भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने अधिकारियों के आईडी और पासवर्ड हैक कर फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस ने इस मामले में आठ अंतर-जनपदीय जालसाजों को गिरफ्तार किया था और उनके पास से 500 जन्म प्रमाण पत्र बरामद किए थे। जालसाजों का यह नेटवर्क देशभर में फैला हुआ था, जिसके माध्यम से 2000 से अधिक फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाए गए हैं। इन फर्जी प्रमाण पत्रों के आधार पर बने आधार कार्ड भी रद्द किए जाएंगे। इस पूरे मामले की जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB) को भी दी जाएगी। जालसाजों ने पंचायत, ग्रामीण विकास और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के ई-मेल और पासवर्ड हैक कर जन्म प्रमाण पत्र बनवाए। पुलिस ने 2 दिसंबर को चंदौली जिले के विजय पुरवा निवासी शहबाज हसन, केराकत के मुरलीपुर गांव निवासी विनय यादव और चंदौली के रमदत्तपुर निवासी राम भरत मौर्य सहित तीन जालसाजों को गिरफ्तार किया था। गुरुवार को पुलिस ने जलालपुर के नहोरा गांव से पांच और अंतर-जनपदीय जालसाजों को गिरफ्तार किया। इनमें लखनऊ के प्रेम विहारी कॉलोनी निवासी अभिषेक गुप्ता, मधुबनी विहार के खरीपाकर निवासी राशिद, अमरोहा के तौली निवासी राजीव कुमार, गौतमबुद्ध नगर के हौचतपुर निवासी विक्की और मऊ के टेकई निवासी अंकित यादव उर्फ शुभम यादव शामिल हैं। यह मामला राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ा एक संवेदनशील विषय है। फर्जी जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर बने आधार कार्ड और अन्य दस्तावेजों का दुरुपयोग होने की आशंका है। अपर पुलिस अधीक्षक नगर आयुष श्रीवास्तव ने बताया कि UIDAI के अधिकारियों ने संपर्क कर रिकॉर्ड मांगे हैं। आवश्यकता पड़ने पर यह जानकारी इंटेलिजेंस ब्यूरो से भी साझा की जाएगी।
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