पहले काम आराम से हो जाता था। जब से SIR आया है काम करना मुश्किल हो गया है। ऐसा लग लग रहा है जैसे ये लोगों की जान लेने के लिए ही आया है। मेरे देवर SIR का प्रेशर नहीं झेल पाए। इसलिए उन्हें अपनी जान गंवानी पड़ी। SIR के कारण न जाने कितने अभी और शहीद होंगे। तीन महीने पहले ही देवर की पत्नी की मौत हुई थी, अब वो भी नहीं रहे। उनकी बेटी रोज पूछती है कि पापा कब आएंगे। जहां मम्मी की फोटो रखी है, वहीं पापा की फोटो कब लगेगी। उनकी फोटो पर माला क्यों लटकी हुई है। मुझे समझ में नहीं रहा उनके सवालों के मैं क्या जवाब दूं।” ये कहना है बरेली में SIR की ड्यूटी के दौरान जान गंवाने वाले BLO सर्वेश कुमार गंगवार की भाभी शशिबाला का। वह सहायक अध्यापक हैं। भास्कर रिपोर्टर ने उनसे बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अपनी आपबीती बयान की। आइए जानते हैं उन्होंने क्या कुछ कहा है। सबसे पहले पूरा मामला पढ़िए 26 नवंबर को ड्यूटी के दौरान बेहोश होकर गिरे, अस्पताल में मौत सर्वेश कुमार गंगवार (47) कर्मचारी नगर की कृष्णा होम्स कॉलोनी के रहने वाले थे। 2015 में उन्हें सहायक अध्यापक की नौकरी मिली थी। वह भोजीपुरा ब्लॉक के परधौली गांव में स्थित प्राथमिक विद्यालय में तैनात थे। उनकी ड्यूटी SIR (Special Intensive Revision)में लगी थी। 26 नवंबर को सुबह करीब साढ़े 10 बजे वो अचानक बेहोश गिर पड़े। लोग उन्हें अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही मौके पर डीएम अविनाश सिंह, एडीएम सदर प्रमोद कुमार समेत कई अधिकारी पहुंचे। उन्होंने घटना की जानकारी ली। BLO पर जबरदस्ती प्रेशर बनाया जा रहा है
सर्वेश कुमार की भाभी शशिबाला सहायक अध्यापक हैं। उन्होंने बताया कि उनके पति योगेश गंगवार भी टीचर हैं। उन्हें बीएलओ बनाया गया है। उन्हें एक नवंबर को फॉर्म बांटने के लिए कहा, लेकिन 14 नवंबर को फॉर्म दिए गए। उसके बाद से उन्हें तुरंत कहा जा रहा है कि रिपोर्ट दीजिए। BLO ऐसी स्थिति में क्या करेगा? वह दिन-रात काम कर रहा है। टीचर कभी भी काम से नहीं डरता। काम करने के लिए ही नौकरी कर रहे हैं। लेकिन जबरदस्ती का प्रेशर बनाना, कम समय में जरूरत से ज्यादा काम लेना-ये गलत है। अधिकारी फोन करके मेरे हसबैंड को लताड़ते हैं
मेरे पति योगेश सुबह 7 बजे से रात 11-12 बजे तक काम करते हैं। अगर रात को किसी वजह से ARO का फोन नहीं उठा पाते, तो सुबह 6 बजे उन्हें डांटा जाता है। मैं खुद कैंसर की मरीज हूं, क्या हम लोग थोड़ी देर भी सो नहीं सकते? सुबह मेरे पति को लताड़ा जाता है। यह बहुत गलत है। बच्चों की परवरिश के लिए छोटे भाई ने छोड़ी नौकरी सर्वेश पांच भाई बहन थे। उनकी पत्नी की तीन महीने पहले ही मौत हो गई थी। सर्वेश के लिए बच्चों की परवरिश करना मुश्किल हो रहा था। इसलिए उनके छोटे भाई ने अपनी नौकरी छोड़ दी। वही बच्चों को स्कूल लेकर जाते थे और लेकर आते थे। अब जब बच्चों के पिता(सर्वेश) भी नहीं रहे, तो उनकी अच्छी परवरिश के लिए सर्वेश के छोटे भाई को सरकारी नौकरी मिलनी चाहिए। सरकार की ओर से अभी तक नहीं मिली कोई सहायता
अभी तक सरकार की ओर से कोई सहायता नहीं मिली है। सिर्फ आश्वासन मिला है। डीएम अविनाश सिंह आए थे। उन्होंने कहा था कि अधिकारी एक दिन का वेतन देंगे, जिसकी एफडी बच्चों के लिए बनाई जाएगी। मेरे देवर को संविदा पर नौकरी देने की बात कही है। लेकिन संविदा पर नौकरी क्यों करें? मेरे देवर NEET क्वालिफाई हैं, पीएचडी कर रहे हैं। पांच भाई बहनों में दूसरे नंबर के थे सर्वेश सर्वेश गंगवार 5 भैया बहनों में दूसरे नंबर के थे। सबसे बड़े भाई योगेश गंगवार भी सहायक अध्यापक है। सर्वेश के दो छोटे भाई अमित और नीरेंद्र है। अमित नेट क्वालीफाई है। जबकि सबसे छोटा भाई नीरेंद्र है। वो भी अभी बेरोजगार है। बहन वीणा की शादी पीलीभीत में हुई थी। परिवार में अब सिर्फ एक महिला है, जो योगेश गंगवार की पत्नी है। वो खुद भी सहायक अध्यापक है। सर्वेश के 5 साल के दो जुड़वा बच्चे-अहाना और अयांश हैं। बच्चों के दादी बाबा की कई साल पहले ही डेथ हो चुकी है। ये खबर भी पढ़िए- यूपी में बस में लगी भीषण आग, 3 जिंदा जले: यात्री शीशा तोड़कर कूदे, 24 झुलसे; ट्रक की टक्कर के बाद हादसा यूपी के बलरामपुर में ट्रक की टक्कर के बाद बस में आग लग गई। इस दौरान 3 लोग जिंदा जल गए और 24 अन्य झुलस गए। इनमें 6 की हालत गंभीर बताई जा रही है। बस (UP 22 AT 0245) नेपाल बॉर्डर के पास सुनौली से रवाना हुई थी और दिल्ली जा रही थी। बस में सवार 45 यात्री सवार थे। अधिकांश नेपाल के थे। बस के चालक और कंडक्टर का अब तक पता नहीं चल पाया है। पढ़ें पूरी खबर…
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