:गंगा और लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे से टाइम बचेगा, काशी में इंटरनेशनल क्रिकेट-मैच होंगे

नए साल- 2026 में उत्तर प्रदेश विकास की नई ऊंचाइयों को छूने जा रहा है। आधुनिक इन्फ्रास्ट्रक्चर, बेहतर कनेक्टिविटी और खेल-सुविधाओं के क्षेत्र में कई मेगा प्रोजेक्ट या तो पूरे हो जाएंगे या उनका काम तेजी से आगे बढ़ेगा। जनवरी में गंगा एक्सप्रेस-वे और नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) जैसे महत्वपूर्ण प्रोजेक्ट लोगों के लिए खुल सकते हैं। फरवरी तक कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे पूरा होने की उम्मीद है। प्रयागराज में देश का दूसरा सबसे लंबा एलिवेटेड पुल, वाराणसी में भगवान शिव थीम वाला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम चालू होगा। साथ ही लखनऊ में मेट्रो के दूसरे फेज का शिलान्यास और देश की पहली AI सिटी का काम भी नई स्पीड पकड़ेगा। साथ ही बुंदेलखंड सौर ऊर्जा का हब बनेगा और देश का पहला सोलर ई-वे तैयार होगा। जबकि ओबरा में 1600 मेगावाट की अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल पावर यूनिट राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में मजबूत बनाएगी। 2026 में पूरी होने वाली इन 10 परियोजनाओं से कैसे यूपी की तस्वीर बदलेगी? रोजगार, लॉजिस्टिक्स, पर्यटन और सामरिक सुरक्षा को कैसे पंख लगेंगे? पढ़िए विस्तार से… जानिए कौन से हैं ये 10 बड़े प्रोजेक्ट :- जनवरी में पूरा हो जाएगा गंगा एक्सप्रेस-वे
37 हजार 350 करोड़ रुपए की लागत से मेरठ से प्रयागराज तक 594 किमी लंबा गंगा एक्सप्रेस-वे जनवरी में पूरी तरह से तैयार हो जाएगा। विधानसभा के शीतकालीन सत्र में खुद सीएम योगी ने यह बात बताई थी। इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण पर प्रति किमी 62 करोड़ 87 लाख रुपए खर्च हुए। कार्यदायी संस्था एलएंडटी 15 जनवरी तक इसे यूपीडा (उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण) और आईआरबी इंफ्रा कंपनी को हैंडओवर कर देगी। जनवरी में ही ट्रायल कराकर आमजन के लिए इसे खोलने की तैयारी है। गंगा एक्सप्रेस-वे से मेरठ से प्रयागराज तक पहुंचने में सिर्फ 8 घंटे लगेंगे। गंगा एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम 120 किमी. प्रति घंटे की रफ्तार निर्धारित की गई है। इस एक्सप्रेस-वे पर 28 फ्लाईओवर, 126 छोटे पुल, 381 अंडरपास और रेलवे ओवरब्रिज (ROB) समेत कुल 1498 बड़े स्ट्रक्चर हैं। 9500 करोड़ रुपए से अधिक सिर्फ भूमि अधिग्रहण में खर्च हुए। यह 12 जिले के भूमि मालिकों के खाते में बतौर मुआवजा भेजा गया है। यह देश का पहला ऐसा एक्सप्रेस-वे है, जिस पर हमारे लड़ाकू विमान नाइट लैंडिंग भी कर सकेंगे। ये सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। चीन और पाकिस्तान दोनों बॉर्डर यहां से काफी नजदीक है। गंगा-यमुना लिंक एक्सप्रेस-वे से जुड़ेगा नोएडा एयरपोर्ट
गंगा और यमुना एक्सप्रेस-वे को आपस में जोड़ने के लिए 74 किमी के लिंक एक्सप्रेस-वे का निर्माण नए साल में शुरू होगा। इस लिंक एक्सप्रेस-वे से नोएडा का जेवर एयरपोर्ट भी जुड़ जाएगा। यूपीडा और यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) ने मिलकर इसका विस्तृत डिजाइन तैयार किया है। यह नया ग्रीनफील्ड एक्सप्रेस-वे 120 मीटर चौड़ा होगा। यमुना एक्सप्रेस-वे के 24वें किलोमीटर फिल्म सिटी के पास से शुरू होकर बुलंदशहर जिले के स्याना के पास गंगा एक्सप्रेस-वे के 44.3 किलोमीटर पॉइंट को जोड़ेगा। इस परियोजना का उद्देश्य पश्चिमी यूपी के जिले मेरठ, बुलंदशहर, खुर्जा और स्याना को सीधे जेवर एयरपोर्ट से जोड़ना है। यह लिंक एक्सप्रेस-वे 56 गांवों की जमीन से होकर गुजरेगा। इसके लिए भूमि अधिग्रहण किसानों की सहमति पर किया जाएगा। मुआवजा दरों का आकलन फिलहाल चल रहा है। परियोजना के निर्माण की अनुमानित लागत लगभग 60 करोड़ प्रति किलोमीटर होगी। जमीन अधिग्रहण का मुआवजा इसके अतिरिक्त होगा। इस लिंक एक्सप्रेस-वे से औद्योगिक क्षेत्रों के लिए लॉजिस्टिक कनेक्टिविटी मजबूत होगी। इस लिंक एक्सप्रेस-वे का 20 किमी हिस्सा YEIDA क्षेत्र में आएगा। और बाकी हिस्सा यूपीडा के हिस्से में होगा। इस लिंक एक्सप्रेस-वे के तैयार होने पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेस-वे और यमुना एक्सप्रेस-वे पर आगरा से ग्रेटर नोएडा तक की राह आसान हो जाएगी। इसके अलावा लिंक एक्सप्रेस-वे का यमुना सिटी के औद्योगिक सेक्टर-28, 29, 32, 33 से भी सीधा जुड़ाव होगा। इससे कार्गो के वाहनों को एयरपोर्ट तक पहुंचने या इससे जुड़े किसी भी रूट पर पहुंचना आसान हो जाएगा। जनवरी में चालू हो सकता है जेवर एयरपोर्ट दुनिया का चौथा सबसे बड़ा नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट नए साल के पहले महीने में चालू हो सकता है। 29 हजार 650 करोड़ रुपए से बन रहे इस एयरपोर्ट पर एक साथ 178 विमान खड़े हो सकेंगे। इस एयरपोर्ट के चालू होने पर दिल्ली एयरपोर्ट का एयर ट्रैफिक लोड कम हो जाएगा। उड्‌डयन मंत्रालय के मुताबिक, रोजाना करीब 35 हजार यात्री दिल्ली से नोएडा एयरपोर्ट की ओर शिफ्ट हो जाएंगे। दिल्ली एयरपोर्ट से जेवर की दूरी करीब 70 किमी है। जेवर एयरपोर्ट 5845 हेक्टेयर जमीन पर विकसित हो रहा है। हालांकि पहले चरण में इसका निर्माण 1334 हेक्टेयर जमीन पर हुआ है। फर्स्ट फेज में अभी यहां दो यात्री टर्मिनल और दो रनवे बनाए गए हैं। बाद में यहां कुल पांच रनवे बनेंगे। एयर ट्रैफिक बढ़ने पर इससे अधिक रनवे बनाए जा सकेंगे। इस एयरपोर्ट की क्षमता फिलहाल सालाना 9 करोड़ यात्रियों की होगी, जिसके साल-2050 तक 20 करोड़ होने का अनुमान है। इस एयरपोर्ट के चालू होने पर शुरुआती साल में करीब 40 लाख यात्रियों की आवाजाही का अनुमान है। साल-दर-साल संख्या बढ़ती जाएगी। 2044 तक यात्रियों जनवरी में उद्घाटन के बाद इस एयरपोर्ट से 8 डोमेस्टिक और 1 इंटरनेशनल फ्लाइट शुरू करने की तैयारी है। CM योगी ने विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान जनवरी में इसे चालू करने की घोषणा की थी। ये उत्तर प्रदेश का पांचवां अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट होगा। ये एयरपोर्ट पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मॉडल के तहत डेवलप किया जा रहा है। पूरा बनने पर यह देश का सबसे बड़ा एयरपोर्ट होगा। यहां पर यात्रियों को आधुनिक टर्मिनल, बेहतर सुरक्षा व्यवस्था और तेज चेक-इन जैसी सुविधाएं मिलेंगी। कानपुर-लखनऊ एक्सप्रेस-वे फरवरी तक हो जाएगा पूरा 63 किलोमीटर लंबे और 4700 करोड़ की लागत वाली इस परियोजना को 28 फरवरी, 2026 तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। अमौसी एयरपोर्ट से शुरू होकर कानपुर जाने में लोगों को 40 मिनट लगेंगे। इस एक्सप्रेस-वे पर अधिकतम 120 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से वाहन चल सकेंगे। इस एक्सप्रेस-वे पर अमौसी से बंथरा तक 18 किलोमीटर हिस्सा एलिवेटेड बनाया गया है। इस हिस्से में ये 4 लेन है। बंथरा से आगे ये ग्रीनफील्ड में 8 लेन का बना है। यहां से एक्सप्रेस-वे 45 किलोमीटर ग्रीनफील्ड है। इस पूरे एक्सप्रेस-वे में 3 बड़े पुल, 28 छोटे पुल, 38 अंडरपास और 6 फ्लाईओवर बने हैं। यह एक्सप्रेस-वे कानपुर के गंगा पुल से करीब 5 किलोमीटर पहले उन्नाव के आजाद चौराहे पर खत्म होता है। लखनऊ-कानपुर एक्सप्रेस-वे देश का सबसे महंगा एक्सप्रेस-वे है । इस एक्सप्रेस-वे के निर्माण में प्रति किलोमीटर 75 करोड़ रुपए का खर्च हुआ है। हाईटेंशन लाइन के तीन पोल शिफ्टिंग और एलिवेटेड रूट के फ्लाईओवर के बचे काम को शुरू करवा दिया गया है। इस काम को 28 फरवरी तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। उन्नाव के पास यह एक्सप्रेस-वे गंगा एक्सप्रेस-वे से भी जुड़ रहा है। देश का दूसरा लंबा एलिवेटेड पुल प्रयागराज में शुरू होगा 1000 करोड़ की लागत से प्रयागराज में बन रहा भारत का दूसरा सबसे लंबा 10 किमी एलिवेटेड पुल नए साल में पूरा हो जाएगा। प्रयागराज के मलाका से त्रिपाठी चौराहा तक बन रहा ये पुल फाफामऊ पुल के विकल्प के रूप में यातायात को सुगम बनाएगा। इस एलिवेटेड पुल के चालू होने पर फाफामऊ पुल के दबाव को कम करने में आसानी होगी। इससे प्रयागराज के कनेक्टिविटी और बेहतर हो जाएगी। भविष्य में महाकुंभ जैसे आयोजनों में अधिक सुविधाजनक होगी। यह पुल NH-19 पर भदरी गांव से शुरू होकर गंगा नदी पार करता है और शहर में प्रवेश करता है। इससे जौनपुर और गोरखपुर की ओर यात्रा का समय बचेगा। देश का दूसरा सबसे लंबा सिक्स लेन एलिवेटेड पुल है। मार्च, 2026 तक इसके पूरी तरह से तैयार हो जाने का लक्ष्य रखा गया है। बारिश से पहले इसे आवाजाही के लिए खोल दिया जाएगा। टी-20 विश्वकप से होगा वाराणसी में अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम का उद्घाटन!
वाराणसी के गंजारी गांव में 452 करोड़ की लागत से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बन रहा है। इसे 2026 टी-20 विश्वकप से पहले तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है। इस स्टेडियम की वास्तुकला थीम भगवान शिव से प्रेरित है। इसमें त्रिशूल के आकार की फ्लडलाइट्स लगी है। बेलपत्र जैसी धातु की चादरें लगी हैं। वहीं, दर्शक दीर्घा बनारस के घाट जैसी बनाई जा रही है। यह यूपी का तीसरा अंतरराष्ट्रीय स्टेडियम होगा। इसकी दर्शक क्षमता 30 हजार की होगी, जिसे जरूरत पड़ने पर 40 हजार तक बढ़ाया जा सकेगा। इस स्टेडियम को LT कंपनी बना रही है। इसमें 18 पिच और प्रैक्टिस नेट बनाए जा रहे हैं। कमेंटेटर बॉक्स और प्रेस गैलरी के साथ ही आधुनिक पवेलियन बनाया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने स्टेडियम का उद्घाटन 2026 में एक T-20 अंतरराष्ट्रीय मैच के जरिए करने की घोषणा की है। 30.66 एकड़ वाले इस परिसर में स्टेडियम के साथ ही बैडमिंटन, टेबल टेनिस, तैराकी की भी सुविधा होगी। इस क्रिकेट स्टेडियम के बन जाने पर उत्तर प्रदेश ही नहीं बिहार, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के युवा खिलाड़ियों के हुनर को निखारने का यह सबसे बड़ा केंद्र होगा। प्रधानमंत्री मोदी ने 23 सितंबर, 2023 को इस अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का शिलान्यास किया था। लखनऊ मेट्रो के दूसरे फेज का होगा शिलान्यास लखनऊ के ईस्ट-वेस्ट मेट्रो कॉरिडोर का शिलान्यास नए साल में हो सकता है। यूपी मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (UPMRC) ने दूसरे चरण की मेट्रो के लिए ड्राइंग एंड डिजाइन कंसल्टेंट चुनने की प्रक्रिया तेज कर दी है। टेंडर के आधार पर कंसल्टेंट का चयन किया जाएगा। चयनित कंपनी मेट्रो स्टेशन, रूट और यात्री सुविधाओं से जुड़े सभी तकनीकी पहलुओं का अध्ययन करेगी। इसी रिपोर्ट के आधार पर आगे सिविल वर्क के टेंडर जारी होंगे। प्रस्तावित चारबाग से बसंतकुंज तक 11.2 किमी लंबे कॉरिडोर की कुल लागत करीब 5800 करोड़ रुपए होगी। इस प्रोजेक्ट में कुल 12 स्टेशन शामिल हैं। यह रूट चारबाग, अमीनाबाद, चौक जैसे पुराने और घनी आबादी वाले इलाकों से होकर गुजरेगा। डीपीआर के मुताबिक, प्रारंभिक चरण में प्रतिदिन 2-2.5 लाख यात्री इस रूट पर यात्रा कर सकते हैं। वर्ष 2035 तक 4.59 लाख और 2041 तक यह संख्या 6 लाख प्रतिदिन तक पहुंचेगी। मेट्रो फेज-2 में घनी आबादी के कारण 7 स्टेशन चारबाग, गौतम बुद्ध मार्ग, अमीनाबाद, पांडे गंज, सिटी रेलवे स्टेशन, मेडिकल कॉलेज चौराहा और निवाजगंज भूमिगत होंगे। निवाजगंज से आगे मेट्रो एलिवेटेड ट्रैक पर आ जाएगी। एलिवेटेड स्टेशन ठाकुरगंज, बालागंज, सरफराजगंज, मूसा बाग और वसंत कुंज होंगे। वसंत कुंज में ही मेट्रो डिपो बनाया जाएगा। फेज-2 के स्टेशनों पर सोलर पैनल लगाया जाएगा। इससे हर महीने करीब 2 करोड़ रुपए की बचत का लक्ष्य है। लखनऊ में एआई सिटी का काम बढ़ेगा आगे
लखनऊ में देश की पहली AI सिटी (कृत्रिम बुद्धिमत्ता शहर) बनाने की योजना पर तेजी से काम चल रहा है। खासकर नादरगंज क्षेत्र में, जहां टाटा समूह और सरकार मिलकर एक पूरा टेक इकोसिस्टम विकसित कर रहे हैं। इस पर 10,732 करोड़ रुपए का निवेश किया जा रहा है। इस एआई सिटी में AI स्टार्टअप, रिसर्च सेंटर, ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट और बड़ी आईटी कंपनियां होंगी। यहां युवाओं को AI, डेटा साइंस और साइबर सिक्योरिटी जैसी फ्यूचर स्किल्स की ट्रेनिंग मिलेगी। यूपी सरकार ने भी इसके लिए बजट में 5 करोड़ का प्रस्ताव रखा है। नए साल में एआई सिटी अपने आकार में दिखने लगेगा। सोलर ऊर्जा का हब और देश का पहला ई-वे बनेगा बुंदेलखंड
बुंदेलखंड क्षेत्र नए साल में सौर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में नया इतिहास रचेगा। केंद्र और राज्य सरकार मिलकर झांसी, ललितपुर और चित्रकूट जिलों में तीन मेगा सोलर पार्क तैयार कर रही हैं। इन परियोजनाओं का कार्य टुस्को लिमिटेड कर रही है। इससे न सिर्फ बुंदेलखंड ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि पूरे प्रदेश की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करने में भी ये अहम भूमिका निभाएगा। झांसी जिले के गरौठा तहसील क्षेत्र में 600 मेगावाट के सोलर पार्क के लिए सुजानपुरा, जलालपुरा, जसवंतपुरा, नदौरा, बरारु, पुरा, खड़ौरा और मोतीकटरा जैसे आठ गांवों में 2700 एकड़ जमीन का अधिग्रहण हुआ है। यहां 220/400 केवी ग्रिड सब-स्टेशन का निर्माण भी अंतिम दौर में है। इसी तरह चित्रकूट जिले के मऊ तहसील क्षेत्र में 15 गांवों की 3600 एकड़ जमीन लीज पर ली गई है। यहां 800 मेगावाट का सोलर पार्क बन रहा है। यह ग्रीन एनर्जी पार्क बुंदेलखंड का सबसे बड़ा सोलर पावर हब होगा। ललितपुर जिले के तालबेहट तहसील में 600 मेगावाट क्षमता वाला सोलर पार्क स्थापित किया जा रहा है। इसके लिए 9 गांवों में 2700 एकड़ जमीन अधिगृहीत की गई है। इसके अलावा बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे के किनारे 1700 हेक्टेयर में 500 मेगावाट क्षमता का सोलर पार्क लगाया जा रहा है। यह भारत का पहला सौर ऊर्जा-संचालित ई-वे बनेगा। बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट की क्षमता वाला ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर बनाया जा रहा है। 2000 मेगावाट का हिस्सा नए साल में पूरा हो जाएगा, जो रिन्युएबल एनर्जी के लिए ग्रिड कनेक्टिविटी सुधारेगा। ओबरा में बनेगा 1600 मेगावाट का अल्ट्रा-सुपरक्रिटिकल सोनभद्र जिले के ओबरा में 800 मेगावाट की दो अल्ट्रा-सुपर क्रिटिकल यूनिटों को मंजूरी मिली है। ये नई तकनीक पर आधारित होंगी और इस साल के आखिरी तक बिजली उत्पादन शुरू कर देंगी। यह कोयला आधारित ताप विद्युत परियोजना है, जो राज्य की ऊर्जा जरूरतों को पूरा करेगी। यूपी का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है, जो राज्य को ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। ———————– ये खबर भी पढ़ें- गुडबाय 2025 राम मंदिर से मायावती के कमबैक तक, यूपी में विवाद, बगावत और डैमेज कंट्रोल ने पूरे साल सुर्खियां बटोरीं साल 2025 विदा ले रहा है और 2026 दस्तक देने को तैयार है। 2025 यूपी की राजनीति में विवाद, बगावत और बड़े संदेशों का साल साबित हुआ। अयोध्या में श्रीराम मंदिर का निर्माण पूरा होने पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक दिखे। मिल्कीपुर उपचुनाव ने भाजपा को यह कहने का मौका दिया कि लोकसभा चुनाव में अयोध्या की हार सिर्फ एक झटका थी, स्थायी नुकसान नहीं। यहां पढ़े पूरी खबर


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