उत्तर प्रदेश में चल रही SIR प्रक्रिया को लेकर सियासत तेज हो गई है। कांग्रेस ने सीधे तौर पर भाजपा और चुनाव आयोग की भूमिका पर सवाल खड़े करते हुए आरोप लगाया है कि वोटर लिस्ट को लेकर एक सोची-समझी साजिश के तहत डर का माहौल बनाया जा रहा है। बरेली को उदाहरण बनाकर कांग्रेस ने कहा कि अचानक लाखों मतदाताओं को अपात्र घोषित करना न सिर्फ चौंकाने वाला है, बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद को कमजोर करने की कोशिश भी है। SIR पूरी तरह से धांधली का खेल: डॉ केबी त्रिपाठी
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता डॉ केबी त्रिपाठी (गुरु जी) ने कहा कि यूपी में चल रही SIR प्रक्रिया पूरी तरह से धांधली से भरी हुई है। बरेली में ही 7 लाख 30 हजार वोटरों को अपात्र बताया जा रहा है, जो किसी भी सूरत में सामान्य नहीं हो सकता। उन्होंने आरोप लगाया कि लोगों को डराया जा रहा है, उनके मन में एक अलग तरह का पैनिक क्रिएट किया जा रहा है ताकि वे सवाल न उठा सकें। चुनाव आयोग को एजेंसी बनाकर प्रक्रिया बाधित करने का आरोप
डॉ त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा ने चुनाव आयोग को अपनी एजेंसी की तरह इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। मकसद साफ है कि चुनाव की प्रक्रिया पर से लोगों का भरोसा उठ जाए। उन्होंने सवाल किया कि आज तक कभी ऐसा नहीं हुआ कि अचानक एक जिले में 7 लाख से ज्यादा अपात्र वोटर निकल आए हों। यह स्थिति खुद में पूरी प्रक्रिया को संदेह के घेरे में लाती है। BLO पर गंभीर सवाल, घर तक नहीं पहुंचे अधिकारी
कांग्रेस प्रवक्ता ने BLO की कार्यशैली पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि बीएलओ अभी तक कई इलाकों में लोगों के घरों तक पहुंचे ही नहीं हैं। लोग खुले तौर पर कह रहे हैं कि उन्हें अब तक फॉर्म ही नहीं मिला। कुछ का कहना है कि फॉर्म जमा कर दिया गया, लेकिन उसकी एंट्री ही नहीं हुई। इसके बावजूद यह दावा किया जा रहा है कि SIR का काम शत प्रतिशत पूरा हो गया है, जो हकीकत से कोसों दूर है। समय बढ़ाने की उलझन और नई आशंका
डॉ केबी त्रिपाठी ने बताया कि कांग्रेस ने पहले ही SIR की समय-सीमा बढ़ाने की मांग की थी, लेकिन तब सरकार तैयार नहीं थी। पहले इसे 30 दिन में पूरा करना था, फिर एक सप्ताह और उसके बाद दो सप्ताह का समय बढ़ा दिया गया। अब जब दो सप्ताह और बढ़ चुके हैं, तो कहा जा रहा है कि सारा काम पूरा हो गया। उन्होंने सवाल किया कि जब काम पूरा हो चुका है, तो फिर इन दो सप्ताह में आखिर होगा क्या। दो हफ्तों में गड़बड़ी की आशंका
कांग्रेस नेता ने आशंका जताई कि इन अतिरिक्त दो हफ्तों में बड़े स्तर पर धांधली की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस दौरान डबल नाम जोड़े जाएंगे और जो सही व पात्र नाम हैं, उन्हें हटाया जाएगा। यह पूरी प्रक्रिया पारदर्शिता के बजाय संदेह और अविश्वास पैदा कर रही है। डिटेंशन सेंटर की क्रोनोलॉजी और डर का माहौल
डॉ त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि SIR के साथ-साथ डिटेंशन सेंटर की एक क्रोनोलॉजी जानबूझकर बनाई जा रही है। मुख्यमंत्री योगी लगातार डिटेंशन सेंटर की बात कर रहे हैं, जिससे दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग के लोगों में डर बैठाया जा सके। उनका कहना है कि वोट कटने की शिकायत करने पर लोगों को डिटेंशन सेंटर भेजे जाने का भय दिखाया जा रहा है। डिटेंशन सेंटर सिर्फ डराने का हथकंडा
उन्होंने साफ कहा कि डिटेंशन सेंटर भेजने के लिए सरकार के पास कोई ठोस आधार या व्यक्ति नहीं है। यह सिर्फ डर दिखाने का तरीका है। SIR का समय बढ़ाने का असली मकसद भी यही है कि पात्र लोगों को अपात्र घोषित किया जाए और कई लोगों के डबल वोट बना दिए जाएं। बरेली कैंट में सबसे ज्यादा अपात्र वोटर, सियासी संकेत
डॉ केबी त्रिपाठी ने बरेली कैंट विधानसभा का जिक्र करते हुए कहा कि यहां सबसे ज्यादा 1 लाख 38 हजार वोटरों को अपात्र बताया गया है। उन्होंने कहा कि कैंट विधानसभा हमेशा से विपक्ष के जीतने की स्थिति में रही है। सत्ता के गलियारों में यह चर्चा आम रही है कि बरेली कैंट सीट शासन और प्रशासन के सहयोग से भाजपा जीतती रही है। कैंट का वोटर भाजपा को नहीं जिताता
कांग्रेस प्रवक्ता का कहना है कि कैंट विधानसभा का वोटर स्वभाव से भाजपा के पक्ष में नहीं रहा है। इसलिए SIR के आंकड़े इस तरह से क्रिएट किए जा रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि भाजपा दोबारा जीत सके। उन्होंने आरोप लगाया कि यह पूरी कवायद चुनावी गणित साधने के लिए की जा रही है। BLA के जरिए वोटर लिस्ट में खेल
डॉ त्रिपाठी ने आरोप लगाया कि भाजपा के BLA अपनी विचारधारा से जुड़े लोगों के वोट बनवा रहे हैं। जो लोग भाजपा से इत्तेफाक नहीं रखते, उनके वोट कटवाए जा रहे हैं। लगातार उन्हें अपात्र घोषित करने की कोशिश की जा रही है, क्योंकि इन इलाकों में दलित, अल्पसंख्यक और अति पिछड़े वर्ग की बड़ी आबादी रहती है। दलित, अल्पसंख्यक और पिछड़ों को निशाना बनाने का आरोप
कांग्रेस नेता ने कहा कि इन वर्गों को अपात्र घोषित करने की एक सुनियोजित साजिश चल रही है। वोटर लिस्ट में बदलाव का सबसे बड़ा असर इन्हीं तबकों पर पड़ रहा है, जो लोकतंत्र के लिए बेहद खतरनाक संकेत है। राहुल गांधी का सीधा हमला, आयोग पर सवाल
डॉ केबी त्रिपाठी ने राहुल गांधी के बयान का हवाला देते हुए कहा कि राहुल गांधी ने साफ कहा है कि हमारी लड़ाई भाजपा से नहीं, बल्कि चुनाव आयोग से है। जब BLA नियुक्त करने का अधिकार और पूरी प्रक्रिया आयोग के अधीन है, तो फिर निष्पक्षता कैसे सुनिश्चित होगी। कांग्रेस के BLA फॉर्म की फीडिंग तक नहीं
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के जहां भी BLA बनाने के फॉर्म जमा किए गए हैं, उनकी फीडिंग तक नहीं की जा रही। 20 नवंबर को जमा किए गए फॉर्म आज तक सिस्टम में नहीं दिख रहे हैं, जबकि भाजपा के BLA पहले से ही पूरी तरह तैयार हैं। BLO और भाजपा BLA की मिलीभगत का आरोप
डॉ केबी त्रिपाठी ने कहा कि भाजपा ने इस पूरी प्रक्रिया को हाईजैक कर लिया है। अपने लोगों को BLA बताकर, पेड लोगों को लगाकर उनसे इस तरह के काम लिए जा रहे हैं। BLO और भाजपा के BLA की मिलीभगत से ही ऐसे आंकड़े सामने आ रहे हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए गंभीर खतरा हैं।
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