संभल के थाना ऐंचौड़ा कम्बोह गांव स्थित श्रीकल्कि धाम में जगद्गुरु रामभद्राचार्य द्वारा आयोजित श्रीकल्कि कथा में विश्व जागृति मिशन के परमाध्यक्ष स्वामी सुधांशु महाराज पहुंचे। उन्होंने इस कथा को एक यज्ञ बताया जिसकी सुगंध पूरे संसार में फैल रही है। स्वामी सुधांशु महाराज ने कहा कि संभल, जो किसी समय एक बड़ा तीर्थ था, अब अपने वास्तविक स्वरूप में लौट रहा है। उन्होंने इस पहल के लिए आचार्य प्रमोद कृष्णम को बधाई दी। विपक्ष द्वारा SIR के विरोध और संसद सत्र में बाधा डालने पर प्रतिक्रिया देते हुए सुधांशु महाराज ने कहा कि SIR के लिए किया जा रहा कार्य अत्यंत आवश्यक है। यह भारत देश की शक्ति को बढ़ाएगा। उन्होंने जोर देकर कहा कि जो लोग देश का हक मार रहे हैं, उनकी छंटनी होनी चाहिए। उनका मानना था कि इस देश में श्रेष्ठ लोगों का सम्मान होना चाहिए। स्वामी सुधांशु महाराज ने आगे कहा कि जो लोग देश का सम्मान नहीं करते, यहां की संस्कृति और परंपरा का मान नहीं रखते, और जो इस देश को अपना देश नहीं मानते, उनसे हमारा कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने स्पष्ट किया कि छंटनी होगी और जिनकी आवश्यकता है, वे यहीं रहेंगे। उन्होंने कहा कि चाहे वे किसी भी वर्ग के हों, यदि वे इस देश के हैं तो उनका सम्मान होना चाहिए। जो बाहर से आकर यहां वोट देकर राजनीति खराब करना चाहते हैं, उनका निस्तारण होना ही चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि विरोध प्रदर्शन होते रहेंगे, लेकिन जो कार्य चल रहा है, वह जारी रहेगा। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि प्रधानमंत्री मोदी और अन्य श्रेष्ठ लोग जो निर्णय लेते हैं, वह पूरा होकर ही रहता है। आपको बता दें कि श्रीकल्कि कथा में पहुंच रहें साधु-संत SIR का खुलकर समर्थन कर रहे हैं, उनका कहना है कि इसका विरोध करने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने कथा का गुणगान करते हुए मंच से इसका समर्थन किया है, लेकिन विपक्ष इसका विरोध करते हुए संसद सत्र को नहीं चलने दे रहा है।
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